नासिक/भोपाल। शहर में कोरोना वायरस (Corona infection) के केसेस तेजी से बढ़ रहे हैं. नासिक में हर दिन कोरोना संक्रमण के 2,000 मामले आ रहे हैं और 20 से 22 मरीजों की संक्रमण के चलते मौत हो रही है. बीते मंगलवार को ही नासिक में चक्कर आने से एक ही दिन में 11 मरीजों की मौत (11 patients died of dizziness) हो गई, जिससे चिंता बढ़ गई. इन मृत व्यक्तियों के कोरोना परीक्षण में, 5 व्यक्तियों की रिपोर्ट सकारात्मक आई है. चार दिन पहले, नौ लोगों की उसी दिन चक्कर आने से मृत्यु हो गई. अधिकांश अस्पतालों में पर्याप्त बेड नहीं हैं और अन्य बीमारियों के मरीज इलाज से वंचित हैं. ऐसे में मरीजों को इलाज नहीं मिलता है, इसलिए रोगी घोटालों की संख्या बढ़ गई है
चक्कर आने के कारण
किसी भी गंभीर बीमारी जैसे चक्कर आना, आंखों के नीचे काले घेरे, थकान, कमजोरी महसूस करना, आंखों को लुढ़कना, आंखों के नीचे काले घेरे, हृदय रोग से लेकर एनीमिया तक हो सकते हैं. एनीमिया के लक्षण (Symptoms of anemia) के साथ-साथ निम्न रक्तचाप, दवाएं, कमजोर जोड़ों, मधुमेह, आतंक हमलों, दिल की समस्याओं, तनाव से चक्कर आना और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है. ऐसे मामलों में तत्काल चिकित्सा सलाह की आवश्यकता होती है.
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डॉक्टर ले परामर्श
नासिक शहर (Nashik city) में 95 प्रतिशत कोरोना का इलाज घर पर किया जाता है. रोगी को ठीक होने के बाद कम से कम 15 दिनों तक देखभाल करना महत्वपूर्ण है. ठीक होने वाले मरीज को छह मिनट के वॉक टेस्ट की जरूरत होती है. वृद्ध, पुरुषों और महिलाओं को बरामद किया गया है, जिन्हें परीक्षण करने की आवश्यकता है. रक्त ऑक्सीजन को मापने के लिए एक पल्स ऑक्सीमीटर का उपयोग किया जाना चाहिए और अगर इसमें 90 से कम ऑक्सीजन है, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करें, साथ ही, कुछ रोगियों में कोरोना को लेकर आशंका है. साथ ही, कुछ लोग डरे हुए हैं. इसलिए, फोबिया के कारण कुछ लोगों को दिल का दौरा पड़ सकता है. घबराहट में गिरना, सिरदर्द या निर्जलीकरण होने जैसे लक्ष्ण होते हैं.