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कोरोना वैक्सीनेशन के लिए बनाए 1242 फोकल प्वाइंट - कोरोना वायरस

कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश के 1242 स्थानों पर फोकल प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. इन फोकल प्वाइंट के जरिए वैक्सीनेशन सेंटर पर एक घंटे में वैक्सीन पहुंचाई जाएगी.

1242 focal points created for corona vaccination
कोरोना वैक्सीनेशन
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Published : Jan 6, 2021, 8:46 PM IST

भोपाल। कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश के 1242 स्थानों पर फोकल प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. इन फोकल प्वाइंट के जरिए वैक्सीनेशन सेंटर पर एक घंटे में वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. 8 जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना टीकाकरण का ड्राय रन किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चैधरी ने इसे पूरी गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं.

प्रदेश में बनाए गए 1242 फोकल प्वाइंट

राजधानी भोपाल में वैक्सीनेशन के ड्राय रन के बाद प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों के वैक्सीनेशन केन्द्रों तक वैक्सीनेशन पहुंचाने और इसके स्टोरेज की तैयारियों में विभाग जुटा हुआ है. टीकाकरण केन्द्रों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए प्रदेश भर में 1242 फोकल प्वाइंट केन्द्र बनाए हैं. इनमें भोपाल में 17 फोकल प्वाइंट बनाए गए हैं. वहीं प्रदेश में वैक्सीन के स्टोरेज के लिए भारत सरकार से प्रदेश को 411 नए आइस लाइन रेफ्रिजरेटर मिले हैं.

प्रदेश में पहले से 12 वाकिंग कूलर या फ्रीजर मौजूद हैं. यह सभी प्रदेश के बड़े शहरों में ही मौजूद है. एक आइस लाइन रेफ्रिजरेटर में 90.5 लीटर यानी 36 हजार 600 टीके के डोज रखे जा सकेंगे. इस तरह प्रदेश में डेढ़ करोड़ वैक्सीन के स्टोरेज की क्षमता विकसित हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के संक्रमण से प्रभावित के हिसाब से जिलों में आइस लाइन रेफ्रिजरेटर भेजे जाएंगे. आइस लाइन रेफ्रिजरेटर से वैक्सीन को फोकल प्वाइंट तक पहुंचाने के लिए कोल्ड बॉक्स का उपयोग किया जाएगा. भोपाल में ही करीबन 500 कोल्ड बॉक्स की जरूरत होगी.

जीपीएस से जोड़े जाएंगे आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर

आइस लाइन रेफ्रिजरेटर का तापमान 2 से 8 डिग्री तक रखा जा सकता है. इन रेफ्रिजरेटर में वैक्सीन का टेम्प्रेचर की निगरानी के लिए इसे जीपीएस से भी जोड़ा जाएगा. निर्धारित मापदंड से तापमान कम होने पर ऑटोमेटिक मैसेज जनरेट होकर संबंधित अधिकारियों तक पहुंचेगा. मैसेज के जरिए अधिकारियों तक अलर्ट पहुंच जाएगा. इससे समय रहते व्यवस्थाएं बेहतर की जा सकेंगी. यह व्यवस्था इसलिए की गई है क्योंकि लाइट जाने पर वैक्सीन खराब न हा सकें. हालांकि सभी संबंधित अस्पताल में जनरेटर के बैकअप की भी व्यवस्था की जा रही है.

प्रदेश में सबसे पहले हेल्थवकर्स को लगेगा टीका

मध्यप्रदेश में सबसे पहले प्रदेश के चार लाख स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. भोपाल में 25 हजार 400 स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीनेशन के लिए चिन्हित किया गया है. राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोश शुक्ला के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण में करीबन एक हफ्ते का वक्त लगेगा. वैक्सीनेशन सरकारी प्राथमिक केन्द्र, सिविल डिस्पेंसरी, जिला अस्पताल में ही कराए जाने का विचार है. भोपाल में इनके अलावा गैस राहत, बीएचईएल के अस्पताल में भी वैक्सीनेशन किया जा सकता है. इन सभी में पहले से डीप फ्रीजर की व्यवस्था है.

भोपाल। कोरोना वैक्सीनेशन के लिए प्रदेश के 1242 स्थानों पर फोकल प्वाइंट बनाए जा रहे हैं. इन फोकल प्वाइंट के जरिए वैक्सीनेशन सेंटर पर एक घंटे में वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. 8 जनवरी को प्रदेश के सभी जिलों में कोरोना टीकाकरण का ड्राय रन किया जाएगा. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चैधरी ने इसे पूरी गंभीरता से करने के निर्देश दिए हैं.

प्रदेश में बनाए गए 1242 फोकल प्वाइंट

राजधानी भोपाल में वैक्सीनेशन के ड्राय रन के बाद प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों के वैक्सीनेशन केन्द्रों तक वैक्सीनेशन पहुंचाने और इसके स्टोरेज की तैयारियों में विभाग जुटा हुआ है. टीकाकरण केन्द्रों तक वैक्सीन पहुंचाने के लिए प्रदेश भर में 1242 फोकल प्वाइंट केन्द्र बनाए हैं. इनमें भोपाल में 17 फोकल प्वाइंट बनाए गए हैं. वहीं प्रदेश में वैक्सीन के स्टोरेज के लिए भारत सरकार से प्रदेश को 411 नए आइस लाइन रेफ्रिजरेटर मिले हैं.

प्रदेश में पहले से 12 वाकिंग कूलर या फ्रीजर मौजूद हैं. यह सभी प्रदेश के बड़े शहरों में ही मौजूद है. एक आइस लाइन रेफ्रिजरेटर में 90.5 लीटर यानी 36 हजार 600 टीके के डोज रखे जा सकेंगे. इस तरह प्रदेश में डेढ़ करोड़ वैक्सीन के स्टोरेज की क्षमता विकसित हो गई है. अधिकारियों के मुताबिक कोरोना के संक्रमण से प्रभावित के हिसाब से जिलों में आइस लाइन रेफ्रिजरेटर भेजे जाएंगे. आइस लाइन रेफ्रिजरेटर से वैक्सीन को फोकल प्वाइंट तक पहुंचाने के लिए कोल्ड बॉक्स का उपयोग किया जाएगा. भोपाल में ही करीबन 500 कोल्ड बॉक्स की जरूरत होगी.

जीपीएस से जोड़े जाएंगे आइस लाइंड रेफ्रिजरेटर

आइस लाइन रेफ्रिजरेटर का तापमान 2 से 8 डिग्री तक रखा जा सकता है. इन रेफ्रिजरेटर में वैक्सीन का टेम्प्रेचर की निगरानी के लिए इसे जीपीएस से भी जोड़ा जाएगा. निर्धारित मापदंड से तापमान कम होने पर ऑटोमेटिक मैसेज जनरेट होकर संबंधित अधिकारियों तक पहुंचेगा. मैसेज के जरिए अधिकारियों तक अलर्ट पहुंच जाएगा. इससे समय रहते व्यवस्थाएं बेहतर की जा सकेंगी. यह व्यवस्था इसलिए की गई है क्योंकि लाइट जाने पर वैक्सीन खराब न हा सकें. हालांकि सभी संबंधित अस्पताल में जनरेटर के बैकअप की भी व्यवस्था की जा रही है.

प्रदेश में सबसे पहले हेल्थवकर्स को लगेगा टीका

मध्यप्रदेश में सबसे पहले प्रदेश के चार लाख स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जाएगा. भोपाल में 25 हजार 400 स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीनेशन के लिए चिन्हित किया गया है. राज्य टीकाकरण अधिकारी डॉ. संतोश शुक्ला के मुताबिक स्वास्थ्यकर्मियों के टीकाकरण में करीबन एक हफ्ते का वक्त लगेगा. वैक्सीनेशन सरकारी प्राथमिक केन्द्र, सिविल डिस्पेंसरी, जिला अस्पताल में ही कराए जाने का विचार है. भोपाल में इनके अलावा गैस राहत, बीएचईएल के अस्पताल में भी वैक्सीनेशन किया जा सकता है. इन सभी में पहले से डीप फ्रीजर की व्यवस्था है.

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