भिंड। होलिका दूज पर जेल में बंद भाईयों की अपने बहनों से मुलाकात की आस इस बार अधूरी रहेगी. क्योंकि बीते साल जिला जेल (Bhind District Jail) का एक हिस्सा अचानक ढह गया था, जिसके चलते कई कैदी घायल हो गए थे. इसलिए इस बार मुलाकात पर रोक लगा दी है. अनंतकाल से चली आ रही इस परंपरा को अब तक जेल विभाग भी निभाता आ रहा था. त्योहारों पर बहनों को जेल में बंद भाईयों से मिलने दिया जाता था.
जिला जेल बहनों से मुलाकात में बनी रोड़ा
पिछले साल जिला जेल का एक हिस्सा अचानक ढह गया था. जिसकी वजह से बैरक नम्बर 2 और 7 में रखे गए करीब दो दर्जन कैदी घायल हो गए थे. असुरक्षित घोषित करने के बाद भी नवीन निर्माणाधीन जेल के अधूरे होने पर संचालित किया जा रहा था. वहीं जेल में क्षमता से अधिक कैदी रखे जा रहे थे. इस हादसे के बाद जिला जेल को पूरी तरह बंद कर दिया गया है. भिंड जेल की नई आमद को अब गोहद उप जेल और ग्वालियर केंद्रीय जेल में रखा जाता है. जिस कारण त्योहारों पर कैदियों की बहनों को उनसे मुलाकात के लिए ग्वालियर जाना पड़ता है, जो कई परिवारों के लिए संभव नहीं है.
![Bhind District Jail](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bhi-01-feeka-bhaidooj-dry-pkg-7206787_19032022230226_1903f_1647711146_480.jpg)
क्या कहता है जेल का नियम
चूंकि भाईदूज रविवार के दिन है, और इस दिन नियमों के अनुसार कैदियों को परिवार से मिलने की अनुमति नहीं होती. इस वजह से भी बहनों को मिलने की इजाजत नहीं रहेगी. ग्वालियर केंद्रीय जेल के जेलर का कहना है कि जेल हादसे के बाद करीब 200 कैदियों को यहां शिफ्ट किया गया था लेकिन कई को जमानत पर रिहा कर दिया गया है. अब भी 120 कैदी भिंड जेल से हैं. इनमें से कुछ की बहनों से शनिवार को ही मुलाकात कराई गई है.
जेल में खुली मुलाकात का प्रावधान नहीं
ग्वालियर केंद्रीय जेल के जेलर मनोज साहू (Gwalior Central Jail Jailor Manoj Sahu) ने कहा कि, जेल नियमों के मुताबिक खुली मुलाकात का कोई प्रावधान नहीं है. फिर भी त्योहारों को मद्देनजर रखते हुए परिजनों से खुली मुलाकात कराई जाती थी. इसमें बहुत रिस्क भी होता था, विशेष इंतजाम करने पड़ते थे, काफी फोर्स लगाना पड़ता था. कई बार तो बहनों की अधिक मौजूदगी के चलते काबू करना मुश्किल होता था. कैदियों की सुरक्षा को देखते हुए भी इन खुली मुलाकातों पर विभाग ने रोक लगा दी है. क्योंकि बहनों के हुजूम में कोई चाकू या बंदूक छिपकर कैदी तक पहुंचा दे इस बात को सुनिश्चित करना भी मुश्किल हो सकता है.
(Holika Dooj 2022) (Prisoners will not celebrate Bhai Dooj) (Decision of Bhind District Jail Department)