भिंड। मध्यप्रदेश का चंबल इलाका एक समय डाकुओं के नाम से बदनाम था. अब इस इलाके में डाकू तो नहीं रहे. अब यह इलाका अवैध हथियारों की तस्करी के लिए जाना और पहचाना जाता है. मध्यप्रदेश में पंचायत (MP panchayat election) और नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban Body Election) होने वाले हैं, और चंबल में चुनाव शांति से हो जाये ये संभव नहीं है. अंचल का भिंड जिला ऐसा क्षेत्र है जहां चुनाव विकास नहीं बल्कि वर्चस्व का मुद्दा होता है. यही वजह है कि विधानसभा, लोकसभा हो या पंचायतों के चुनाव बिना बंदूक की ठांय-ठांय पूरे नहीं होते. आज तक किसी चुनाव में मतदान के दिन जिले में गोली न चली हो ऐसा अब तक हुआ नहीं है. इसके पीछे बड़ा कारण है अवैध हथियारों की उपलब्धता या कहें तस्करी. भिंड जिले के चुनावी माहौल में अवैध हथियारों की तस्करी बढ़ जाती है. अंचल में सबसे ज़्यादा अवैध हथियार भिंड जिले में ही खपाये जाते हैं. इसके सबूत पिछले कुछ महीनों में हुई बड़ी कार्रवाइयों ने खुद दिए हैं.
6 माह में 5 बार पकड़े हथियारों के ज़खीरे: मध्यप्रदेश के जिलों के हथियार तस्करों के लिए भिंड पसंदीदा जगह बनती जा रही है. करीब 6 माह में जिले की पुलिस ने कई बड़ी कार्रवाइयों को अंजाम दिया है और तस्करों को हथियारों के जखीरे के साथ सलाखों के पीछे पहुंचाया है. माना जाता है कि चंबल का खून गर्म है और यहां छोटी-छोटी बातों पर लोग हथियार उठा लेते हैं. इसी वजह से चुनाव के समय जब लाइसेंसी हथियार पुलिस के सुपुर्द हो चुके होते हैं ऐसे में आपराधिक प्रवृत्ति के लोग अवैध हथियारों की खरीदी करते हैं. जिनका फायदा उठाते हुए बाहरी तस्कर अवैध हथियार लाकर यहां खपाते हैं.
निमाड़ और यूपी के रास्ते आते हैं अवैध हथियार: भिंड जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कमलेश कुमार खरपुसे का कहना है कि पंचायत चुनाव के दौरान जिले के सभी लाइसेंसी हथियारों को जमा कर लिया गया है. फिर भी ग्रामीण अंचलों में अवैध हथियारों की सप्लाई और उपयोग की सूचनाएं अक्सर मिलती रहती है. इसके लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है. जहां से भी सूचना मिलती है उस पर सतत कार्रवाई की जा रही है, ताकि चुनाव शांति पूर्ण हो सके. हालांकि, भिंड जिले में अवैध हथियारों का बनना अब बंद हो चुका है ऐसे में हथियार अब यहां बाहर से सप्लाई किये जाते हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए एएसपी कमलेश कुमार ने बताया कि, "अमूमन हुई कार्रवाइयों में पता चला है कि तस्करी करने वाले ज्यादातर खंडवा के सिकलीगर, खरगौन और उत्तरप्रदेश के अलग अलग स्थानों से हथियार सप्लाई करते हैं".
भिंड में अवैध हथियारों पर बीते 6 माह में हुई बड़ी कार्रवाइयां
1- 18 दिसंबर 2021 को भिंड की गोरमी थाना पुलिस ने 10 पिस्टल, 11 कारतूस के साथ एक तस्कर को गिरफ्तार किया, ये हथियार यूपी इटावा के रास्ते पंचायत चुनाव में खपाने के लिए लाए गए थे.
2- 3 जनवरी 2022 में साइबर पुलिस और पावई थाना पुलिस ने पूर्व दस्यु कम्मोद सिंह को 9 अवैध देसी कट्टा, एक दुनाली बंदूक और 14 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था, ये हथियार वह पंचायत चुनाव में खपाने के लिए यूपी के मैनपुरी से लाया था.
3- 8 मार्च 2022 को मेहगांव पुलिस और सायबर सेल पुलिस ने खरगौन से आए एक तस्कर को 15 अवैध पिस्टल और 10 कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था.
4- 1 अप्रैल 2022 को साइबर सेल पुलिस और अमायन थाना पुलिस ने 2 तस्करों को 11 पिस्टल, 3 मैगजीन, 10 कारतूस के साथ पकड़ा था. ये तस्कर खरगौन से भिंड हथियारों की डिलीवरी करने आए थे.
5- 15 जून 2022 को भिंड की बरासों थाना पुलिस ने खरगौन से आये एक सिकलीगर को 8 पिस्टल, 5 कट्टे, 6 जिंदा राउंड के साथ गिरफ्तार किया, आरोपी पंचायत चुनाव के लिए क्षेत्र में अवैध हथियारों की खेप लेकर आया था.
6- इसके अलावा 20 मई से 14 जून तक भिंड पुलिस ने 9 अलग जगह कार्रवाइयां करते हुए अवैध हथियार बरामद किए हैं और एक दर्जन से अधिक आरोपियों को आर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया है.
चुनाव को देखते हुए सभी लाइसेंसी हथियार जमा करा लिये हैं. इसके अलावा पुलिस अवैध हथियारों की तस्करी रोकने के लिए अन्तर्राज्यीय सीमाओं के साथ जिले की सीमाओं पर भी चेकिंग अभियान चला रही है. हमने मुखबिर तंत्र भी सक्रिय किये हैं. ताकि अपराधियों के मंसूबे कामयाब न हो सकें. -कमलेश कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
(Bhind became market for illegal arms) (Illegal arms smuggling in Bhind)