भिंड। मध्य प्रदेश बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2023 को लेकर प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करने के 39 दिनों बाद अचानक एक बार फिर 39 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दूसरी लिस्ट जारी कर सभी को चौंका दिया है. इस लिस्ट में भिंड जिले की लहार विधानसभा पर भी कैंडिडेट फाइनल कर दिया है. प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ इस बार भारतीय जानता पार्टी ने लहार से अमरीश शर्मा गुड्डू को टिकट दिया है. आइए जानते है क्यों बीजेपी के लिए खास है, यह सीट और क्या हैं यहां के सियासी समीकरण.
भारतीय जनता पार्टी बीते 3 दशक से लहार विधानाभा सीट पर वनवास झेल रही है. वजह है यहां के विधायक डॉ गोविंद सिंह जो वर्तमान में मध्य प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष हैं और लगातार अपने विधानसभा क्षेत्र में 7 बार से विधायक हैं. बीजेपी ने यहां हर चुनाव में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारे, लेकिन कभी कांग्रेस के इस अभेद किले को नहीं गिरा सकी. इस बार जब आगामी विधानसभा चुनाव के लिए 39 सीटों पर उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी की है, तो उसमें लहार सीट से अमरीश शर्मा गुड्डू का नाम फाइनल कर दिया है, लेकिन अमरीश शर्मा के लिए भी ये चुनाव जीतना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं रहने वाला.
क्यों लगी अमरीश शर्मा गुड्डू के नाम पर बीजेपी की मुहर: 2018 में जब विधानसभा चुनाव हुए उस दौरान बीजेपी दूसरे नंबर थी. जबकि बसपा के प्रत्याशी अमरीश शर्मा तीसरे नंबर पर आए थे, लेकिन बीजेपी में शमिल होने के बाद पार्टी के समर्पित कार्यकर्ता की तरह उन्होंने लहार क्षेत्र में बीजेपी की स्थिति में सुधार लाया. पिछले चुनाव के दौरान बीजेपी ने पूर्व विधायक रसाल सिंह को टिकट दिया था, लेकिन पार्टी में अंदरूनी कलह और क्षेत्र में उनके विरोध संम्भाल नहीं पाये. माना जाता है कि रसाल सिंह और उनके परिवार की छवि क्षेत्र में अब पहले जैसी नहीं रही. वहीं विरोधियों ने पर्दे के पीछे वोट कांग्रेस और बसपा की ओर डायवर्ट कर दिया. यही स्थिति बीते चुनाव में भी देखने को मिलती रही है. इसलिए इस बार चुनाव की कमान लहार क्षेत्र में अमरीश शर्मा गुड्डू पर भरोसा कर उन्हें सौंपी है.
अमरीश शर्मा पर भरोसे की वजह: दो साल पहले अमरीश शर्मा ने बीजेपी ज्वाइन की. जिसके बाद उन्हें प्रदेश कार्यसमिति में सदस्य बनाया गया. बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही अमरीश शर्मा लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे और डॉ गोविंद सिंह के खिलाफ लहार क्षेत्र के कई मुद्दे उठाये. जिससे लोकप्रियता लगातार बढ़ी. कार्यकर्ताओं से तालमेल के साथ क्षेत्र की जनता से जुड़ाव अमरीश शर्मा द्वारा कुछ महीनों पहले कराई भागवत में देखने को मिली. जब लाखों की संख्या में लोग और बीजेपी के कई दिग्गज नेता इस आयोजन में पहुंचे. हाल ही में सीएम के लहर में हुए लाड़ली बहना योजना के तहत कार्यक्रम में भी उनका जनसमर्थन देखने लायक था. बीजेपी के मूल कार्यकर्ता के साथ डॉ गोविंद सिंह से नाराज वोटरों की पसंद बने अमरीश बीजेपी के सर्वे में पहले नंबर थे. ऐसे में पार्टी उम्मीद कर रही है कि वे इस बार शायद बीजेपी का वनवास खत्म करा सकते हैं.
पिछले चुनाव में बीजेपी की स्थिति: लहार विधानसभा सीट पर पिछला चुनाव 2018 में हुआ था. चुनाव में जीत कांग्रेस प्रत्याशी डॉ गोविंद सिंह की हुई थी, 62113 वोट मिले थे. वहीं उनके प्रतिद्वंदी बीजेपी के टिकट पर लड़े. पूर्व विधायक रसाल सिंह थे. जो 53040 वोट के साथ दूसरे नम्बर पर रहे थे. जबकि बसपा से चुनाव लड़े अमरीश शर्मा गुड्डू को तीसरे स्थान पर थे, उन्हें 31367 मत प्राप्त हुए थे. इस तरह डॉ गोविंद सिंह ने 9,073 वोटों से रसाल सिंह को शिकस्त दी थी.
अंदरूनी असंतोष बीजेपी के लिए चुनौती: बीजेपी के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में लहार सीट जीतना आसान नहीं होगा. जिसकी बड़ी वजह पार्टी में फैलने वाला असंतोष है. पहले ही चुनाव में टिकट की दावेदारी को लेकर बीजेपी क्षेत्र में कई गुटों में बटी हुई है. जिनमे रोमेश महंत दावेदारी में अमरीश शर्मा से मुक़ाबला कर रहे थे. कई मौकों पर उनका शक्ति प्रदर्शन भी में देखने को मिला है. ऐसे में माना जा रहा है की अब टिकट करने के बाद उनकी नाराज़गी कहीं ना कहीं चुनाव पर असर ज़रूर डालेगी.