भिंड। एक दौर था जब ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में प्रद्युम्न सिंह तोमर को आम जानता की समस्याओं के लिए अनोखे अंदाज में लड़ते देख जाता था, जनता ने उन्हें विधायक बनाया और सिंधिया-बीजेपी के गठजोड़ ने ऊर्जा मंत्री, लेकिन समय के साथ-साथ मंत्री जी पर राजनीति का रंग चढ़ता नजर आने लगा है. बीते कुछ दिनों में भीषण गर्मी के बीच बिजली विभाग की अघोषित बिजली कटौती से भिंड की आम जनता हाहाकार मचा रही है. बिजली के अभाव में भोजन पानी तक की व्यवस्था के लिए लोग परेशान हैं, लेकिन किसी अधिकारी के कान में जू तक नहीं रेंग रही. लेकिन अब खुद प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह को भी जनता की समस्याएं दिखाई नहीं देती.
ऊर्जा मंत्री ने अधिकारियों के साथ की बैठक: प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर बिना मीडिया सूचना अल्पप्रवास पर भिंड मुख्यालय पहुंचे थे, जहां वे एक पार्टी कार्यकर्ता के घर पहुंचे थे. इसी दौरान उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ भी बैठक कर बिजली व्यवस्था और समस्याओं के साथ बिलिंग पर चर्चा की. जब सूचना लगी तो मीडिया ने उनसे बात कर आम जानता की समस्या से अवगत कराया, लेकिन जनता के काम के लिए अपने अनोखे अंदाज के लिए पहचान बनाने वाले ऊर्जा मंत्री इन समस्याओं को नजरअंदाज करते और रटे रटाये जवाब देते नजर आये.
हाहाकार मचा रही परेशान जनता: प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बिजली समस्या को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि, "जो भी समस्या हैं, उसके संबंध में उन्होंने अधिकारियों से बात की है, जो भी समस्याएं हैं, उन्हें हल किया जाएगा. उपभोगताओं को संतुष्टि हमारा प्रथम उद्देश्य है. उसे पूरा करेंगे." जब उनसे बिजली के अभाव में जानता पेयजल तक के लिये परेशान होने और अधिकारियों द्वारा कॉल ना उठाने के बारे में सवाल किया गया तो मंत्री ने अपनी बात को दोहराया और कहा कि "जहां भी केबल या ट्रांसफॉर्मर की दिकक्त, उसे ठीक करने का काम जल्द किया जाएगा.
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प्रतिदिन 10 घंटे तक अघोषित कटौती: बता दें कि, भिंड शहर में इन दिनों इस भीषण गर्मी के बीच चार से 10 घंटे तक की अघोषित बिजली कटौती हो रही है, जिनकी बड़ी वजह शहर में दर्जनों ट्रांसफार्मर खराब पड़े हैं. बिजली अधिकारी इसे लगातार लोड के बढ़ने का कारण बता रहे हैं और सीमित स्टाफ होने से कार्य की प्रगति में समय लगने की बात कहते हैं. लेकिन इन सब की वजह से परेशानी आम जानता को भुगतना पड़ती है.