भिंड। जिले के गोहद इलाक़े से शनिवार सुबह अचानक आयी पूरे परिवार द्वारा आत्महत्या की खबर ने पूरे ज़िले को झकझोर के रख दिया, कठमा गूजर गांव के रहने वाले किसान धर्मेंद्र गुर्जर ने अपनी पत्नी और दो मासूम बच्चों के साथ फांसी लगा ली. घटना में धर्मेंद्र के साथ पत्नी और बेटे की मौत हो गई, जबकि मासूम छोटी बेटी जिंदा बच गई जिसका इलाज ग्वालियर में जारी है. (Bhind Mass Suicide)
क्या है मामला: घटना के कारण अब तक स्पष्ट नहीं हो सके हैं कि आखिर इस परिवार ने इतना बड़ा कदम क्यूं उठाया. एएसपी कमलेश कुमार के मुताबिक "गोहद पुलिस को कठमा गांव से सूचना मिली थी कि धर्मेंद्र के घर का दरवाजा अंदर से बंद है और कोई जवाब नहीं दे रहा है. ऐसे में मौके पर पहुंची पुलिस ने विडियोग्राफी के साथ दरवाजा तोड़ा, जहां अंदर धर्मेंद्र और उसकी पत्नी अमरेश फांसी पर लटके हुए थे, वहीं बेटा प्रशांत का शव जमीन पर पड़ा था. जमीन पर पास में ही बेटी मीनाक्षी भी पड़ी थी, जिसकी सांसे चल रही थी. हालांकि बच्ची के गले पर भी फंदे के निशान थे, जिसके बाग बच्ची को इलाज के लिए तुरंत अस्पताल भिजवाया गया जहां से उसे ग्वालियर रैफर कर दिया गया है.
मौके से बरामद हुई ये चीजें: घटना स्थल पर पुलिस अधीक्षक भी पहुंचे थे तो मामले की जांच भी उतनी ही प्रमुखता से हुई. फोरेंसिक एक्स्पर्ट्स भी आए, जिन्होंने घटना स्थल की जांच की और शव पोस्टमार्टम के लिए भिजवाए. मामले में एसडीओपी राजेश राठौर ने भी अहम खुलासा करते हुए बताया कि "मामले में हत्या की संभावना तो बिलकुल भी नहीं है, क्योंकि दरवाजा अंदर से बंद था. इसके अलावा प्राथमिक जांच में अनाज में रखी जाने वाला कीड़े मारने की केमिकल की गोलियां और एक गिलास में घुली हुई गोलियां भी मिली हैं. ऐसे में इस बात की आशंका भी बढ़ जाती है कि पहले यह जहर पिया गया हो और फिर फांसी लगा ली हो."
दहेज प्रताड़ना का आरोपी था मृतक: मृतक के बैक्ग्राउंड चेक करने पर यह भी तथ्य सामने आए हैं कि मृतक देवेंद्र गुर्जर अपनी पत्नी अमरेश की बहन की शादी भी इसी परिवार में हुई है, जिसकी चार साल पहले मौत हो गई थी. जिसके बाद मायके पक्ष ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया था, खुद मृतक धर्मेंद्र भी इस केस में आरोपी था. ऐसे में इस बात की आशंका भी है कि उसी मामले में पारिवारिक कलह के चलते या बदनामी की वजह से भी यह कदम उठाया गया हो. हालांकि पीएम रिपोर्ट आने के बाद और जिंदा बची बच्ची से बात करने पर ही कोई वजह सामने आने की उम्मीद है.
MP: मध्य प्रदेश में पूरे परिवार ने लगाई फांसी, पति पत्नी और बेटे की मौत, मासूम बेटी की हालत गंभीर
पहले भी सामने आए हैं दिल दहलाने वाले सामूहिक आत्महत्या के मामले: इस तरह के सामूहिक आत्महत्या के बाद पूरे भिंड जिले में सनसनी फैली हुई है. प्रदेश भर में यह घटना सुर्खियों में है, लेकिन इसी तरह की कई घटनाएं बीते कुछ वर्षों में देखने को मिली है जिनमें एमपी के साथ ही दूसरे प्रदेशों में घटित हुई सामूहिक आत्महत्याओं के मामले भी शामिल हैं.
बुराड़ी कांड: बुराड़ी सामूहिक आत्महत्या की घटना 2018 में हुई थी, लेकिन यह घटना आज तक किसी अनसुलझे रहस्य की तरह बनी हुई है. एक ऐसी दिल दहलाने वाली घटना थी जब दिल्ली के बुराड़ी में एक परिवार के 11 सदस्यों ने एक साथ आत्महत्या कर ली थी, खुदकुशी करने वाले 11 लोगों में ललित (45), उनके बड़े भाई भवनेश सिंह (50), उनकी पत्नियां टीना (42) और भाई की पत्नी सविता (48), बच्चे नीतू (25), मोनू उर्फ मेनका (23), ध्रुव उर्फ दुष्यंत (15), शिवम (15), उनकी बहन प्रतिभा उर्फ बेबी (48) और उनकी बेटी प्रियंका (33) शामिल थीं.
राजस्थान से सामूहिक आत्महत्या का मामला: राजस्थान के जयपुर-अजमेर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित दूदू कस्बे के पास 28 मई को एक गांव के कुएं में दो लापता बच्चों और तीन बहनों के शव मिले थे. दो बच्चों सहित एक ही परिवार में विवाहित तीन बहनों की आत्महत्या से मौत हो गई. बच्चों में एक चार साल का लड़का और एक 27 दिन का नवजात भी शामिल था, दिल दहलाने वाली बात यह है कि मौत के समय 2 बहने, ममता मीणा (23) और कमलेश मीणा (20) गर्भवती थीं. शुरुआती जांच के अनुसार, महिलाओं ने रोजाना मारपीट और मारपीट से तंग आकर ख़ुदकुशी का कदम उठाया था. मामले में तीन भाइयों, उनकी मां और एक बहन को पुलिस ने दहेज उत्पीड़न और दहेज हत्या के साथ-साथ अन्य आपराधिक अपराधों के आरोप में गिरफ्तार किया था.
बिहार में कर्ज के चलते परिवार ने की खुदकुशी: बिहार के समस्तीपुर जिला के विद्यापतिनगर थाना क्षेत्र के मऊ धनेशपुर दक्षिण गांव में 5 जून को एक ही परिवार के पांच लोगों की सामूहिक आत्महत्या कर ली थी, कर्ज की वजह से आर्थिक तंगी से परेशान होकर पूरे परिवार ने गले में फंदा डाल खुदकुशी कर ली. मरने वालों में मनोज झा (48 वर्ष), उसकी पत्नी सुंदर मनी देवी (38 वर्ष), बेटा सत्यम कुमार (10 वर्ष), शिवम (8 वर्ष) और मृतक की मां सीता देवी (65 वर्ष) शामिल थीं.
मध्य प्रदेश : नाबालिग बच्चों का गला काट पति-पत्नी ने पीया जहर, आर्थिक तंगी से परेशान था परिवार
भोपाल में सूदखोरों ने तबाह किया परिवार: भोपाल में बीते साल 25 नवम्बर 2021 की रात कर्ज में डूबे एक मैकेनिक संजीव जोशी ने अपनी दो बेटियों ग्रीष्मा और पूर्वी, पत्नी अर्चना और मां नंदिनी के साथ जहर पी लिया था. इस सामूहिक आत्महत्या के लिए मैकेनिक और उसके परिवार ने कुछ लोगों को ज़िम्मेदार बताया था जो सूदखोरी का काम करते हैं और पैसा वापस लेने के लिए परिवार को प्रताड़ित कर रहे थे. घटना के बाद सभी को इलाज के लिए भर्ती कराया गया था लेकिन एक एक कर पाँचों सदस्यों ने अपना दम तोड़ दिया था.
रायसेन में बर्बाद हो गया हंसता खेलता परिवार: एमपी के रायसेन ज़िले के बाड़ी कस्बे में भी इसी साल अप्रैल के आखरी हफ्ते में एक सराफा व्यापारी ने अपने पूरे परिवार के साथ आत्म हत्या कर ली थी, वार्ड 8 में रहने वाले व्यापारी जितेंद्र सोनी ने अपनी पत्नी और दो बच्चों को जहर दिया और फिर खुद फांसी लगा ली थी. घटना में जितेंद्र, उसकी पत्नी और एक बेटे की मौत हो गई थी, जबकि एक बेटे की जान बच गयी थी, जिसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया था.