श्योपुर। कोरोना वैक्सीन को लेकर जिले में कहीं उत्साह, तो कहीं भ्रम का माहौल बना हुआ है. इस वजह से कई गांवों में 100 प्रतिशत, तो कई गांवों में 1 से 2 फीसदी टीकाकरण भी नहीं हो सका है. आदिवासी विकासखंड कराहल इलाके के 7 गांवों में बहुत कम लोगों ने ही वैक्सीन लगवाई है. बड़ौदा और कई जिलों में एक भी प्रतिशत वैक्सीनेशन नहीं हो सका है. हालात को देखकर और ग्रामीणों को वैक्सीनेशन के प्रति जागरुक करने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे गांवों की सूची बनवाकर उन गांवों में वैक्सीनेशन का कार्य शुरू करवाया है, बावजूद इसके लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं.
![Fear among people about vaccination](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/12056050_315_12056050_1623134143119.png)
अफवाहों की वजह से ग्रामीण नहीं लगवा रहे टीका
कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली अफवाहों की वजह से वैक्सीनेशन के शुरुआती चरण में जिले के शहरी व ग्रामीण इलाकों के लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे थे. इसी वजह से पिछले महीने जब स्वास्थ्य विभाग की टीम आदिवासी विकासखंड कराहल के सरारी गांव में पहुंची, तो ग्रामीण डर के मारे गांव छोड़कर भाग गए थे. इसी तरह के हालात दूसरे गांवों में भी रहे, लेकिन ग्रामीणों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सरारी से सटे हुए सूसबाड़ा गांव के ग्रामीणों को समझा बुझाकर वैक्सीनेशन के लिए तैयार करके उन्हें वैक्सीन लगाई, तो उसके बाद इस गांव में बीमारियां गायब हो गई और कोई अप्रिय घटना भी नहीं हुई. इससे जागरुक होकर सरारी गांव के ग्रामीणों ने भी सत प्रतिशत वैक्सीन लगवाई.
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लोगों में है वैक्सीनेशन का डर
नंदापुर गांव के रहने वाले दिलीप सिंह राठौर का कहना है कि उनके गांव में अधिकांश लोग साक्षर हैं. इसके बावजूद भी लोग वैक्सीन लगवाने से कतरा रहे हैं. इससे वैक्सीनेशन ना के बराबर है. सोंईकलां ग्राम पंचायत के सचिव महेंद्र सिंह जाट का कहना है कि वह लोगों को लगातार वैक्सीन लगवाने के लिए जागरुक कर रहे हैं, फिर भी उनके गांव में ना के बराबर वैक्सीनेशन हुआ है, जबकि जिन गांवों में एक प्रतिशत लोग भी साक्षर नहीं है वहां 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन हो चुका है