भिंड। जिले में पिछले 2 महीनों से लगातार क्राइम ग्राफ बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में क्राइम की बढ़ती वारदातों ने हर किसी को सकते में डाल दिया है, लेकिन पुलिस अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह नाकाम साबित हो रही है. ऐसे में लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं.
पिछले कुछ महीनों में हुए मुख्य मामले
भिंड शहर के थाना कोतवाली, देहात थाना और आसपास के थाना इलाकों में कई अपराध हुए, जिनमें अब तक पुलिस के हाथ खाली हैं. पुलिस अब तक इन मामलों में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सकी है. 3 महीने पहले नाबालिग के अपहरण केस में पुलिस अब तक आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है.
अपहरण केस में पीड़ित परिवार कई दिनों तक एसपी कार्यालय के बाहर अनशन पर बैठा रहा था और मामले में तत्कालीन देहात थाना टीआई को सस्पेंड भी किया गया, लेकिन आज भी पुलिस दीपिका केस के आरोपियों से दूर है. वहीं महीनेभर पहले हुई जिला अस्पताल में सरेआम फायरिंग मामले में अभी 7 लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज हुई थी, लेकिन दो आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है.
वहीं तीसरा मामला खूब के जैन मंदिर में हुई चोरी का है. इस मामले में भी अब तक चोरी की गई 4 मूर्तियों का पुलिस पता नहीं लगा सकी है, जबकि मंदिर पुलिस थाने से महज 400 मीटर के अंदर था.
कितना बड़ा क्राइम रिकॉर्ड
⦁ अगर पिछले दो महीनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो-
⦁ जिले में 6 हत्या, 15 हत्या की कोशिश के मामले सामने आए हैं.
⦁ महिला अपराध - 16 दुष्कर्म, 19 दुष्कर्म की कोशिश और दहेज प्रताड़ना के 30 मामले सामने आए हैं.
⦁ पिछले 2 महीनों में करीब 60 दुपहिया वाहन चोरी हुए हैं.
⦁ वहीं करीब 448 मामले मारपीट के सामने आए हैं.
एसपी रुडोल्फ अल्वारेस ने खुद माना है कि जिले में क्राइम रिकॉर्ड बढ़ गया है. उन्होंने कहा कि तीन-चार मामलों में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इधर बीजेपी विधायक अरविंद भदौरिया ने एसपी रुडोल्फ अल्वारेस को खनन माफियाओं के साथ मिला हुआ बताया है. इधर कांग्रेस ने पुलिस पर लगे आरोपों से इनकार करते हुए उनकी कार्यप्रणाली पर भरोसा जताया है.