भिंड। जिले में अपनी मुख्य मांगों को लेकर अतिथि शिक्षक संघ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर लहार एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें संघ ने बताया है कि लगातार 12 वर्षों से अतिथि शिक्षक के रूप में कम वेतन में सेवाएं दी जा रही हैं, लेकिन फिर भी कार्य करवाकर हटा दिया जाता है. इसी के चलते आर्थिक तंगी और असुरक्षित भविष्य को देखते हुए प्रदेश भर के 52 अतिथि शिक्षक आत्महत्या कर चुके हैं, पर सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है.
ज्ञापन के माध्यम से संघ ने दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा सहित अन्य राज्यों की तरह अतिथि शिक्षकों के हित में नीति बनाने का अनुरोध किया है. ज्ञापन के जरिए मुख्य मांगें रखी गई हैं जो इस प्रकार हैं-
- शिक्षक पात्रता के मापदंडों को पूरा करने वाले अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाये.
- अतिथि शिक्षकों की पात्रता परीक्षा लेकर नियमित किया जाये.
- अतिथि शिक्षकों को विभागीय परीक्षा से तीन साल की अवधि तक संविधा शिक्षक बनाकर नियमित किया जाये.
- अन्य राज्यों की तरह प्रदेश में लगभग 70 हजार अतिथि शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित किया जाये.
- दो सत्र पूरा करने वाले अतिथि शिक्षकों को अतिथि शिक्षक परीक्षा में वरीयता देकर नियमित किया जाये.
- अतिथि शिक्षकों को मासिक वेतन दिया जाये. वहीं पूर्व में कार्यरत अतिथि शिक्षकों को स्थाई रखा जाये.
- प्राथमिक शिक्षक भर्ती में अतिथि शिक्षकों को अनुभव के आधार पर बोनस अंक दिया जाए.
इन प्रमुख मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन सौंपते समय अतिथि शिक्षक कौशलेंद्र सिंह राम, अतिथि शिक्षक जितेंद्र सिंह चौहान, अतिथि शिक्षक पूरन सिंह बघेल, अतिथि शिक्षक धर्मेंद्र सिंह कुशवाह, अतिथि शिक्षक कृष्ण प्रताप सिंह राजावत, अतिथि शिक्षक शैलेन्द्र शिवहरे, अतिथि शिक्षक अवध किशोर राठौर, अतिथि शिक्षक कौशलेंद्र सिंह प्रमुख रूप से मौजूद रहे.