भिंड। भारत सरकार ने कोरोना वायरस महामारी से बचाव के लिए कई कदम उठाए हैं. इसके लिए लॉकडाउन को पूरे देश में लागू करवाना, रेल यातायात ठप करना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना प्रमुख है. मोदी सरकार शुरू से ही डिजिटल भारत का कंसेप्ट लेकर चल रही है और इस वैश्विक महामारी में लिए गए फैसलों में भी केंद्र सरकार ने डिजिटल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया है. सरकार इसलिए 'आरोग्य सेतु' ऐप लेकर आई है. जिससे यह पता चल सके कि आप के क्षेत्र में कितने कोरोना पॉजिटिव मरीज हैं और यदि कोई पॉजिटिव केस उस क्षेत्र के आसपास है. तो ये ऐप आपको अलर्ट करेगा.
लेकिन आरोग्य सेतु ऐप में बड़ी खामी देखने में आ रही है. क्योंकि जो डेटा आरोग्य सेतु ऐप दिखाया जा रहा है वो वास्तविक डेटा से मेल नहीं खा रहा है. भिंड जिले में कोरोना संक्रमण के कुल 15 मरीज हैं, लेकिन आरोग्य सेतु पर सिर्फ एक ही मरीज दिखा रहा है. इससे आरोग्य सेतु यूजर्स भ्रामित हो रहे हैं. उन्हें यह ऐप सटीक जानकारी देने में समर्थ साबित हो रहा है.
लेकिन भिंड कलेक्टर छोटे सिंह इस बात से इंकार करते हैं कि आरोग्य सेतु ऐप में कोई तकनीकी खामी है. इसके पीछे कलेक्टर बताते हैं कि जो लोग ऐप को यूज कर रहे हैं वो डाउनलोड के दौरान उसमें मांगी गई सही जानकारी नहीं भरते हैं. इसके अलावा आयोग्य सेतु ऐप को समय-समय पर अपडेट करना होता है जो वो नहीं करते हैं. इन वजहों से लोगों को इन सब परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि कि कलेक्टर इस बात से भी इंकार नहीं कर रहे हैं कि जब कोई नया कोरोना संक्रमण का केस सामने आता है तो ऐप में तुरंत फिडिंग करने के लिए एक्सपर्ट होना चाहिए. जिससे कई बार ऐप सही आंकड़े दिखा नहीं पाता है.
किस तरह काम करता है 'आरोग्य सेतु' ऐप
आरोग्य सेतु एप यूजर फ्रेंडली इंटरफेस के साथ आता है. यह एक सेल्फ रजिस्टर टाइप एप्लीकेशन है. जो यूजर से उसके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी पूछता है और उसी के आधार पर अपने सिस्टम में डाटा फीड करता है. इस ऐप को एंड्रॉयड यूजर्स गूगल प्ले स्टोर और एप्पल iOS यूजर्स एप्पल के एप स्टोर से इंस्टॉल कर सकते हैं. एप फोन लोकेशन और ब्लूटूथ सेंसर की मदद से यूजर की मूवमेंट को लगातार ट्रैक करता है या यूजर को ट्रैक कर संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर अलर्ट भी करता है. यूजर इंटरफेस को हिंदी या अंग्रेजी भाषा में अपनी सहूलियत के मुताबिक सेट किया जा सकता है. इसमें आपको एक सेल्फ एसेसमेंट टेस्ट यानी स्व परीक्षण करना होता है. सिस्टम आपसे स्वास्थ्य संबंधी जानकारी मांगता है और आपके द्वारा भरी गई जानकारी के आधार पर तय करता है कि आप कोरोना वायरस के लक्षण के अंतर्गत है. पीड़ित हैं यह सुरक्षित हैं और यही स्टेटस अपने सर्वर पर भी अपडेट करता है. इसी तरह इस मल्टी यूजर एप्लीकेशन में लोगों द्वारा भरा गया डाटा आप को सुरक्षित रहने में मदद करता है.
ऐप में स्व परीक्षण भी है जरूरी आरोग्य सेतु
ऐप अपने मोबाइल में इंस्टॉल कर लेने मात्र से काम नहीं चलता आपको अपनी स्थिति स्व परीक्षण में बताना भी आवश्यक है. क्योंकि आपकी बताई जानकारी ही सर्वर पर अपडेट होगी. लोग प्रशासन या परिचित के कहने पर आरोग्य सेतु ऐप इंस्टॉल तो कर लेते हैं, लेकिन स्व परीक्षण के समय पूछे गए सवालों में घबराकर सही जानकारी नहीं भरते या स्वपरीक्षण ही नहीं करते हैं. जिसकी वजह से गलत और अधूरी जानकारी अपडेट होती है, जिसकी वजह से भी अक्सर कन्फ्यूजन की स्थिति बन जाती है. इसलिए स्व परीक्षण करना बेहद जरूरी है. इस टेस्ट के जरिए आपको अपने स्वास्थ्य और कोरोना से बचाव में भी मदद मिलेगी.