भिंड। हमारे देश में एक मुस्लिम भगवान के दर्शन करने मंदिर जाता है, तो वहीं एक हिंदू हाजी अली की दरगाह पर चादर चढ़ाता है. हम सभी इस देश में वसुधैव कुटुंबकम की भावना को साकार करते हैं और यही भारत की खूबसूरती है. इसी खूबसूरती का नजारा इन दिनों मध्यप्रदेश के भिंड जिले में देखने को मिल रहा है. यहां एक भागवत कथा के आयोजन पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं क्यूंकि इस भागवत कथा में परीक्षित बने हैं स्वयं हनुमान और एक मुस्लिम परिवार है मुख्य यजमान…
ईद की नमाज के बाद कलश यात्रा की अगुआई: चंबल अंचल के जिला भिंड में स्थित मौ नगर में इन दिनों श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन हो रहा है. भक्तों की भारी भीड़ क्षेत्र के जागा सरकार हनुमान मंदिर पर प्रतिदिन पहुंच रही है और यहां वृंदावन से आए कथा वाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री की श्रीमुख से भागवत का अनुसरण कर रहे हैं. इस भागवत कथा का आयोजन मौ नगर के रहने वाले आजाद खान और उनका परिवार करवा रहा है जिसमें पूरा नगर सहयोग कर रहा है. बताया जा रहा है कि 22 अप्रैल को ईद की नमाज अता करने के बाद यह मुस्लिम परिवार भगवा वस्त्रों में पूरे नगर को यह भागवत कथा सुनने के लिये आमंत्रित करने निकले थे, फिर इस कथा के वाचक पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री के साथ आजाद खान ने सिर पर भगवत कथा का पिटारा लेकर कलश यात्रा की अगुवाई की थी. आज चार दिनों से मंदिर पर भागवत जारी है और भक्ति और आस्था का यह समागम देखने लायक बनता है. भक्ति रस में डूबे आजाद और उनका परिवार सभी नगर वादियों के साथ भगवान की लीलाओं और भजन पर नाचते थिरकते और पूजन करते दिखाई देते हैं.
8 वर्षों पहले शरण में आए, भगवान ने जीवन बदल दिया: आजाद खान से जब हमने जानना चाहा कि आखिर एक मुस्लिम होने के बावजूद भगवान हनुमान से किस तरह जुड़ाव हुआ और इस भागवत के पीछे की वजह क्या है. इस पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि वे आज से नहीं बल्कि बीते आठ वर्षों से जागा सरकार हनुमान जी और इस मंदिर से जुड़े हैं. वे भगवान की कृपा और इस मंदिर को जागृत स्थान मानते हैं आजाद कहते हैं कि इस स्थान पर जो भी मांगो पूरा होता है. उन्होंने बताया कि पहले उन्हें शराब पीने कि आदत थी लेकिन हनुमान जी कृपा से जब वे मंदिर से जुड़े तो शराब और अन्य सभी प्रकार के नशों से वे दूर हो गए. आज अच्छे मुकाम पर हैं. नगर में अच्छा व्यापार और प्रतिष्ठा है सब हनुमान जी की कृपा से है. आजाद कहते हैं कि हम हिंदू या मुसलमान नहीं बल्कि इंसान हैं हिंदू हो या मुस्लिम दोनों में ही खून एक जैसा है. इसलिए धर्म से बढ़कर गेम इंसानियत को अपनाना चाहिए. उन्होंने बताया कि उनकी मंदिर कमेटी ने हमेशा सहयोग करती है. जब भागवत कथा का विचार बना तो सभी ने सहयोग किया ये भागवत कथा सिर्फ आजाद की नहीं है बल्कि पूरे नगर और क्षेत्रवासियों की है.
दोस्त नशा छुड़ाने ले गया था मंदिर, भक्त बनकर लौटे आजाद: इस आयोजन में आजाद खान का परिवार और उनके बड़े भाई दिन रात सेवा कर रहे हैं उनके दोस्त भी यहां सभी व्यवस्थाएं संभाल रहे हैं. मित्र वीरेंद्र सिंह यादव ने बताया कि वे और आजाद दोनों बचपन के गहरे दोस्त हैं दोनों साथ बड़े हुए लेकिन आजाद शुरू से ही मांस मदिरा का सेवन करता था. गरीब होने के बावजूद जो भी कमाता शराब में लूटा देता था. उन्होंने आजाद से कहा भी कि इस तरह हमारी दोस्ती नहीं चल पाएगी लेकिन, दोस्ती ऐसी थी कि वे आजाद को इन नशों से बाहर लाना चाहते थे इसलिए फैसला किया और बिना बताए आजाद को एक दिन मंदिर ले जाने का फैसला किया. वीरेंद्र ने बताया की उन्होंने 8 साल पहले अचानक रात में आजाद से कहा की कल सुबह तैयार रहना हम एक रिश्तेदारी में जा रहे हैं अगली सुबह 5 बजे ही वह आजाद के घर पहुंच गये. आजाद बाबा धोकर उनके साथ घर से निकले तो सीधा गाड़ी मंदिर पर रुकी. उन्होंने बताया कि आजाद खान मंदिर में जाने को तैयार नहीं था वजह यह भी थी कि वह मुस्लिम है बल्कि उसने रात में मांस और मदिरा दोनों का सेवन किया था लेकिन वीरेंद्र ने उसे कहा कि वह स्नान कर चुका है इसलिए अब कोई दोष नहीं है. आज़ाद अंदर पहुंचा और हनुमान जी के दर्शन किए.
वीरेंद्र सिंह यादव के मुताबिक उसी समय उसकी बुद्धि ऐसी घूमी कि वह सीधा घर पहुंचा और फ्रिज में रखा पूरा मीट फेंक दिया और फ्रिज में रखी ब्रांडेड शराब की सभी बोतलें उसने नाले में खाली कर फेंक दी. उसके बाद से ही आजाद का जीवन ऐसा पलटा कि वह पूरा परिवार 8 सालों से हनुमान जी का भक्त है, उनकी कृपा से आज आजाद का खुद का आरओ वाटर प्लांट है और वह नगर में सबसे बड़ा सप्लायर है. साथ ही उसके पास अच्छे अच्छे ब्रांड्स की एजेंसी हैं. जिस आजाद के पास पहले कुछ नहीं था आज भगवान की कृपा से वह करोड़ों का मालिक है इसी बात को लेकर उसने इस भागवत कथा का आयोजन कराया है.
वृंदावन से आए कथा वाचक: भागवत कथा सुनाने के लिए वृंदावन से आए पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री ने भी आजाद खान की इस पहल की सराहना की. ETV Bharat से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जब यह प्रस्ताव उनके पास आया तो वे चकित थे लेकिन अस्थाना भाव है कि जो मेरे राम का वो मेरे काम का. पंडित सुनील कृष्ण शास्त्री ने आजाद खान को इस पहल के लिए बधाई देते हुए कहा कि पूर्व में वे अन्य जगहों पर भी इस तरह के आयोजन करा चुके हैं जो अलग अलग जाति वर्ग के लोग कराते हैं लेकिन चंबल क्षेत्र में शायद यह पहली ऐसी भागवत है जिसके यजमान एक मुस्लिम परिवार है. आजाद खान का विचार था कि वह पिछले 8 वर्षों से हनुमानजी को मानते हैं इसलिए भागवत कथा कराना चाहते थे. यह बहुत बड़ी बात है कि उन्होंने भगवान हनुमान जी को स्वीकार किया अपना आराध्य माना. आज इसके लिए आजाद खान को बहुत बहुत बहुत शुभकामनाएं हैं जो उन्होंने मुख्य यजमान बनकर अपनी भूमिका निभायी जो हमारे देश में हिंदू और मुसलमान भाई भाई का पैगाम है खुद भगवान ने गीता में कहा है कि जितने भी धर्म है वे सब हम में समाए हैं. और यह भागवत सर्वधर्म एकता की मिसाल है.
समाज को सर्वधर्म एकता का संदेश: पिछले चार दिनों से मंदिर पर भागवत कथा जारी है. भगवान की लीलाओं, पूजन और सभी नगरवासियों के साथ भजनों पर थिरकते आकर और उनके परिवार का भक्ति भाव देखते ही बनता है. यह भाव तमाचा है उन मानसिक विकृत सोच के लोगों पर जो देश को धर्म और जातियों के नाम पर बांटने की कोशिश करते हैं आज आजाद और उनका परिवार शुक्रवार को नमाज अदा करता है और मंगलवार को हनुमान ही के दर्शन. जो समाज में एक संदेश है कि जाति या धर्म नहीं सबसे बड़ी चीज इंसानियत है.