भिंड। भिंड ज़िले की लहार विधानसभा सीट पर सियासी सरगर्मियाँ तेज़ नजर आ रही हैं क्योंकि यह सीट बीते 33 वर्षों से बीजेपी की पहुंच से दूर बनी हुई है. इतने वर्षों से यहाँ कांग्रेस के दिग्गज नेता और मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह बतौर विधायक जमे हुए हैं. लहार विधानसभा क्षेत्र में घुसपैठ को कोशिश तो बीजेपी 3 दशक से कर रही है लेकिन अब इस पर मोर्चा संभालने की ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को दी गई है. जिन्होंने हाल ही में 11 अगस्त को लहार क्षेत्र में एक सरकारी कार्यक्रम के बहाने चुनावी सभा की.
जनसभा के बहाने किया था नेता प्रतिपक्ष पर हमला: इस जनसभा में भिंड ज़िले के हज़ारों लोग थे, ख़ासकर सबसे ज्यादा लहार विधानसभा के मतदाता. यहाँ मंच से सिंधिया शिवराज ने डॉ गोविंद सिंह पर निशाना साधने में कोई कमी नहीं की. सीएम शिवराज ने आने वाले चुनाव को लेकर तो बहुत बड़ी बात कर दी. उन्होने कहा कि "डॉ गोविंद सिंह जी लहार की जनता आपके अन्याय और आतंक के साम्राज्य को जलाकर खाक कर देगी."
सिंधिया हमलावर: साथ ही लहार की जनता से क्षेत्र के विकास के मामले में पिछड़ने को बात भी सीएम ने कही थी. वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी मंच से बिना नाम लिए नेता प्रतिपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कार्यक्रम में आयी जनता से कहा कि "कांग्रेस ने जनता के साथ वादा खिलाफी की, किसानों के साथ धोखाधड़ी की. लहार से आपने जिन्हें 7 बार चुना, उन्होंने लहार को अपनी बपौती समझ लिया. अब परिवर्तन लाना चाहते है तो BJP प्रत्याशी को जीताने के लिए शपथ लें."
सीएम शिवराज को बताया 'सावन का अंधा', ये सलाह भी दी: नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह वापस भिंड आ चुके हैं और अब उन्होने शिव-ज्योति के बयानों पर पलटवार किया है. नेता प्रतिपक्ष ने सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि "जो ख़ुद अत्याचारी हो उसे सब ग़लत दिखता है. गाँव में कहावत होती है कि सावन के अंधे को सब हरा हरा दिखता है."सुबह से शाम तक कर्मचारियों के साथ, आम जनता के साथ, किसानों के साथ, महिलाओं और बच्चियों के साथ अत्याचार जिसके संरक्षण में हो रहा है, उसे सीएम नकार नहीं सकते."
गोविंद सिंह ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, "अपराधियों को संरक्षण देने का काम देश में हो रहा है तो उसमे एक मात्र मुख्यमंत्री हैं शिवराज सिंह चौहान. तमाम अधिकारी पिटते हैं, पुलिस अधिकारियों की हत्या होती है लेकिन कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं दिखाते हैं, ऐसे मुख्यमंत्ती को भिंड ज़िले में आकर जनता से ऐसी बात नहीं करना चाहिए." उन्होंने कहा- अब शिवराज जी के जाने का समय आ चुका है इसलिए सलाह है कि बौखलायें नहीं, धैर्य रखें, सम्मान से बात करें. उनकी भाषा एक मुख्यमंत्री पद को शोभा नहीं देती."
बापौती वाले बयान पर नसीहत: मुख्यमंत्री के बाद नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी पलटवार किया. उन्होंने वादा खिलाफी वाले बयान को लेकर कहा कि ये वाकई चम्बल का पानी है जो गद्दारी नहीं कराता. चम्बल का पानी पीठ में छुरा नहीं घोंपता, जिस थाली में खाओ उसमे छेद नहीं कराता. वादा ख़िलाफ़ी की बात करने वाले सिंधिया पहले अपने गिरेबान में झांक लें. उन्हे बपौती जैसे शब्दों से परहेज करना चाहिए
सिंधिया को डॉ गोविंद सिंह की चुनौती: नेता प्रतिपक्ष ने केंद्रीय मंत्री सिंधिया को खुला चैलेंज दिया. उन्होंने कहा कि हमारी बपौती नही है, बपौती जनता की है. जनता किसको ताज और तख्त सौंपती है यह उसकी मर्जी. जनता का प्यार स्नेह जिसे मिलना होता है उसे मिलता ही है, और आपकी बपौती है तो लहर से आ जाओ मैदान में, देखते हैं किसमें कितना दम है.