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रियलिटी चेक: भिंड-इटावा बॉर्डर पर नहीं है कोरोना से बचाव की व्यवस्था

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Published : Feb 24, 2021, 10:09 PM IST

भिंड-इटावा बॉर्डर पर ईटीवी भारत द्वारा किए गए रियलिटी चेक में देखा गया कि यहां पर न तो कोरोना से बचाव के लिए कैंप लगाए गए है और न ही पुलिस ने किसी तरह की कोई बैरिकेडिंग की है. ऐसे में यात्रियों की न तो कोई थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है और ना ही कोरोना की जांच करने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.

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रियलिटी चेक

भिंड। देश भर में कोरोना एक बार फिर अपने पैर पसारना शुरू कर चुका है. कोरोना महामारी का असर जिन प्रदेशों में सबसे ज्यादा है, उसमें मध्य प्रदेश भी शामिल हैं. शासन ने कोरोना से बचाव के लिए एक बार फिर जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं.

प्रदेश में एक बार फिर अचानक बढ़े कोरोना पॉजिटिव मामलों को लेकर सरकार काफी चिंतित नजर आ रही है, जिसको लेकर कोरोना हॉटस्पॉट रह चुके इंदौर और भोपाल के साथ ही अन्य प्रदेशों की सीमा वाले जिलों सहित बाहर से आ रहे लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग और आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं.

कोरोना पर सख्ती की तैयारी में सरकार
भलें ही मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम तेजी से चल रहा हों, लेकिन एक बार फिर यहां कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या में इज़ाफा देखा जा रहा है, जिसको लेकर हाल ही में सरकार द्वारा सभी जिलों को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए गए. साथ ही दूसरे प्रदेशों से आवागमन करने वाले सभी यात्रियों की चेकिंग और थर्मल स्क्रीनिंग सहित RT-PCR टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए.

रियलिटी चेक

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भिंड-इटावा बॉर्डर पर अब तक नहीं चेकिंग प्वाइंट
कहने को भिंड में करीब पिछले 15 दिनों से कोई भी नया पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है, लेकिन जिला उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. ऐसे में बरही चंबल पुल के पास कोरोना काल में लगाई गई स्वास्थ्य विभाग की टीम दोबारा नजर नहीं आई है. चंबल पुल पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर हालात जानने और रियलिटी चेक करने के लिए जब ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा, तो यहां न तो पहले की तरह कोई कैंप लगाए गए और न ही पुलिस ने किसी तरह की कोई बैरिकेडिंग की है. ऐसे में यात्रियों की न तो कोई थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है और ना ही कोरोना की जांच करने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.

अनलॉक में गई टीम आज तक नहीं लौटी
जिस जगह पहले स्वास्थ्य विभाग ने थर्मल स्क्रीनिंग के लिए अपने अमले को तैनात किया था. वहां मौजूद एक दुकानदार ने बताया कि काफी समय पहले ही जब कोरोना महामारी का असर कम हो गया था, उसी दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम बरही पॉइंट से चली गई थी. उसके बाद से आज तक यहां न तो कोई कर्मचारी आया है और न ही किसी तरह की जांच यहां की जा रही है. उसने यह भी बताया कि पुलिस विभाग द्वारा भी किसी तरह की कोई चेकिंग या बैरिकेडिंग नहीं की गई है.

हो चुकी है बैठक
हाल ही में प्रदेश में बढ़े कोरोना के नए मामलों को लेकर जिला स्तरीय संकट प्रबंधन की बैठक बुलाी गई थी, जिसमें एक बार फिर लोगों में कोरोना महामारी के प्रति जागरूकता लाने और उन्हें मास्क सहित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इस बैठक में दूसरे दिन ही UP बॉर्डर पर मिले हालातों से यह बात स्पष्ट है कि प्रशासन बैठक के बाद लिए गए निर्णयों को लेकर कितना गंभीर है.

बॉर्डर से बेधड़क आ रहे लोग
एमपी-यूपी बॉर्डर पर इस तरह के हालातों से यह तो स्पष्ट है कि न तो अब तक जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है और न ही स्वास्थ्य विभाग. यूपी से आ रहे लोगों की आवाजाही लगातार जारी है. ऐसे में अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज यहां आता है, तो स्थिति और खराब हो जायेगी.

भिंड। देश भर में कोरोना एक बार फिर अपने पैर पसारना शुरू कर चुका है. कोरोना महामारी का असर जिन प्रदेशों में सबसे ज्यादा है, उसमें मध्य प्रदेश भी शामिल हैं. शासन ने कोरोना से बचाव के लिए एक बार फिर जिला प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं.

प्रदेश में एक बार फिर अचानक बढ़े कोरोना पॉजिटिव मामलों को लेकर सरकार काफी चिंतित नजर आ रही है, जिसको लेकर कोरोना हॉटस्पॉट रह चुके इंदौर और भोपाल के साथ ही अन्य प्रदेशों की सीमा वाले जिलों सहित बाहर से आ रहे लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग और आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के निर्देश दिए जा चुके हैं.

कोरोना पर सख्ती की तैयारी में सरकार
भलें ही मध्य प्रदेश में कोरोना वैक्सीन लगाने का काम तेजी से चल रहा हों, लेकिन एक बार फिर यहां कोरोना पॉजिटिव मामलों की संख्या में इज़ाफा देखा जा रहा है, जिसको लेकर हाल ही में सरकार द्वारा सभी जिलों को कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के निर्देश दिए गए. साथ ही दूसरे प्रदेशों से आवागमन करने वाले सभी यात्रियों की चेकिंग और थर्मल स्क्रीनिंग सहित RT-PCR टेस्ट कराने के निर्देश दिए गए.

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भिंड-इटावा बॉर्डर पर अब तक नहीं चेकिंग प्वाइंट
कहने को भिंड में करीब पिछले 15 दिनों से कोई भी नया पॉजिटिव मामला सामने नहीं आया है, लेकिन जिला उत्तर प्रदेश की सीमा से लगा हुआ है. ऐसे में बरही चंबल पुल के पास कोरोना काल में लगाई गई स्वास्थ्य विभाग की टीम दोबारा नजर नहीं आई है. चंबल पुल पर मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की सीमा पर हालात जानने और रियलिटी चेक करने के लिए जब ईटीवी भारत मौके पर पहुंचा, तो यहां न तो पहले की तरह कोई कैंप लगाए गए और न ही पुलिस ने किसी तरह की कोई बैरिकेडिंग की है. ऐसे में यात्रियों की न तो कोई थर्मल स्क्रीनिंग हो रही है और ना ही कोरोना की जांच करने के लिए कोई व्यवस्था की गई है.

अनलॉक में गई टीम आज तक नहीं लौटी
जिस जगह पहले स्वास्थ्य विभाग ने थर्मल स्क्रीनिंग के लिए अपने अमले को तैनात किया था. वहां मौजूद एक दुकानदार ने बताया कि काफी समय पहले ही जब कोरोना महामारी का असर कम हो गया था, उसी दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम बरही पॉइंट से चली गई थी. उसके बाद से आज तक यहां न तो कोई कर्मचारी आया है और न ही किसी तरह की जांच यहां की जा रही है. उसने यह भी बताया कि पुलिस विभाग द्वारा भी किसी तरह की कोई चेकिंग या बैरिकेडिंग नहीं की गई है.

हो चुकी है बैठक
हाल ही में प्रदेश में बढ़े कोरोना के नए मामलों को लेकर जिला स्तरीय संकट प्रबंधन की बैठक बुलाी गई थी, जिसमें एक बार फिर लोगों में कोरोना महामारी के प्रति जागरूकता लाने और उन्हें मास्क सहित सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने को लेकर अभियान चलाने का निर्णय लिया गया था, लेकिन इस बैठक में दूसरे दिन ही UP बॉर्डर पर मिले हालातों से यह बात स्पष्ट है कि प्रशासन बैठक के बाद लिए गए निर्णयों को लेकर कितना गंभीर है.

बॉर्डर से बेधड़क आ रहे लोग
एमपी-यूपी बॉर्डर पर इस तरह के हालातों से यह तो स्पष्ट है कि न तो अब तक जिला प्रशासन गंभीर नजर आ रहा है और न ही स्वास्थ्य विभाग. यूपी से आ रहे लोगों की आवाजाही लगातार जारी है. ऐसे में अगर कोई कोरोना संक्रमित मरीज यहां आता है, तो स्थिति और खराब हो जायेगी.

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