भिंड। मध्यप्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव (MP Three Tier Panchayat Elections) के निर्वाचन और मतगणना का कार्य पूरा हो चुका है. गुरुवार को जीतने वाले पंच, सरपंच और जनपद सदस्यों के नामों की घोषणा के साथ उन्हें प्रमाणपत्र भी दिये गए. भिंड के गोहद में जहां चार साल के बच्चे ने सरपंच का चुनाव किया तो वहीं सरपंच का सर्टिफिकेट लेने के लिए तीन पीढ़ियां एक साथ मौजूद रहीं. ये पल सरपंचों के लिए यादगार बन गया है. भिंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के परिणामों की घोषणा ब्लॉक स्तरीय कार्यक्रम के जरिए की गयी. गोहद जनपद के अंतर्गत आने वाले सभी वार्ड और ग्राम पंचायतों की मतगणना तो 11 जुलाई को ही पूर्ण हो चुकी थी. लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग (MP State Election Commission) के आदेशानुसार इन परिणामों की घोषणा गुरुवार को एक साथ की गयी.
चार साल के वरुण ने चुना सरपंच: भिंड जिले के गोहद क्षेत्र में ज्यादातर पंचायतों में सरपंच का फैसला जनता ने किया. लेकिन भगवासा ग्राम पंचायत में सरपंच एक चार साल के बच्चे ने चुना. इसके पीछे की कहानी भी खास है. सरपंच पद के लिए दो प्रत्याशी राम नरेश शर्मा और प्रभात किशोर शर्मा दोनों को ही 228-228 समान वोट प्राप्त हुए थे. ऐसे में उनके भाग्य का फैसला पर्ची डाल कर किया गया. दोनों प्रत्याशियों की सहमति और संतुष्टि के बाद अधिकारियों ने चार साल के बच्चे वरुण को बुलाया. जिसने पर्ची निकालकर सरपंच का पद राम नरेश शर्मा की झोली में डाल दिया. इसके बाद दोनों पक्षों की सहमति से सरपंच को प्रमाण पत्र दिया गया.
तीन पीढ़ियों ने एक साथ प्राप्त किया प्रमाण पत्र: सरपंच की घोषणा के दौरान एक ओर तस्वीर ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. बरौना ग्राम पंचायत के लिए सरपंच का प्रमाणपत्र तीन पीढ़ियों ने एक साथ प्राप्त किया. बरौना से सरपंच पद पर चुनाव में खड़ी हुई प्रत्याशी अंजलि माहौर को जनता की अदालत ने मतदान कर सरपंच बना दिया. जब उनके नाम की घोषणा हुई तो उनकी गोदी में उनका 7 माह का बच्चा था ऐसे में वे अपने मासूम बेटे और ससुर के साथ अपना प्रमाण पत्र प्राप्त करने पहुंची थीं.
शिक्षित हैं चुने गए प्रत्याशी: इस बार गोहद में चुने गए ज्यादातर सरपंच और जनपद सदस्य युवा और पढ़े लिखे है. इस बात का प्रमाण उस वक्त देखने को मिला जब वितरण के लिए प्रमाण पत्र पर प्रत्याशी के हस्ताक्षर कराए गए. तो सभी जीते सदस्यों ने अपने हस्ताक्षर किए. जबकि प्रशासन ने वहां अंगूठा लगाने के लिए इंकपेड भी रखा था. लेकिन इसका उपयोग किसी भी प्रत्याशी ने नहीं किया. ऐसे में माना जा रहा है की इस बार गांव की सरकार पढ़े लिखे समझदार चलाएंगे.
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