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इस शतक से कोई खुश नहीं, कोरोना से एक दिन में 100 मौत

राजधानी भोपाल में कोरोना का कहर जारी है. शनिवार को राजधानी के भदभदा विश्रामघाट में रिकॉर्ड 118 शव जलाए गए. जिनमें से 100 शव कोरोना संक्रमितों के थे. अकेले राजधानी में ही 66 लोगों ने कोरोना से दम तोड़ दिया.

100 deaths in a day due to Corona virus in bhopal
इस शतक से कोई खुश नहीं, कोरोना से एक दिन में 100 मौत
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Published : Apr 25, 2021, 1:31 PM IST

Updated : Apr 25, 2021, 4:18 PM IST

भोपाल। प्रदेश की राजधानी अब कोरोना की राजधानी में तब्दील होती जा रही है. यहां का पॉजिटिविटी और डेथ रेट तेजी से बढ़ रहा है. स्थिति अब ये हो गई है कि, श्मशान में दाह संस्कार तक की जगह नहीं बची. भोपाल के भदभदा घाट में शनिवार को पहली बार रिकॉर्ड 118 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इनमें कोरोना संक्रमितों के ही कुल 100 शव थे. कोरोना संक्रमितों के 100 शवों में 66 भोपाल और 34 शव बाहर के थे. श्मशान घाट में अब शव जलाने के लिए लकड़ियां तक खत्म होने लगी हैं.

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अंतिम संस्कार के लिए एडवांस में हो रही बुकिंग

विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है. जबकि इस श्मशान में वन विभाग हर रोज 2 से 3 ट्रक लकड़ी उपलब्ध करा रहा है. इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाएं भी 1 से 2 ट्रक लकड़ी यहां दे रहे हैं. वहीं अब ज्यादातर अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह ग्रह में भी होने लगे हैं. इसके अलावा विश्राम घाट पर अस्थाई स्टैंड बना कर भी लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. यही हालात राजधानी के कब्रिस्तानों का भी है. यहां एडवांस में कब्र खोदी जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछले साल एक दिन में कभी भी 10-12 से ज्यादा शव नहीं आए. लेकिन अब स्थिति बेहद ही खराब होती जा रही है.

भोपाल। प्रदेश की राजधानी अब कोरोना की राजधानी में तब्दील होती जा रही है. यहां का पॉजिटिविटी और डेथ रेट तेजी से बढ़ रहा है. स्थिति अब ये हो गई है कि, श्मशान में दाह संस्कार तक की जगह नहीं बची. भोपाल के भदभदा घाट में शनिवार को पहली बार रिकॉर्ड 118 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. इनमें कोरोना संक्रमितों के ही कुल 100 शव थे. कोरोना संक्रमितों के 100 शवों में 66 भोपाल और 34 शव बाहर के थे. श्मशान घाट में अब शव जलाने के लिए लकड़ियां तक खत्म होने लगी हैं.

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विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियों की कमी हो रही है. जबकि इस श्मशान में वन विभाग हर रोज 2 से 3 ट्रक लकड़ी उपलब्ध करा रहा है. इसके अलावा अन्य सामाजिक संस्थाएं भी 1 से 2 ट्रक लकड़ी यहां दे रहे हैं. वहीं अब ज्यादातर अंतिम संस्कार इलेक्ट्रिक शवदाह ग्रह में भी होने लगे हैं. इसके अलावा विश्राम घाट पर अस्थाई स्टैंड बना कर भी लोगों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. यही हालात राजधानी के कब्रिस्तानों का भी है. यहां एडवांस में कब्र खोदी जा रही है. बताया जा रहा है कि पिछले साल एक दिन में कभी भी 10-12 से ज्यादा शव नहीं आए. लेकिन अब स्थिति बेहद ही खराब होती जा रही है.

Last Updated : Apr 25, 2021, 4:18 PM IST
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