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भिंड: 368 करोड़ की लागत से बनने वाला सीवर लाइन प्रोजेक्ट ध्वस्त, दो साल में भी नहीं हुआ काम पूरा

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Published : Feb 27, 2022, 12:43 PM IST

भिंड में 368 करोड़ की लागत से बनने वाला सीवर लाइन प्रोजेक्ट दो साल में भी पूरी नहीं हो सका है. पांच साल पहले अमृत योजना के तहत सीवर लाइन प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था. लेकिन 3 महीने के बाद प्रोजेक्ट धरातल पर आना शुरू हुआ. प्रथम चरण 2 वर्ष में पूरा किया जाना था लेकिन अब तक अधूरा है.

sewer line project in bhind
सीवर लाइन प्रोजेक्ट ध्वस्त

भिंड। सरकार कहती है कि प्रदेश के विकास कार्य में कमी नहीं रखी जाएगी, लेकिन भिंड जिले के हालात तो कुछ और हैं. यहां सीवर लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गया. पांच साल पहले अमृत योजना के तहत सीवर लाइन प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था. लेकिन 3 महीने के बाद प्रोजेक्ट धरातल पर आना शुरू हुआ. 368 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का प्रथम चरण 2 वर्ष में पूरा किया जाना था जो आज तक पूरा नही हो सका है. इस काम में कितना वक्त लगेगा इसका जवाब भी जिम्मेदारों के पास नहीं है.

सीवर लाइन प्रोजेक्ट का साल भर में केवल 7 फीसदी बढ़ा काम

तीन चरणों में किया जाना था काम
शहर के हर घर को सीवर लाइन से जोड़ने की मंशा के चलते 2017 में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन प्रोजेक्ट सेंग्शन किया गया था. 8 दिसम्बर 2017 को इस कार्य के लिए प्रोजेक्ट के वर्क ऑर्डर जारी किए गए. तीन चरणों में यह कार्य किया जाना था. पहले चरण के तहत जोन-1 और जोन-5 को लिया गया जिसके लिए टेंडर जारी हुए लागत शुरुआत में 70.8 करोड़ रुपये रखी गयी थी.

फेज-1 में 84 करोड़ की लागत से होना है कार्य
टेंडर के बाद प्रोजेक्ट RBIPPL-SRCC कंपनी को मिला. बाद में टेंडर लागत में भी संशोधन हुआ और अंतिम लागत 84.16 करोड़ कर दी गयी. 16 मार्च 2018 को लाइन बिछाने का कार्य शुरू हो गया. पहले चरण में सीवर प्रोजेक्ट के लिए शहर के करीब 2.9 स्क्वायर हेक्टेयर क्षेत्र में 96 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी थी. इसके लिए दो साल का समय तय किया गया था. इसके मुताबिक काम 7 दिसम्बर 2019 को पूरा होना था. लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका है. आलम यह है कि शहर में जगह-जगह सड़कों की हालत खस्ता हो गई है. जिससे रहवासियों को आने-जाने में परेशानी हो रही है.

2019 में पूरा होना था काम
नगर पालिका के एग्जीक्यूटिव इंजीनयर एच. बी. शाक्यवार ने बताया कि यह नगर के लिए एक अहम प्रोजेक्ट है. चूंकि काम 2019 में पूरा होना था लेकिन पीसीएम इसे समय पर पूरा नहीं कर सकी. सीवर प्रोजेक्ट के काम को लेकर दो बार 2020 और 2021 में समय सीमा बढ़ाई गई. 2022 के लिए भी कंपनी ने समय बढ़ाने की मांग की है जो अभी विचाराधीन है. हालांकि इस प्रोजेक्ट में प्रथम चरण के टेंडर के अनुसार 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका, साथ ही नगर पालिका द्वारा 90 फीसदी यानी करीब 77 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान भी किया जा चुका है.

काम में रूकावट बना आरओ प्रोजेक्ट
दो साल की अवधि के बावजूद काम पूरा नहीं हो सका, इसको लेकर शाक्यवार ने कहा कि शहर में कार्य शुरू होने के बाद कई तरह की समस्याएं आईं हैं. जिनमें टाटा समूह द्वारा आरओ प्रोजेक्ट लाइन का कार्य भी समांतर जारी है, इस वजह से भी काम डिले हुआ है. हालांकि प्रोजेक्ट कंपनी द्वारा भरोसा दिलाया गया कि मार्च 2022 तक काम पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद शहरवासियों को बहुत सुविधा होगी.

3 साल का इंतजार खत्म, ग्वालियर में वैध होंगी 400 से अधिक कॉलोनियां

7 फीसदी काम आगे बढ़ा
नगर पालिका के कार्यपालन यंत्री एचबी शाक्यवार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट का 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. जबकि पिछले साल मई 2021 में नगर पालिका द्वारा जारी रिपोर्ट कहती है कि उस समय तक कार्य 85 फीसदी पूरा था. यदि उस रिपोर्ट और वर्तमान काम की स्थिति देखी जाए तो बीते 10 महीनों में सिर्फ 7 फीसदी काम ही आगे बढ़ सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि काम किस गति से चल रहा है.

368 करोड़ है प्रस्तावित लागत
भिंड शहर में सीवर लाइन प्रोजेक्ट एक बड़ा और भारी लागत का इंफ्रा प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 368 करोड़ रुपये है. इसे कई चरणों मे पूरा किया जाएगा. आने वाले चरणों के लिये टेंडर अलग अलग जारी किए जाएंगे. हालांकि, पहले चरण में ही करीब 6 से 8 किलोमीटर लाइन बिछाने का कार्य अब तक अधूरा है. तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में लंबा समय लगने वाला है. जल निकासी की समस्या से निजात के लिए अब नगरवासियों को और इंतजार करना पड़ेगा.

भिंड। सरकार कहती है कि प्रदेश के विकास कार्य में कमी नहीं रखी जाएगी, लेकिन भिंड जिले के हालात तो कुछ और हैं. यहां सीवर लाइन बिछाने का प्रोजेक्ट ध्वस्त हो गया. पांच साल पहले अमृत योजना के तहत सीवर लाइन प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया था. लेकिन 3 महीने के बाद प्रोजेक्ट धरातल पर आना शुरू हुआ. 368 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का प्रथम चरण 2 वर्ष में पूरा किया जाना था जो आज तक पूरा नही हो सका है. इस काम में कितना वक्त लगेगा इसका जवाब भी जिम्मेदारों के पास नहीं है.

सीवर लाइन प्रोजेक्ट का साल भर में केवल 7 फीसदी बढ़ा काम

तीन चरणों में किया जाना था काम
शहर के हर घर को सीवर लाइन से जोड़ने की मंशा के चलते 2017 में अमृत योजना के तहत सीवर लाइन प्रोजेक्ट सेंग्शन किया गया था. 8 दिसम्बर 2017 को इस कार्य के लिए प्रोजेक्ट के वर्क ऑर्डर जारी किए गए. तीन चरणों में यह कार्य किया जाना था. पहले चरण के तहत जोन-1 और जोन-5 को लिया गया जिसके लिए टेंडर जारी हुए लागत शुरुआत में 70.8 करोड़ रुपये रखी गयी थी.

फेज-1 में 84 करोड़ की लागत से होना है कार्य
टेंडर के बाद प्रोजेक्ट RBIPPL-SRCC कंपनी को मिला. बाद में टेंडर लागत में भी संशोधन हुआ और अंतिम लागत 84.16 करोड़ कर दी गयी. 16 मार्च 2018 को लाइन बिछाने का कार्य शुरू हो गया. पहले चरण में सीवर प्रोजेक्ट के लिए शहर के करीब 2.9 स्क्वायर हेक्टेयर क्षेत्र में 96 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी थी. इसके लिए दो साल का समय तय किया गया था. इसके मुताबिक काम 7 दिसम्बर 2019 को पूरा होना था. लेकिन अब तक पूरा नहीं हो सका है. आलम यह है कि शहर में जगह-जगह सड़कों की हालत खस्ता हो गई है. जिससे रहवासियों को आने-जाने में परेशानी हो रही है.

2019 में पूरा होना था काम
नगर पालिका के एग्जीक्यूटिव इंजीनयर एच. बी. शाक्यवार ने बताया कि यह नगर के लिए एक अहम प्रोजेक्ट है. चूंकि काम 2019 में पूरा होना था लेकिन पीसीएम इसे समय पर पूरा नहीं कर सकी. सीवर प्रोजेक्ट के काम को लेकर दो बार 2020 और 2021 में समय सीमा बढ़ाई गई. 2022 के लिए भी कंपनी ने समय बढ़ाने की मांग की है जो अभी विचाराधीन है. हालांकि इस प्रोजेक्ट में प्रथम चरण के टेंडर के अनुसार 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका, साथ ही नगर पालिका द्वारा 90 फीसदी यानी करीब 77 करोड़ से अधिक राशि का भुगतान भी किया जा चुका है.

काम में रूकावट बना आरओ प्रोजेक्ट
दो साल की अवधि के बावजूद काम पूरा नहीं हो सका, इसको लेकर शाक्यवार ने कहा कि शहर में कार्य शुरू होने के बाद कई तरह की समस्याएं आईं हैं. जिनमें टाटा समूह द्वारा आरओ प्रोजेक्ट लाइन का कार्य भी समांतर जारी है, इस वजह से भी काम डिले हुआ है. हालांकि प्रोजेक्ट कंपनी द्वारा भरोसा दिलाया गया कि मार्च 2022 तक काम पूरा कर लिया जाएगा. जिसके बाद शहरवासियों को बहुत सुविधा होगी.

3 साल का इंतजार खत्म, ग्वालियर में वैध होंगी 400 से अधिक कॉलोनियां

7 फीसदी काम आगे बढ़ा
नगर पालिका के कार्यपालन यंत्री एचबी शाक्यवार ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रोजेक्ट का 92 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है. जबकि पिछले साल मई 2021 में नगर पालिका द्वारा जारी रिपोर्ट कहती है कि उस समय तक कार्य 85 फीसदी पूरा था. यदि उस रिपोर्ट और वर्तमान काम की स्थिति देखी जाए तो बीते 10 महीनों में सिर्फ 7 फीसदी काम ही आगे बढ़ सका है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि काम किस गति से चल रहा है.

368 करोड़ है प्रस्तावित लागत
भिंड शहर में सीवर लाइन प्रोजेक्ट एक बड़ा और भारी लागत का इंफ्रा प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 368 करोड़ रुपये है. इसे कई चरणों मे पूरा किया जाएगा. आने वाले चरणों के लिये टेंडर अलग अलग जारी किए जाएंगे. हालांकि, पहले चरण में ही करीब 6 से 8 किलोमीटर लाइन बिछाने का कार्य अब तक अधूरा है. तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने में लंबा समय लगने वाला है. जल निकासी की समस्या से निजात के लिए अब नगरवासियों को और इंतजार करना पड़ेगा.

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