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भिंड: पंचायतों के निर्माण कार्यों में घोटाला, 14 महीने बाद दस सचिवों पर गिरी गाज - कानूनी कार्रवाई

गोहद जनपद की दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव ने मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में जमकर घोटाले किए.इन घोटालों में शामिल दस सचिवों पर गाज गिरी है.जिला पंचायत सीईओ ने मामलों में दोषी पाए इन दस सचिवों को निलंबित कर दिया है.

पंचायतों के निर्माण कार्यों में घोटाला
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Published : May 29, 2019, 3:57 PM IST

भिंड। गोहद जनपद में दस ग्राम पंचायतों में घोटालों का मामला 2018 में सामने आया था. अब एक लंबे इंतजार के बाद इन घोटालों में शामिल दस सचिवों पर गाज गिरी है. जिला पंचायत सीईओ ने मामलों में दोषी पाए इन दस सचिवों को निलंबित कर दिया है साथ ही कानूनी कार्रवाई होने की भी बात कही है.

आर पी भारती, अपर कलेक्टर, भिंड

गोहद जनपद की दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव ने मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में जमकर घोटाले किए. मुक्तिधाम निर्माण से लेकर सौंदर्यीकरण निर्माण कार्यों में बड़ी गड़बड़ियां की. जहां मुक्तिधाम के निर्माण में ढाई लाख रुपए खर्च किए जा सकते थे लेकिन सरपंच और सचिव ने मुक्तिधाम निर्माण के नाम पर 14 लाख रुपए की राशि खर्च की गई.


ऐसे ही पिपरसाना में भी मुक्ति धाम के निर्माण में लाखों का गबन किया गया. इतना ही नहीं चितौरा में पत्थर का नाला निर्माण रोड, पुलिया, और पशु अवरोधक दीवारों के कार्य को लेकर गड़बड़ी की गई. गुरिखा, बिरखडी, फतेहपुर, आलोरी समेत इन दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिवों ने जमकर अपनी जेब भरी. मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया गया और मजदूरों के नाम पर भुगतान कर दिया गया.
मामला जब 2018 में जिला पंचायत सीओ की नजर में आया तो इन ग्राम पंचायतों की जांच के लिए मार्च 2018 में एक जांच दल बनाया गया था. आठ अगस्त 2018 को इन सचिवों को नोटिस जारी कर दिए गए थे. वहीं लंबे समय के बाद अब जिला पंचायत सीईओ ने दस ग्राम पंचायतों के सचिवों को निलंबित कर दिया है.

भिंड। गोहद जनपद में दस ग्राम पंचायतों में घोटालों का मामला 2018 में सामने आया था. अब एक लंबे इंतजार के बाद इन घोटालों में शामिल दस सचिवों पर गाज गिरी है. जिला पंचायत सीईओ ने मामलों में दोषी पाए इन दस सचिवों को निलंबित कर दिया है साथ ही कानूनी कार्रवाई होने की भी बात कही है.

आर पी भारती, अपर कलेक्टर, भिंड

गोहद जनपद की दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव ने मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में जमकर घोटाले किए. मुक्तिधाम निर्माण से लेकर सौंदर्यीकरण निर्माण कार्यों में बड़ी गड़बड़ियां की. जहां मुक्तिधाम के निर्माण में ढाई लाख रुपए खर्च किए जा सकते थे लेकिन सरपंच और सचिव ने मुक्तिधाम निर्माण के नाम पर 14 लाख रुपए की राशि खर्च की गई.


ऐसे ही पिपरसाना में भी मुक्ति धाम के निर्माण में लाखों का गबन किया गया. इतना ही नहीं चितौरा में पत्थर का नाला निर्माण रोड, पुलिया, और पशु अवरोधक दीवारों के कार्य को लेकर गड़बड़ी की गई. गुरिखा, बिरखडी, फतेहपुर, आलोरी समेत इन दस ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिवों ने जमकर अपनी जेब भरी. मजदूरों की जगह मशीनों से काम कराया गया और मजदूरों के नाम पर भुगतान कर दिया गया.
मामला जब 2018 में जिला पंचायत सीओ की नजर में आया तो इन ग्राम पंचायतों की जांच के लिए मार्च 2018 में एक जांच दल बनाया गया था. आठ अगस्त 2018 को इन सचिवों को नोटिस जारी कर दिए गए थे. वहीं लंबे समय के बाद अब जिला पंचायत सीईओ ने दस ग्राम पंचायतों के सचिवों को निलंबित कर दिया है.

Intro:भिंड जिले के गोहद जनपद में 10 ग्राम पंचायतों में घोटालों का मामला 2018 में सामने आया था जिसको लेकर आखिरकार अब एक लंबे इंतजार के बाद इन घोटालों में लिप्त दस सचिवों पर कार्रवाई की गाज गिरी है जिला पंचायत सीईओ ने मामलों में दोषी पाए इन 10 सचिवों को निलंबित कर दिया है साथ ही कानूनी कार्रवाई होने का भी इशारा दिया है।


Body:दरअसल गोहद जनपद की 10 ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव ने मनरेगा के तहत होने वाले निर्माण कार्यों में जम कर घोटाले किए। यहां सरपंच सचिवों ने मनरेगा के तहत मनमाने तरीके से काम कराया निर्माण कार्यों से लेकर मुक्तिधाम निर्माण से लेकर सौंदर्यीकरण मैं बड़ी गड़बड़ियां की जहां मुक्तिधाम में ढाई लाख रुपए खर्च किए जा सकते थे लेकिन सरपंच और सचिव ने मुक्तिधाम निर्माण के नाम की बड़ी रकम खर्च कर दी ।ग्राम पंचायत खंडेर से मुक्तिधाम निर्माण 14 लाख रुपए की राशि खर्च की गई जबकि यहां काम करीब पौने दो लाख से लेकर ढाई लाख रुपए के अंदर हो जाता ऐसे ही पिपरसाना मैं भी मुक्ति धाम के निर्माण में लाखों का गबन किया गया। इतना ही नहीं चितौरा में पत्थर का नाला निर्माण रोड, पुलिया, और पशु अवरोधक दीवारों के कार्य को लेकर गड़बड़ी की गई मजदूरों की वजह मशीनों से काम कराया गया और मजदूरों के नाम पर भुगतान कर दिया गया। वहीं सुहास में सड़क और तालाब निर्माण का घटिया तरीके से काम कराया गया और जांच के दौरान सरपंच सचिव की ओर से जांच दल को आवश्यक दस्तावेज तक नहीं दिए गए गुरिखा, बिरखडी, फतेहपुर, आलोरी समेत इन 10 ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिवों ने जमकर अपनी जेब भरी। मामला जब 2018 में जिला पंचायत सीओ की नजर में आया तो इन ग्राम पंचायतों की जांच के लिए मार्च 2018 में एक जांच दल बनाया गया था। जिसकी रिपोर्ट 13 मार्च को 2018 में सौंप दी गई थी और 8 अगस्त 2018 में इन सचिवों को नोटिस जारी कर दिए गए थे वहीं लंबे समय के इंतजार के बाद अब जिला पंचायत सीईओ ने 10 ग्राम पंचायतों के सचिवों को निलंबित कर दिया गया है


Conclusion:कहते हैं देर आए दुरुस्त आए, आखिरकार 14 महीने बाद जनता के पैसे का हिसाब इन लुटेरे जिम्मेदारों से प्रशासन ने मांगा है । और दोषी पाए जाने पर इनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए इन्हें सजा भी दी है। जिला पंचायत सीईओ इतने से ही संतुष्टि नहीं कर रहे हैं, उनका कहना है कि मामले की चार्जशीट बनने के बाद दोषियों पर कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी आपको बता दें कि निलंबन के दौरान अवैध सभी पंचायत ग्राम पंचायतों का मुख्यालय जिला पंचायत रहेगी हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि आदेश सिर्फ आदेश बनकर रह जाएंगे या उन दोषियों पर कानूनी कार्यवाही भी होगी
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