भोपाल। प्रदेश की राजधानी अब कोरोना की राजधानी में तब्दील होती जा रही है. यहां का पॉजिटिविटी और डेथ रेट तेजी से बढ़ रहा है. स्थिति अब ये हो गई है कि, श्मशान में दाह संस्कार तक की जगह नहीं बची. भोपाल के भदभदा घाट में शनिवार को पहली बार रिकॉर्ड 118 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इनमें कोरोना संक्रमितों के ही कुल 100 शव थे. कोरोना संक्रमितों के 100 शवों में 66 भोपाल और 34 शव बाहर के थे. श्मशान घाट में अब शव जलाने के लिए लकड़ियां तक खत्म होने लगी हैं.
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अंतिम संस्कार के लिए एडवांस में हो रही बुकिंग
विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है. जबकि इस श्मशान में वन विभाग हर रोज 2 से 3 ट्रक लकड़ी उपलब्ध करा रहा है. इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाएं भी 1 से 2 ट्रक लकड़ी यहां दे रहे हैं. वहीं अब ज्यादातर अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह ग्रह में भी होने लगे हैं. इसके अलावा विश्राम घाट पर अस्थाई स्टैंड बना कर भी लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. यही हालात राजधानी के कब्रिस्तानों का भी है. यहां एडवांस में कब्र खोदी जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछले साल एक दिन में कभी भी 10-12 से ज्यादा शव नहीं आए. लेकिन अब स्थिति बेहद ही खराब होती जा रही है.