भिंड। मध्यप्रदेश नगरीय निकाय चुनाव के दोनों चरणों के मतदान के नतीजे सामने आ चुके हैं. ग्वालियर चंबल अंचल में यह चुनाव कांग्रेस के लिए बेहद अहम रहा. नगर पालिका और नगर परिषदों के अलावा पहले चरण में ग्वालियर महापौर पद पर कांग्रेस काबिज हुई और अब दूसरे चरण में मुरैना नगर निगम में भी कांग्रेस प्रत्याशी ने भारी मतों के साथ जीत हासिल की है. भिंड जिले में भी 7 निकायों में सीधा-सीधा कांग्रेस शहर सरकार बना रही है. लेकिन सवाल यह है कि, आखिर कांग्रेस ने यह करिश्मा कैसे कर दिखाया और यही जानने के लिए ईटीवी भारत संवाददाता ने नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर गोविंद सिंह से खास बातचीत की है.
ग्वालियर-चम्बल अंचल की जनता ने अन्याय के खिलाफ चोट की है: डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि, भारतीय जनता पार्टी के कुशासन, बेरोजगारी, भुखमरी और महिला अपराध जैसी समस्याओं को कांग्रेस जनता के सामने लाई और जनता ने उन्हें स्वीकार किया. ग्वालियर-चंबल अंचल में ज्यादा अपराध, दमन, अत्याचार पुलिस के द्वारा हुआ. कांग्रेस के लोगों पर झूठे मुकदमे दायर किए गए. हिंदुस्तान में जनता अन्याय के खिलाफ प्रजातंत्र में वोट करती है और मौका मिलने पर चोट करती है. यही एक बड़ा कारण है कि ग्वालियर चंबल अंचल में इस बार महापौर हमारे बने हैं.
निष्पक्ष मतगणना होती तो बीजेपी के बराबर होते कांग्रेस के महापौर: डॉक्टर गोविंद सिंह का कहना है कि, नगर निगम चुनावों में कांग्रेस शून्य पर थी. लेकिन यह बीजेपी के ही कर्म है कि, जनता के समर्थन से आज 5 महापौर कांग्रेस के बने हैं. हमारे दो महापौर प्रत्याशी जीते जिताए बीजेपी ने हरवा दिए, हमारा उज्जैन का प्रत्याशी 90% वोटों से जीत चुका था, जिसे हरवा दिया गया. इसी प्रकार हमारे बुरहानपुर प्रत्याशी को भी जो 300-350 वोट से जीत रहा था, उसे हरा दिया गया. यदि निष्पक्षता से मतगणना कराई जाती, तो आज हम 5 की जगह 7 नगर निगमों में काबिज होते और भारतीय जनता पार्टी के बराबर पर पहुंचते. लेकिन उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की सरकार में प्रशासन का दुरुपयोग किया. कलेक्टरों ने उनका एजेंट बनकर काम किया है, प्रजातंत्र के गला घोंटने का काम भारतीय जनता पार्टी ने इस प्रकार किया है.
खाद्यपदार्थों पर टैक्स लगाकर गरीबों को भूखा मरना चाहती है सरकार: विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर कर डॉ. गोविंद सिंह ने कहा कि, इसके लिए स्ट्रेटजी बनाने की जरूरत नहीं है. जनता में पहले ही भारतीय जनता पार्टी के प्रति आक्रोश बना हुआ है. जिस तरह भारतीय जनता पार्टी की सरकार में महंगाई बढ़ी है, गैस तेल के दाम बढ़े हैं. खासकर अब खाद्य पदार्थों पर भी 5% टैक्स मोदी सरकार ले रही है. इस तरह गरीब की रोजी रोटी भी छीनने का काम भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने किया है. आज तक 75 साल में कांग्रेस ने सरकार रहते खाने पर कभी टैक्स नहीं लिया. जिससे कि गरीबों को भोजन मिल सके, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने गरीबों के दाल चावल पर भी टैक्स लगा कर भूखा मरने को छोड़ दिया है.