ETV Bharat / state

शिकायत पर PHE विभाग का ये कैसा जवाब ? 'हैंड पंप उखाड़ के सीने में गाड़ दिया जाएगा' - कलेक्टर डॉ वीरेंद्र नवल सिंह रावत

भिंड में हैंडपंप खराब होने की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत करने पर पीएचई विभाग के द्वारा दिए गए जवाब ने सबको चौंका दिया है. पीएचई विभाग के जवाब में शिकायतकर्ता को पागल घोषित कर दिया गया है, साथ ही लिखा है कि 'हैंडपंप उखाड़कर शिकायतकर्ता के सीने में गाड़ दिया जाएगा'.

Answer from PHE Department
शिकायत पर पीएचई विभाग से मिला जवाब
author img

By

Published : Jul 16, 2020, 12:50 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 5:47 PM IST

भिंड। सीएम हेल्पलाइन- 181 पर शिकायतों का निराकरण किस तरीके से होता है. इसका एक उदाहरण भिंड जिले में देखने को मिला है. जहां हैंडपंप सुधार की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में किए जाने पर पीएचई विभाग के जवाब से हड़कंप मच गया है. पीएचई विभाग के अधिकारी ने बड़े ही गजब तरीके से शिकायत का जबाव दिया है, जिसे पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे. पीएचई विभाग के जवाब में शिकायतकर्ता को पागल घोषित कर दिया गया है और लिखा है कि, 'हैंडपंप उखाड़कर शिकायतकर्ता के सीने में गाड़ दिया जाएगा'.

PHE विभाग के जवाब के बाद हड़कंप

क्या है पूरा मामला

दरअसल लहार तहसील के राहवली बेहड़ में 40 घरों पर सिर्फ एक हैंडपंप है. करीब 200 लोग पीने के पानी के लिए इसी हैंडपंप का इस्तमाल करते हैं, जो कि फिलहाल खराब है, इसी समस्या को दूर करने के लिए 8 महीने पहले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व्यवहार यानी पीएचई द्वारा बोर करवाकर हैंडपंप लगवाया जाना प्रस्तावित हुआ था. हैंडपंप लगा भी, लेकिन शिकायतकर्ता राहुल दीक्षित के मुताबिक पीएचई विभाग के द्वारा हैंडपंप के लिए बोर कराकर अधूरे सामान के साथ हैंडपंप लगा दिया गया है, जिसकी वजह से पानी नहीं आ रहा. राहुल दीक्षित ने इसकी शिकायत की थी. जब ग्राम और जिला स्तर पर किसी अधिकारी ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, तो राहुल ने 181 सीएम हेल्पलाइन पर फोन घुमाया और पानी के लिए खराब पड़े हैंडपंप की शिकायत दर्ज कराई.

Complainant got this answer
शिकायतकर्ता को मिला यह जवाब

शिकायतकर्ता ने की मांफी की मांग

शिकायत दर्ज कराने के बाद जो जवाब आया वो चौंकाने वाला है. शिकायत का निराकरण पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री पीआर गोयल द्वारा फाइल कराया गया है. जिसमें लिखा हुआ है कि, 'कार्यपालन यंत्री के अनुसार शिकायतकर्ता पागल है, उसको मिर्गी के दौरे पड़ते हैं. अंड- संड बकता है, उसके पूरे परिवार को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं. हैंडपंप खराब नहीं है, उसका दिमाग खराब है. पूरा पीएचई महकमा जानता है, इसने मेरे हैंडपंप मैकेनिक के कपड़े तक फाड़ दिए थे, वक्त आ गया है कि, चीनी युद्ध किया जाए जो गोरिल्ला नीति है. अब हैंडपंप उखाड़कर शिकायतकर्ता के सीने में गाढ़ा जाएगा' इस तरह के जवाब देकर शिकायत को बंद कर दिया गया है.

Complainant got this answer
शिकायतकर्ता को मिला यह जवाब

पीएचई विभाग द्वारा इस तरह का जवाब सुनकर शिकायतकर्ता राहुल दीक्षित काफी आहत हैं. उनका कहना है कि, जिम्मेदार विभाग द्वारा इस तरह से किसी सामाजिक व्यक्ति को पागल घोषित करना उसकी छवि खराब करना है. वो भी सार्वजनिक तौर पर बेहद दुःखद है. उनका कहना है कि, उनके गांव में करीब 40 घरों के 250 से ज्यादा लोग इस हैंडपंप के पानी के लिए निर्भर हैं. उनका कहना है कि, शिकायत का निराकरण करने बजाए इस तरह का गैर जिम्मेदाराना जवाब अधिकारियों के द्वारा दिया जा रहा है. राहुल की मांग है कि, स्थानीय पीएचसी अधिकारी सार्वजनिक तौर पर आकर उनसे माफी मांगे.

विधायक गोविंद सिंह ने मामले को विधानसभा में उठाने की कही बात

वहीं अन्य ग्रामीणों का भी कहना है कि, राहुल दीक्षित और उनका परिवार अच्छी सामाजिक छवि वाले लोग हैं. उनके बारे में सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह की बातें लिखना सरासर गलत है. लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने भी इस घटना को शर्मनाक बताया है. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि,सीएम शिवराज द्वारा लोगों के लिए सीएम हेल्पलाइन शुरू की गई थी, लेकिन ज्यादातर शिकायतें इस तरह ही हल की जा रही हैं. गोविंद सिंह ने कहा कि वो राहुल का चिकित्सकीय परीक्षण करवाएंगे, अगर आरोप गलत निकला तो अनुशासनात्मक कार्रवाई के हर संभव प्रयास करेगें. साथ ही उन्होंने इस मामले को विधानसभा में भी उठाने की बात कही है.

कलेक्टर ने की निंदा

इस मामले में कलेक्टर डॉ वीरेंद्र नवल सिंह रावत का कहना है कि, 'हो सकता है कि, जिम्मेदार अधिकारी द्वारा काम करवाने के लिए कई लोगों को अपनी आईडी दी गई थी. जिसके जरिए समय पर काम पूरा हो सके और उन्हीं में से किसी व्यक्ति द्वारा यह हरकत की गई है. इसके बारे में पता लगाया जा रहा है'. साथ ही उन्होंने पीआर गोयल द्वारा अपनी आईडी दूसरों को देने की लापरवाही की निंदा करते हुए कहा है कि, जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार कार्रवाई भी की जाएगी.

भिंड। सीएम हेल्पलाइन- 181 पर शिकायतों का निराकरण किस तरीके से होता है. इसका एक उदाहरण भिंड जिले में देखने को मिला है. जहां हैंडपंप सुधार की शिकायत सीएम हेल्पलाइन में किए जाने पर पीएचई विभाग के जवाब से हड़कंप मच गया है. पीएचई विभाग के अधिकारी ने बड़े ही गजब तरीके से शिकायत का जबाव दिया है, जिसे पढ़कर आपके होश उड़ जाएंगे. पीएचई विभाग के जवाब में शिकायतकर्ता को पागल घोषित कर दिया गया है और लिखा है कि, 'हैंडपंप उखाड़कर शिकायतकर्ता के सीने में गाड़ दिया जाएगा'.

PHE विभाग के जवाब के बाद हड़कंप

क्या है पूरा मामला

दरअसल लहार तहसील के राहवली बेहड़ में 40 घरों पर सिर्फ एक हैंडपंप है. करीब 200 लोग पीने के पानी के लिए इसी हैंडपंप का इस्तमाल करते हैं, जो कि फिलहाल खराब है, इसी समस्या को दूर करने के लिए 8 महीने पहले लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी व्यवहार यानी पीएचई द्वारा बोर करवाकर हैंडपंप लगवाया जाना प्रस्तावित हुआ था. हैंडपंप लगा भी, लेकिन शिकायतकर्ता राहुल दीक्षित के मुताबिक पीएचई विभाग के द्वारा हैंडपंप के लिए बोर कराकर अधूरे सामान के साथ हैंडपंप लगा दिया गया है, जिसकी वजह से पानी नहीं आ रहा. राहुल दीक्षित ने इसकी शिकायत की थी. जब ग्राम और जिला स्तर पर किसी अधिकारी ने शिकायत पर ध्यान नहीं दिया, तो राहुल ने 181 सीएम हेल्पलाइन पर फोन घुमाया और पानी के लिए खराब पड़े हैंडपंप की शिकायत दर्ज कराई.

Complainant got this answer
शिकायतकर्ता को मिला यह जवाब

शिकायतकर्ता ने की मांफी की मांग

शिकायत दर्ज कराने के बाद जो जवाब आया वो चौंकाने वाला है. शिकायत का निराकरण पीएचई विभाग के कार्यपालन यंत्री पीआर गोयल द्वारा फाइल कराया गया है. जिसमें लिखा हुआ है कि, 'कार्यपालन यंत्री के अनुसार शिकायतकर्ता पागल है, उसको मिर्गी के दौरे पड़ते हैं. अंड- संड बकता है, उसके पूरे परिवार को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं. हैंडपंप खराब नहीं है, उसका दिमाग खराब है. पूरा पीएचई महकमा जानता है, इसने मेरे हैंडपंप मैकेनिक के कपड़े तक फाड़ दिए थे, वक्त आ गया है कि, चीनी युद्ध किया जाए जो गोरिल्ला नीति है. अब हैंडपंप उखाड़कर शिकायतकर्ता के सीने में गाढ़ा जाएगा' इस तरह के जवाब देकर शिकायत को बंद कर दिया गया है.

Complainant got this answer
शिकायतकर्ता को मिला यह जवाब

पीएचई विभाग द्वारा इस तरह का जवाब सुनकर शिकायतकर्ता राहुल दीक्षित काफी आहत हैं. उनका कहना है कि, जिम्मेदार विभाग द्वारा इस तरह से किसी सामाजिक व्यक्ति को पागल घोषित करना उसकी छवि खराब करना है. वो भी सार्वजनिक तौर पर बेहद दुःखद है. उनका कहना है कि, उनके गांव में करीब 40 घरों के 250 से ज्यादा लोग इस हैंडपंप के पानी के लिए निर्भर हैं. उनका कहना है कि, शिकायत का निराकरण करने बजाए इस तरह का गैर जिम्मेदाराना जवाब अधिकारियों के द्वारा दिया जा रहा है. राहुल की मांग है कि, स्थानीय पीएचसी अधिकारी सार्वजनिक तौर पर आकर उनसे माफी मांगे.

विधायक गोविंद सिंह ने मामले को विधानसभा में उठाने की कही बात

वहीं अन्य ग्रामीणों का भी कहना है कि, राहुल दीक्षित और उनका परिवार अच्छी सामाजिक छवि वाले लोग हैं. उनके बारे में सरकारी अधिकारियों द्वारा इस तरह की बातें लिखना सरासर गलत है. लहार विधायक डॉ. गोविंद सिंह ने भी इस घटना को शर्मनाक बताया है. उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा है कि,सीएम शिवराज द्वारा लोगों के लिए सीएम हेल्पलाइन शुरू की गई थी, लेकिन ज्यादातर शिकायतें इस तरह ही हल की जा रही हैं. गोविंद सिंह ने कहा कि वो राहुल का चिकित्सकीय परीक्षण करवाएंगे, अगर आरोप गलत निकला तो अनुशासनात्मक कार्रवाई के हर संभव प्रयास करेगें. साथ ही उन्होंने इस मामले को विधानसभा में भी उठाने की बात कही है.

कलेक्टर ने की निंदा

इस मामले में कलेक्टर डॉ वीरेंद्र नवल सिंह रावत का कहना है कि, 'हो सकता है कि, जिम्मेदार अधिकारी द्वारा काम करवाने के लिए कई लोगों को अपनी आईडी दी गई थी. जिसके जरिए समय पर काम पूरा हो सके और उन्हीं में से किसी व्यक्ति द्वारा यह हरकत की गई है. इसके बारे में पता लगाया जा रहा है'. साथ ही उन्होंने पीआर गोयल द्वारा अपनी आईडी दूसरों को देने की लापरवाही की निंदा करते हुए कहा है कि, जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उनके अनुसार कार्रवाई भी की जाएगी.

Last Updated : Jul 16, 2020, 5:47 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.