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भिंड जिले के मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला बने कैबिनेट मंत्री, जानिए- पूरा सियासी सफर - एमपी कैबिनेट का विस्तार

भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र को दूसरी बार मंत्री पद मिला है. 2020 में क्षेत्र को पहला पद राज्यमंत्री के रूप में मिला था.ओपीएस भदौरिया को शिवराज सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया था. लेकिन विवादों की वजह से 2023 के चुनाव में यहां बीजेपी का टिकट राकेश शुक्ला को मिला. वह चुनाव जीते और अब कैबिनेट मंत्री बने हैं. आइए जानते हैं राकेश शुक्ला का पूरा सियासी सफर. Minister Rakesh shukla political journey

Rakesh Shukla cabinet minister
भिंड जिले के मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला बने कैबिनेट मंत्री
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Dec 26, 2023, 11:51 AM IST

भिंड। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो चुका. 28 मंत्रियों ने शपथ ली है. इसमें 18 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री हैं. कैबिनेट में जगह पाने वालों में भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का कोई विधायक दूसरी बार मंत्री बना है, चेहरा अलग है लेकिन इस बार जिम्मेदारी पहले से बड़ी है. मेहगांव से विधायक चुने गए राकेश शुक्ला कैबिनेट मंत्री बन गए हैं. इस कैबिनेट में वह भिंड जिले के इकलौते मंत्री. उनके मंत्री बनने से क्षेत्र के लोगों और उनके समर्थकों में काफ़ी उत्साह है. Minister Rakesh shukla political journey

जातीय समीकरण साधा : वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जातीय समीकरणों का ध्यान रखना अच्छे से जानती है. यही वजह है विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट में फेरबदल किया गया. उसका फ़ायदा मिला भी. मेहगांव क्षेत्र से राकेश शुक्ला 22 हजार से अधिक मतों से जीते, जो पूरे ज़िले में सबसे अधिक जीत का अंतर था. वह ज़िले में बहुसंख्यक ब्राह्मणों को साधने के लिए अच्छा विकल्प हैं. साथ ही उनकी छवि भी साफ़ सुथरी है. संगठन के साथ ही जनता में भी अच्छी पकड़ रखते हैं. वह किशोरावस्था से ही संघ से जुड़ गये थे. यही वजह कि जनता और सरकार दोनों ने ही उन पर भरोसा दिखाया है. MP cabinet caste equations

Rakesh Shukla cabinet minister
भिंड जिले के मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला

पिता के निधन के बाद लड़ा पहला चुनाव : राकेश शुक्ला के पिता बीजेपी से जुड़े थे. 1982 से 85 तक वे बीजेपी के ज़िला अध्यक्ष भी रहे. 1997 में उनके निधन के बाद राकेश शुक्ला ने तजनीति में कदम रखा. वह छात्र जीवन में ही संघ से जुड़ चुके थे. ऐसे में बीजेपी से उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की. 1998 में राकेश शुक्ला को पार्टी ने मेहगांव से विधानसभा चुनाव में उतारा था. उनके प्रतिद्वंदी हरिसिंह नरवारिया को उन्होंने शिकस्त दी और पहली बार में विधायक बन गये. इसके बाद 2003 में भी उन्हें टिकट मिला लेकिन हार गये. 2008 में एक बार फिर पार्टी ने उन्हें मौक़ा दिया तो राकेश शुक्ला जीत दर्ज कराते हुए दूसरी बार विधायक बने, लेकिन 2013 में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया, जिससे नाराज़ होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाये. Minister Rakesh shukla political journey

2018 में चुनाव हारे राकेश शुक्ला : 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर राकेश शुक्ला पर दांव लगाया लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा और जीत तत्कालीन कांग्रेस कैंडिडेट ओपीएस भदौरिया के खाते में गई. जब 2023 के चुनाव हुए तो बीजेपी ने दोबारा राकेश शुक्ला को टिकट देकर मैदान में उतारा. इस बार क़िस्मत ने साथ दिया और 22 हज़ार से अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह भदौरिया को हराकर वे तीसरी बार विधायक बनने में सफल रहे. अब बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ले चुके हैं. Minister Rakesh shukla political journey

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कौन सा विभाग मिलेगा, इस पर नजरें : राकेश शुक्ला मोहन सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद पर आसीन हो गये लेकिन अब तक मंत्रालय का आवंटन बाक़ी है. लंबे समय से भिंड ज़िले के मंत्री को सहकारिता और सामान्य प्रशासन मंत्रालय की बड़ी ज़िम्मेदारी मिलती रही है. फिर चाहे वे कांग्रेस सरकार में डॉ. गोविंद सिंह रहे या बीजेपी सरकार में अरविंद भदौरिया, लेकिन जिस तरह मुख्यमंत्री मोहन यादव की सरकार बीजेपी में बदलाव के दौर से गुजर रही है. ऐसे में एक के बाद चौक़ाने वाले फ़ैसलों के बीच होने वाला आवंटन राकेश शुक्ला की झोली में कौन सा मंत्रालय लाएगा ये तो नहीं कहा जा सकता लेकिन भिंड ज़िले को बड़ी जिम्मेदारी मिलेगी, इस बात से अब इनकार नहीं किया जा सकता. Minister Rakesh shukla political journey

भिंड। मध्यप्रदेश की मोहन सरकार के मंत्रिमंडल का गठन हो चुका. 28 मंत्रियों ने शपथ ली है. इसमें 18 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्री हैं. कैबिनेट में जगह पाने वालों में भिंड जिले के मेहगांव विधानसभा क्षेत्र का कोई विधायक दूसरी बार मंत्री बना है, चेहरा अलग है लेकिन इस बार जिम्मेदारी पहले से बड़ी है. मेहगांव से विधायक चुने गए राकेश शुक्ला कैबिनेट मंत्री बन गए हैं. इस कैबिनेट में वह भिंड जिले के इकलौते मंत्री. उनके मंत्री बनने से क्षेत्र के लोगों और उनके समर्थकों में काफ़ी उत्साह है. Minister Rakesh shukla political journey

जातीय समीकरण साधा : वरिष्ठ पत्रकार अनिल शर्मा कहते हैं कि भारतीय जनता पार्टी जातीय समीकरणों का ध्यान रखना अच्छे से जानती है. यही वजह है विधानसभा चुनाव के दौरान टिकट में फेरबदल किया गया. उसका फ़ायदा मिला भी. मेहगांव क्षेत्र से राकेश शुक्ला 22 हजार से अधिक मतों से जीते, जो पूरे ज़िले में सबसे अधिक जीत का अंतर था. वह ज़िले में बहुसंख्यक ब्राह्मणों को साधने के लिए अच्छा विकल्प हैं. साथ ही उनकी छवि भी साफ़ सुथरी है. संगठन के साथ ही जनता में भी अच्छी पकड़ रखते हैं. वह किशोरावस्था से ही संघ से जुड़ गये थे. यही वजह कि जनता और सरकार दोनों ने ही उन पर भरोसा दिखाया है. MP cabinet caste equations

Rakesh Shukla cabinet minister
भिंड जिले के मेहगांव से विधायक राकेश शुक्ला

पिता के निधन के बाद लड़ा पहला चुनाव : राकेश शुक्ला के पिता बीजेपी से जुड़े थे. 1982 से 85 तक वे बीजेपी के ज़िला अध्यक्ष भी रहे. 1997 में उनके निधन के बाद राकेश शुक्ला ने तजनीति में कदम रखा. वह छात्र जीवन में ही संघ से जुड़ चुके थे. ऐसे में बीजेपी से उन्होंने सक्रिय राजनीति शुरू की. 1998 में राकेश शुक्ला को पार्टी ने मेहगांव से विधानसभा चुनाव में उतारा था. उनके प्रतिद्वंदी हरिसिंह नरवारिया को उन्होंने शिकस्त दी और पहली बार में विधायक बन गये. इसके बाद 2003 में भी उन्हें टिकट मिला लेकिन हार गये. 2008 में एक बार फिर पार्टी ने उन्हें मौक़ा दिया तो राकेश शुक्ला जीत दर्ज कराते हुए दूसरी बार विधायक बने, लेकिन 2013 में बीजेपी ने उनका टिकट काट दिया, जिससे नाराज़ होकर निर्दलीय चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं पाये. Minister Rakesh shukla political journey

2018 में चुनाव हारे राकेश शुक्ला : 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर राकेश शुक्ला पर दांव लगाया लेकिन इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा और जीत तत्कालीन कांग्रेस कैंडिडेट ओपीएस भदौरिया के खाते में गई. जब 2023 के चुनाव हुए तो बीजेपी ने दोबारा राकेश शुक्ला को टिकट देकर मैदान में उतारा. इस बार क़िस्मत ने साथ दिया और 22 हज़ार से अधिक मतों से कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह भदौरिया को हराकर वे तीसरी बार विधायक बनने में सफल रहे. अब बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री की शपथ ले चुके हैं. Minister Rakesh shukla political journey

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