भिंड। आपदा या परेशानी में राज्य के नागरिक किसान और हर वर्ग के लोगों के लिए सरकारें योजनाएं बनाई हैं ऐसी जान हितैषी योजनाएं जिनका लाभ उनके जीवन को सरल बना सके. इन योजनाओं का क्रियान्वयन कराने और लोगों को आर्थिक मदद देने के लिए जिला प्रशासन के जरिए किया जाता है, प्राकृतिक आपदा के समय होने वाले जान माल के नुकसान की भरपाई शासन मुआवजे के रूप में करता है, लेकिन भिंड जिले में किस तरह लोग फर्जी तरीके से शासन की योजनाओं का लाभ लेने के लिए जोड़तोड़ करते हैं और सरकारी अधिकारी उनकी मदद के नाम पर भ्रष्टाचार के लिए लूपहोल ढूंढते हैं इसका एक नमूना भिंड में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है.
मारी भैंस की फ़र्ज़ी पीएम रिपोर्ट: मामला भिंड जिले के मेहगांव अनुभाग के भारौली गांव का है यहां रहने वाले किसान कल्लू उर्फ कल्याण सिंह राजावत की भैंस की कुएं में गिरने से मौत हो गई थी, मृत भैंस के नाम पर फर्जी तरीके से मुआवजा लेने कल्याण सिंह ने प्रयास किया और मेहगांव ब्लॉक मेडिकल पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ भूपेंद्र भदोरिया से संपर्क किया. दोनों के बीच मुआवजा राशि का बंदरबांट करने का प्लान भी तय हो गया. डॉक्टर द्वारा ढाई हजार रुपए लेकर भैंस की पीएम रिपोर्ट में मौत को अचानक कुएं में गिरने की जगह आकाशीय बिजली को वजह बताकर मौत की बात लिखकर मुआवजा प्राप्त करने का तोड़ निकाला गया. जिसके लिए किसान कल्याण सिंह को पशु चिकित्सक भूपेंद्र सिंह भदौरिया ने मेहगांव बुलाया और वहां पर ढाई हजार रुपए की मांग की. किसान ने अपनी गरीबी का हवाला देते हुए दो हजार रुपये देने की बात कही, पहले तो आरोपी डॉक्टर इतने में राजी नहीं हुआ लेकिन बाद में हामी भर दी और रुपय रख लिए.
पटवारी का भी रेट बताते नजर आए ‘डॉक्टर साहब’: दोनों पक्षों की बातचीत सुनकर वहीं पास खड़े किसी व्यक्ति ने लेनदेन करते हुए वीडियो अपने मोबाइल फोन में कैद कर लिया जो गुरुवार को भिंड में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. इस वीडियो में पशु चिकित्सा अधिकारी यह भी कहते हुए दिख रहे हैं, कि “नहीं है तो किसी और डॉक्टर से बनवा लो. अगर आप पटवारी से भी लिखवाएंगे तो वह पांच हजार रुपये लेगा, यहां तो मैं केवल ढाई हजार ले रहा हूं, उनको जल्दी दीजिए.” ऐसे में यह साफ दिख रहा है कि शासन द्वारा दी जाने वाली मुआवजा राशि की प्रक्रिया में लूप हॉल का लाभ उठा कर किस तरह शासन को चूना लगाने की साजिश हो रही है.
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उपसंचालक ने जारी किया शोकॉज नोटिस: इस संबंध में जब पशुपालन एवं डेयरी विभाग के उपसंचालक डॉ आरएस भदौरिया से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वीडियो उन्होंने अभी देखा है और उसमें डॉक्टर रिश्वत लेते भी दिख रहे है, लिहाजा उनको नोटिस देकर जवाब मांगा गया है जवाब आने के उपरांत यदि जवाब संतुष्टिजनक नहीं हुआ तो शासन को इनके निलंबन की कार्रवाई के संबंध में पत्राचार कर कार्रवाई को जाएगी.