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लॉकडाउन के बीच धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी, नगरपालिका पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप

भिंड में नगरपालिका की उदासीनता और नगरपालिका सीएमओ द्वारा किए जा रहे कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ राज्य सफाई कर्मचारी नेता और पूर्व पार्षद सुनील बाल्मिक अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं.

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लॉकडाउऩ के बीच धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी नेता
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Published : May 7, 2020, 3:17 PM IST

Updated : May 9, 2020, 10:01 AM IST

भिंड। कोरोना वायरस महामारी के चलते जिले में लॉकडाउन के साथ धारा 144 भी लागू है. लेकिन नगरपालिका की उदासीनता और नगर पालिका सीएमओ द्वारा किए जा रहे कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य ने आंदोलन छेड़ दिया है. जहां पूर्व पार्षद सुनील वाल्मीकि किला रोड पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गए हैं, उनका कहना है कि, नगर पालिका द्वारा सफाई कर्मचारियों को कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए हैं. कर्मचारियों ने बेवजह सैलरी काटे जाने का भी आरोप लगाया है.

लॉकडाउन के बीच धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारियों के नेता का आरोप है कि, 'नगरपालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के साथ ज्यादती की जा रही है. देश के प्रधानमंत्री भी कोरोना काल में प्रायवेट कंपनियों से लेकर सरकारी कर्मचारियों को रियायत देने की घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने अपील की थी कर्मचारियों का वेतन ना काटा जाए. इसके बावजूद नगर पालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है. जिसके जिसके चलते उन्हें उपवास पर बैठना पड़ा है'.

सुनील का कहना है कि, इस आपदा की घड़ी में सफाई कर्मचारियों का वेतन काटना बिल्कुल अनुचित है. उन्होंने कहा कि, सफाई कर्मचारी कोरोना के दौर में पूरी शिद्दत से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें किसी तरह के सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं. साथ ही सैनिटाइजेशन के दौरान कई सफाई कर्मियों की पीठ और कपड़े केमिकल से जल गए. उन्होंने कहा कि, जब तक प्रशासनिक अधिकारी उनसे मिलने नहीं आते और कोई ठोस आश्वासन नहीं देते, तब तक यह उपवास हर हाल में जारी रहेगा.

भिंड। कोरोना वायरस महामारी के चलते जिले में लॉकडाउन के साथ धारा 144 भी लागू है. लेकिन नगरपालिका की उदासीनता और नगर पालिका सीएमओ द्वारा किए जा रहे कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के पूर्व सदस्य ने आंदोलन छेड़ दिया है. जहां पूर्व पार्षद सुनील वाल्मीकि किला रोड पर अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठ गए हैं, उनका कहना है कि, नगर पालिका द्वारा सफाई कर्मचारियों को कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिए गए हैं. कर्मचारियों ने बेवजह सैलरी काटे जाने का भी आरोप लगाया है.

लॉकडाउन के बीच धरने पर बैठे सफाई कर्मचारी
सफाई कर्मचारियों के नेता का आरोप है कि, 'नगरपालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के साथ ज्यादती की जा रही है. देश के प्रधानमंत्री भी कोरोना काल में प्रायवेट कंपनियों से लेकर सरकारी कर्मचारियों को रियायत देने की घोषणा कर चुके हैं. उन्होंने अपील की थी कर्मचारियों का वेतन ना काटा जाए. इसके बावजूद नगर पालिका में कार्यरत सफाई कर्मचारियों के वेतन में लगातार कटौती की जा रही है. जिसके जिसके चलते उन्हें उपवास पर बैठना पड़ा है'.

सुनील का कहना है कि, इस आपदा की घड़ी में सफाई कर्मचारियों का वेतन काटना बिल्कुल अनुचित है. उन्होंने कहा कि, सफाई कर्मचारी कोरोना के दौर में पूरी शिद्दत से काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें किसी तरह के सुरक्षा उपकरण मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं. साथ ही सैनिटाइजेशन के दौरान कई सफाई कर्मियों की पीठ और कपड़े केमिकल से जल गए. उन्होंने कहा कि, जब तक प्रशासनिक अधिकारी उनसे मिलने नहीं आते और कोई ठोस आश्वासन नहीं देते, तब तक यह उपवास हर हाल में जारी रहेगा.

Last Updated : May 9, 2020, 10:01 AM IST
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