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Gupt Navratri 2023: मां भगवती के 10 रूपों का व्रत है खास, जानें किन राशि वालों को किस व्रत में मिलेगा लाभ

हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आती है. जिनमें माघ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. इस नवरात्रि में श्रद्धालु माता के दस स्वरूपों से फसलों के लिए प्रार्थना करते हैं. जानते हैं किस राशि जातकों व्रत करने से लाभ मिलता है.

Gupt Navratri 2023
गुप्त नवरात्रि 2023
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Published : Jan 25, 2023, 5:53 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 6:06 PM IST

Gupt Navratri 2023: हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की शुरुआत के साथ ही गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो जाती है. इस वर्ष 22 जनवरी से गुप्त नवरात्रि का शुभारम्भ हो चुका है, जो 30 जनवरी तक रहेगी. गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ और व्रत का बहुत महत्व होता है. खास कर ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रह दशाओं के अनुसार राशियों के जातक अगर व्रत करें तो उसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है.

वैसे तो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आती है. जिनमें माघ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. माना जाता है कि इस नवरात्रि में हम माता के दस स्वरूपों से हमारी फसलों के लिए प्रार्थना करते हैं. उनसे मांग रखते हैं कि जिस प्रकार उन्होंने खरीफ की पिछली फसल दी थी, उसी तरह अब हमारी रबी की फसल भी अच्छी दें. वहीं यह भी माना जाता है कि माघ से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है, ऐसे में किसी भी प्रकार की बीमारियों से बचाव और अच्छी सेहत के लिए भी गुप्त नवरात्र के व्रत रखे जाते हैं.

दस महाविद्याओं की करनी चाहिए पूजा: माघ के महीने में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि में मां काली, मां भुवनेश्वरी, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां त्रिपुर भैरवी, मां छिन्नमस्ता, मां घूमावती, माता बगलामुखी, मां मातंगी और माता कमला देवी की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां भगवती ने इन्ही दस महाविद्याओं के साथ शुंभ-निशुंभ और चंड-मुंड-असुरों का संहार किया था. उस दौरान दसों महाविद्याओं ने परस्पर युद्ध किया था. माना जाता है कि त्रेता युग में जाग्रत से अधिक गुप्त नवरात्रि धूम धाम से मनाई जाती थी. आज भी मां भगवती के भक्त और संत संन्यासी गुप्त नवरात्रि का विशेष ध्यान रखते हैं और मनाते हैं.

Gupt Navratri 2023: कब है माघ मास की गुप्त नवरात्रि, कैसे करें पूजा जिससे होगा भाग्योदय

ऐसे करना चाहिए गुप्त नवरात्रि में पूजन: गुप्त नवरात्र में पूजा का विधान भी जाग्रत नवरात्रों यानी शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तरह ही है. सुबह उठकर स्नान करना चाहिए, इसके बाद मंत्रजप करें, गणेश जी को मोदक, लड्डू, दूर्वा, शमी और बेल आदि चढ़ायें, प्रतिदिन भगवती पाठ या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.

गुप्त नवरात्रि में आराधना से इन राशियों को मिलता है लाभ: कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा और व्रत से हमारा शरीर आध्यात्मिक और निरोगी बनता है. ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो गुप्त नवरात्रि में शनि को ढैया भोग रहे राशि जातक यानि कर्क और वृश्चिक के साथ साढ़ेसाती का प्रभाव झेल रहे मकर कुम्भ और मीन राशि वाले जातक जो परेशान हैं, उनको गुप्त नवरात्रि का व्रत करने से परेशानियों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ होगा. इसके साथ ही कन्या, तुला, मकर, कुम्भ और वृषभ लग्न राशि के जातकों को गुप्त नवरात्रि में माता का पूजन करने से लाभ की प्राप्ति होती है.

(इस लेख में दी गयी जानकारी ज्योतिषविदों और पौराणिक मान्यताओं के आधार पर है, ETV भारत इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.)

Gupt Navratri 2023: हिंदू धर्म में पंचांग के अनुसार माघ महीने के शुक्ल पक्ष की शुरुआत के साथ ही गुप्त नवरात्रि प्रारंभ हो जाती है. इस वर्ष 22 जनवरी से गुप्त नवरात्रि का शुभारम्भ हो चुका है, जो 30 जनवरी तक रहेगी. गुप्त नवरात्रि में पूजा पाठ और व्रत का बहुत महत्व होता है. खास कर ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक ग्रह दशाओं के अनुसार राशियों के जातक अगर व्रत करें तो उसका लाभ कई गुना बढ़ जाता है.

वैसे तो हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार वर्ष में चार बार नवरात्रि आती है. जिनमें माघ की नवरात्रि को गुप्त नवरात्र कहा जाता है. माना जाता है कि इस नवरात्रि में हम माता के दस स्वरूपों से हमारी फसलों के लिए प्रार्थना करते हैं. उनसे मांग रखते हैं कि जिस प्रकार उन्होंने खरीफ की पिछली फसल दी थी, उसी तरह अब हमारी रबी की फसल भी अच्छी दें. वहीं यह भी माना जाता है कि माघ से मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है, ऐसे में किसी भी प्रकार की बीमारियों से बचाव और अच्छी सेहत के लिए भी गुप्त नवरात्र के व्रत रखे जाते हैं.

दस महाविद्याओं की करनी चाहिए पूजा: माघ के महीने में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि में मां काली, मां भुवनेश्वरी, मां तारा, मां त्रिपुर सुंदरी, मां त्रिपुर भैरवी, मां छिन्नमस्ता, मां घूमावती, माता बगलामुखी, मां मातंगी और माता कमला देवी की पूजा की जाती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां भगवती ने इन्ही दस महाविद्याओं के साथ शुंभ-निशुंभ और चंड-मुंड-असुरों का संहार किया था. उस दौरान दसों महाविद्याओं ने परस्पर युद्ध किया था. माना जाता है कि त्रेता युग में जाग्रत से अधिक गुप्त नवरात्रि धूम धाम से मनाई जाती थी. आज भी मां भगवती के भक्त और संत संन्यासी गुप्त नवरात्रि का विशेष ध्यान रखते हैं और मनाते हैं.

Gupt Navratri 2023: कब है माघ मास की गुप्त नवरात्रि, कैसे करें पूजा जिससे होगा भाग्योदय

ऐसे करना चाहिए गुप्त नवरात्रि में पूजन: गुप्त नवरात्र में पूजा का विधान भी जाग्रत नवरात्रों यानी शारदीय और चैत्र नवरात्रि की तरह ही है. सुबह उठकर स्नान करना चाहिए, इसके बाद मंत्रजप करें, गणेश जी को मोदक, लड्डू, दूर्वा, शमी और बेल आदि चढ़ायें, प्रतिदिन भगवती पाठ या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.

गुप्त नवरात्रि में आराधना से इन राशियों को मिलता है लाभ: कहा जाता है कि गुप्त नवरात्रि में पूजा और व्रत से हमारा शरीर आध्यात्मिक और निरोगी बनता है. ज्योतिष शास्त्र की बात करें तो गुप्त नवरात्रि में शनि को ढैया भोग रहे राशि जातक यानि कर्क और वृश्चिक के साथ साढ़ेसाती का प्रभाव झेल रहे मकर कुम्भ और मीन राशि वाले जातक जो परेशान हैं, उनको गुप्त नवरात्रि का व्रत करने से परेशानियों से मुक्ति और स्वास्थ्य लाभ होगा. इसके साथ ही कन्या, तुला, मकर, कुम्भ और वृषभ लग्न राशि के जातकों को गुप्त नवरात्रि में माता का पूजन करने से लाभ की प्राप्ति होती है.

(इस लेख में दी गयी जानकारी ज्योतिषविदों और पौराणिक मान्यताओं के आधार पर है, ETV भारत इसके पूर्ण सत्य होने का दावा नहीं करता है.)

Last Updated : Jan 25, 2023, 6:06 PM IST
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