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दिव्यांग खिलाड़ी पूजा की बड़ी उड़ान, विदेशों में गाड़े सफलता के झंडे, लड़कियों के लिए बनीं मिसाल

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर ईटीवी भारत ऐसी महिलाओं को सलाम कर रहा है. जिन्होंने रूढ़िवादी सोच को दरकिनार कर सफलता की सीढ़ियां पार की हैं. भिंड के एक गरीब परिवार की दिव्यांग कयाकिंग कैनोइंग खिलाड़ी पूजा ओझा पैरा कैनोइंग के 9 खिलाड़ियों में 8 वीं रैंक पर भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. उन्होंने शारीरिक अक्षमताओं को कभी आड़े नहीं आने दिया और आज एक मिसाल बन गईं हैं.

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Published : Feb 28, 2020, 1:13 PM IST

Updated : Feb 28, 2020, 1:38 PM IST

Para kayaking canoeing female player Pooja Ojha has won many medal wins in this sport
पैरा कयाकिंग कैनोइंग महिला खिलाड़ी पूजा ओझा ने इस खेल में कई मेडल जीत देश का नाम रोशन किया

चप्पू को पंख बना

भरी सफलता की उड़ान

बुलंद हौसलों से लहरों को पछाड़

पूजा ने किए सपने साकार

भिंड। कुछ ऐसा ही सफर रहा है भिंड जिले की दिव्यांग कयाकिंग कैनोइंग खिलाड़ी पूजा ओझा का, जिन्होंने अपनी शारीरिक अक्षमताओं को पीछे छोड़ अपने सपनों को साकार किया है.

पैरा कयाकिंग कैनोइंग महिला खिलाड़ी पूजा ओझा ने इस खेल में कई मेडल जीत देश का नाम रोशन किया

मध्य प्रदेश का एक छोटा जिला भिंड जो कभी चंबल के डकैतों की छांव में बदनाम हुआ करता था, आज यहां से देश का नाम रोशन करने वाले कई हीरे निकल रहे हैं. आज भिंड की बेटियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ भिंड का बल्कि देश का नाम भी ऊंचा कर रही हैं. ऐसा ही जिले के एक गरीब परिवार से आई पूजा ओझा ने कर दिखाया. वह तीन साल पहले देश की पहली पैरा कयाकिंग कैनोइंग महिला खिलाड़ी बनीं और उसके बाद लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रही हैं.

आज पूजा विश्व के पैरेट कैनोइंग के 9 खिलाड़ियों में 8वीं रैंक पर भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. शारीरिक तौर पर पूजा दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन पानी पर अपने हौसलों का चप्पू चला बेहद तेजी से अपने लक्ष्य तक पहुंचती हैं.

Pooja Ojha is ranked 8th among 9 players of Parate Canoeing in the world
विश्व में पैरा कैनोइंग के 9 खिलाड़ियों में 8 वीं रैंक पर हैं पूजा ओझा

आसान नहीं रहा सफर

पैरेट कैनोइंग खिलाड़ी पूजा बताती हैं कि उन्हें दिव्यांग होने से काफी मशक्कत करनी पड़ी. शुरूआत में संसाधनों की कमी के चलते प्रैक्टिस के लिए जुगाड़ के कीबोर्ड का इस्तेमाल करना पड़ता था. भिंड के लोगों की सोच भी इतनी विकसित नहीं है, इसलिए शुरुआत में माता-पिता भी तैयार नहीं थे, लेकिन कुछ कर गुजरने के जुनून को देखते हुए उन्होंने पूजा का साथ दिया.

गुरु को दिया श्रेय

पूजा ने बताया कि जब वह खिलाड़ी नहीं थीं, तो कोचिंग पर जाने के लिए गौरी सरोवर रोड का इस्तेमाल करती थीं. वहीं उनकी पहली बार कोच से मुलाकात हुई, जिसके बाद कोच ने ही माता-पिता को मनाया और प्रेक्टिस शुरू हो गई.

Pooja Ojha has won the National Championship 3 times
पूजा ओझा ने 3 बार जीती है नेशनल चैंपियनशिप

देश-विदेश में लहराया परचम

पूजा ओझा ने साल 2017 में भोपाल में आयोजित हुई ऑल इंडिया कयाकिंग कैनोइंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल हासिल किया. वह इस नेशनल चैंपियनशिप में पिछले 3 साल से लगातार गोल्ड मेडल अपने नाम कर रही है, वहीं थाईलैंड में हुई एशियन पैरा केनौइंग चैंपियनशिप में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. 2019 में हंगरी में हुई वर्ल्ड पैरा कैनोइंग चैंपियनशिप में भी पूजा टॉप टेन खिलाड़ियों में शामिल थीं. जिसके बाद हाल ही में जापान में आयोजित हुई पैरा ओलंपिक स्पोर्ट्स के लिए क्वालीफाइंग कंपटीशन में हिस्सा लेकर एशिया में छठीं रैंक पर पहुंच गई.

पूजा मार्च में आयोजित होने वाली थाईलैंड में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने की तैयारी कर रही हैं. इसके बाद वे मई में आयोजित ओलंपिक के लिए फाइनल क्वालीफायर चैंपियनशिप में अपनी जहां पैरा ओलंपिक गेम्स के लिए उनका चयन निर्धारित किया जाएगा.

Worship with other foreign players in Thailand
थाईलैंड में अन्य विदेशी खिलाड़ियों के साथ पूजा

पूजा के ट्रेनर हितेंद्र तोमर कहते हैं कि पूजा एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, उसने अपने हौसलों के दम पर दुनिया में अपना और देश का नाम रोशन किया है. आज वह दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं, ऐसे लोगों को संदेश दे रही हैं जो सोचते हैं बेटियां कुछ कर नहीं सकती.

पूजा आज लोगों के लिए एक मिसाल हैं कि लड़कियां भी स्पोर्ट्स में और अन्य क्षेत्रों में किसी से पीछे नहीं हैं. आज कई दिव्यांग खिलाड़ी खासकर बेटियां पूजा से प्रेरित होकर वाटर स्पोर्ट्स को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना रही हैं. ईटीवी भारत भी पूजा को जज्बे को सलाम करता है.

Pooja with Gold medal of Asian Para Canoeing Championship held in Thailand
थाईलैंड में हुई एशियन पैरा केनौइंग चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल के साथ पूजा

चप्पू को पंख बना

भरी सफलता की उड़ान

बुलंद हौसलों से लहरों को पछाड़

पूजा ने किए सपने साकार

भिंड। कुछ ऐसा ही सफर रहा है भिंड जिले की दिव्यांग कयाकिंग कैनोइंग खिलाड़ी पूजा ओझा का, जिन्होंने अपनी शारीरिक अक्षमताओं को पीछे छोड़ अपने सपनों को साकार किया है.

पैरा कयाकिंग कैनोइंग महिला खिलाड़ी पूजा ओझा ने इस खेल में कई मेडल जीत देश का नाम रोशन किया

मध्य प्रदेश का एक छोटा जिला भिंड जो कभी चंबल के डकैतों की छांव में बदनाम हुआ करता था, आज यहां से देश का नाम रोशन करने वाले कई हीरे निकल रहे हैं. आज भिंड की बेटियां भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर न सिर्फ भिंड का बल्कि देश का नाम भी ऊंचा कर रही हैं. ऐसा ही जिले के एक गरीब परिवार से आई पूजा ओझा ने कर दिखाया. वह तीन साल पहले देश की पहली पैरा कयाकिंग कैनोइंग महिला खिलाड़ी बनीं और उसके बाद लगातार कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ रही हैं.

आज पूजा विश्व के पैरेट कैनोइंग के 9 खिलाड़ियों में 8वीं रैंक पर भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. शारीरिक तौर पर पूजा दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, लेकिन पानी पर अपने हौसलों का चप्पू चला बेहद तेजी से अपने लक्ष्य तक पहुंचती हैं.

Pooja Ojha is ranked 8th among 9 players of Parate Canoeing in the world
विश्व में पैरा कैनोइंग के 9 खिलाड़ियों में 8 वीं रैंक पर हैं पूजा ओझा

आसान नहीं रहा सफर

पैरेट कैनोइंग खिलाड़ी पूजा बताती हैं कि उन्हें दिव्यांग होने से काफी मशक्कत करनी पड़ी. शुरूआत में संसाधनों की कमी के चलते प्रैक्टिस के लिए जुगाड़ के कीबोर्ड का इस्तेमाल करना पड़ता था. भिंड के लोगों की सोच भी इतनी विकसित नहीं है, इसलिए शुरुआत में माता-पिता भी तैयार नहीं थे, लेकिन कुछ कर गुजरने के जुनून को देखते हुए उन्होंने पूजा का साथ दिया.

गुरु को दिया श्रेय

पूजा ने बताया कि जब वह खिलाड़ी नहीं थीं, तो कोचिंग पर जाने के लिए गौरी सरोवर रोड का इस्तेमाल करती थीं. वहीं उनकी पहली बार कोच से मुलाकात हुई, जिसके बाद कोच ने ही माता-पिता को मनाया और प्रेक्टिस शुरू हो गई.

Pooja Ojha has won the National Championship 3 times
पूजा ओझा ने 3 बार जीती है नेशनल चैंपियनशिप

देश-विदेश में लहराया परचम

पूजा ओझा ने साल 2017 में भोपाल में आयोजित हुई ऑल इंडिया कयाकिंग कैनोइंग प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर गोल्ड मेडल हासिल किया. वह इस नेशनल चैंपियनशिप में पिछले 3 साल से लगातार गोल्ड मेडल अपने नाम कर रही है, वहीं थाईलैंड में हुई एशियन पैरा केनौइंग चैंपियनशिप में भारत को सिल्वर मेडल दिलाया. 2019 में हंगरी में हुई वर्ल्ड पैरा कैनोइंग चैंपियनशिप में भी पूजा टॉप टेन खिलाड़ियों में शामिल थीं. जिसके बाद हाल ही में जापान में आयोजित हुई पैरा ओलंपिक स्पोर्ट्स के लिए क्वालीफाइंग कंपटीशन में हिस्सा लेकर एशिया में छठीं रैंक पर पहुंच गई.

पूजा मार्च में आयोजित होने वाली थाईलैंड में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने की तैयारी कर रही हैं. इसके बाद वे मई में आयोजित ओलंपिक के लिए फाइनल क्वालीफायर चैंपियनशिप में अपनी जहां पैरा ओलंपिक गेम्स के लिए उनका चयन निर्धारित किया जाएगा.

Worship with other foreign players in Thailand
थाईलैंड में अन्य विदेशी खिलाड़ियों के साथ पूजा

पूजा के ट्रेनर हितेंद्र तोमर कहते हैं कि पूजा एक बेहतरीन खिलाड़ी हैं, उसने अपने हौसलों के दम पर दुनिया में अपना और देश का नाम रोशन किया है. आज वह दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन चुकी हैं, ऐसे लोगों को संदेश दे रही हैं जो सोचते हैं बेटियां कुछ कर नहीं सकती.

पूजा आज लोगों के लिए एक मिसाल हैं कि लड़कियां भी स्पोर्ट्स में और अन्य क्षेत्रों में किसी से पीछे नहीं हैं. आज कई दिव्यांग खिलाड़ी खासकर बेटियां पूजा से प्रेरित होकर वाटर स्पोर्ट्स को अपनी जिंदगी का हिस्सा बना रही हैं. ईटीवी भारत भी पूजा को जज्बे को सलाम करता है.

Pooja with Gold medal of Asian Para Canoeing Championship held in Thailand
थाईलैंड में हुई एशियन पैरा केनौइंग चैंपियनशिप के गोल्ड मेडल के साथ पूजा
Last Updated : Feb 28, 2020, 1:38 PM IST
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