भिंड। कोरोना काल (Corona period) में भी शिक्षा (Education) के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले शिक्षकों (Teachers) के लिए आज खास दिन है. दरअसल, शिक्षक दिवस (Teachers Day) पर के मौके पर ऐसे शिक्षकों (Teachers) को सम्मानित करने के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान (State Level Teacher Award) दिया जा रहा है. इन सम्मानित शिक्षकों में जिले के शासकीय शिक्षक मोहम्मद शकील (Mohd Shakeel) को चौथा स्थान प्राप्त हुआ है.
हाई स्कूल में पदस्थ हैं शकील
जिले के रछेड़ी ग्राम में शासकीय हाई स्कूल (High School) में पदस्थ शिक्षक मोहम्मद शकील (Mohd Shakeel) को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान (State Level Teacher Award) के लिए चुना गया है. मेरिट में चौथा स्थान मिलने पर मो. शकील भी बेहद गदगद हैं. वे गणित (Maths) के शिक्षक हैं और अपने द्वारा तैयार किए गए विशेष शिक्षण सामग्री (Special material) के जरिए बच्चों को पढ़ाते हैं. उनके पढ़ाने के तरीके से बच्चे बहुत आसानी से गणित (Maths) को हल कर लेते हैं. यही कारण है की उनकी कक्षाओं में परीक्षा रिजल्ट 90 प्रतिशत से ऊपर ही रहता है.
साथी शिक्षकों और अधिकारियों ने किया प्रेरित
शिक्षक मो शकील (Mohd Shakeel) ने बताया की उनके अंदर बच्चों को पढ़ाने को लेकर एक खास जनून है. जब तक बहुत जरूरी काम न हो वह स्कूल (School) से छुट्टी भी नहीं लेते. उनका शिक्षा के प्रति यही लगाव उनके साथी शिक्षकों और प्राचार्य को भी प्रभावित रखता है. मोहम्मद शकील मानते हैं कि उनके स्कूल (School) के शिक्षक साथी और वरिष्ठ अधिकारियों ने ही उन्हें प्रेरित किया और शिक्षक सम्मान के लिए नाम आगे बढ़ाया और आज उन्हें यह सम्मान राज्य सरकार से मिल रहा है.
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कोरोना काल में भी काम नही हुआ पढ़ाने का जज्बा
कोरोना काल (Corona period) में जब स्कूल (School) बंद थे तब भी मोहम्मद शकील ने पढ़ाने (teaching) के जज़्बे को विराम नहीं लगने दिया. उन्होंने नेट (Net) के माध्यम से अपने द्वारा तैयार किया पढ़ने और पढ़ाने के मटेरियल का वीडियो (Video) बनाकर यूट्यूब (Yotube) पर अपलोड किए. साथ ही एक चैनल बनाकर बच्चों को ऑनलाइन पढ़ाना जारी रखा. जिससे कोरोना काल में उनकी पढ़ाई बाधित ना हो. हालांकि उनका कहना है की कई बच्चे नेट कनेक्टिविटी और आर्थिक परिस्थियों की वजह से सुविधाओं के अभाव में ऑनलाइन क्लास नहीं ले सके जिसका उन्हें दुख है. उनकी शिक्षा सिर्फ ऑनलाइन या सरकारी स्कूल तक ही सीमित नहीं है. वे हर रविवार झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले गरीब बच्चों के लिए वालंटियर टीचर (Volunteer Teacher) के तौर पर मानवता की पाठशाला में भी हर रविवार पढ़ाने जाते थे.
किसी निजी स्कूल से कम नहीं उनका स्कूल
ग्रामीण इलाको में शासकीय स्कूल की परिकल्पना सभी को एक दूरस्थ स्थान पर जर्जर भवन, टाटपट्टी पर बैठे बच्चे जैसे हालात वाली होती है, लेकिन मोहम्मद शकील ने निजी स्कूल (private school) की तर्ज पर रछेड़ी शासकीय हाई स्कूल (High School) को विकसित किया. उन्होंने बताया कि पहले ग्रामीण स्कूल में बच्चों को दाखिला दिलाने में संकोच करते थे. उन्हें लगता था की निजी स्कूल सभी सुविधाओं से युक्त होते हैं. इसी सोच को बदलने के लिए मो शकील ने पूरे स्कूल को सुविधाओं से सुसज्जित कर दिया. बता दें कि आज स्कूल में स्वच्छ पानी (Clean water) की व्यवस्था है, वॉटर कूलर है, टेबल बेंच पर बैठ कर बच्चे पढ़ते हैं. साफ सफाई का विशेष ध्यान दिया जाता है. यहां तक की पौधा रोपण कर खुद शकील सर ने स्कूल में एक बगिया बना दी है.
राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान के लिए हुआ चयन
उनके पढ़ाने (Teaching) के तरीके और कोरोना में शिक्षा की अलख जगाए रखने के जज्बे को सरकार (Government) ने पहचाना और उन्हें शिक्षक दिवस (teachers day) पर सम्मानित किया जा रहा है. हालांकि, कोरोना के चलते राज्य सरकार (State govt) द्वारा उन्हें भिंड जिला कलेक्टर द्वारा यह सम्मान दिया जाएगा. जिला स्तर पर भी उन्हें कई बार सम्मान मिल चुका है. अब राज्य स्तरीय सम्मान मिलने से वे बेहद खुश हैं.