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फरिश्ता बने वकील से ETV Bharat ने की खास बातचीत, युवक की बचाई थी जान - Mahesh Mishra Viral Video

भिंड जिले के गौरी सरोवर में 15 नवंबर को डूबती कार से युवक को बचाने वाले बुजुर्ग वकील महेश मिश्रा अब भिंड जिले के सबसे चर्चित व्यक्तियों में से एक बन चुके हैं. सोशल मीडिया पर रेस्क्यू वीडियो वायरल होने के बाद से ही लगातार लोग उन्हें बधाइयां दे रहे हैं. उन्हें मिल रहे प्रोत्साहन के बीच ईटीवी भारत ने उनसे खास बातचीत की और जाना कि कैसे उन्हें इस उम्र में भी ये साहस कैसे मिला.

Etv Bharat special conversation with advocate Mahesh Mishra
वकील महेश मिश्रा
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Published : Nov 18, 2020, 10:58 PM IST

भिंड। कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा होता है, यह कहावत इसलिए भी चरितार्थ है क्योंकि जब कोई मुसीबत में होता है तो भगवान किसी ना किसी रूप में फरिश्तों को भेजते हैं. कुछ ऐसा ही 15 नवंबर के दिन भिंड जिले में भी देखने को मिला, जहां गोवर्धन पूजा के लिए जा रहे जिला न्यायालय में कार्यरत बुजुर्ग वकील महेश कुमार मिश्रा की नजर अचानक तेज ब्रेक लगने से तालाब गिरी कार पर पड़ी. उसी समय महेश कुमार मिश्रा बिना कुछ सोचे समझे उस तालाब में कूद गए और कार चला रहे युवक की जान बचा ली.

फरिश्ता बने वकील से Etv Bharat ने की खास बातचीत

स्ट्रैटेजी बनाने का नहीं था समय

ईटीवी भारत से बात करते वकील महेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ, उस समय उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे पानी में छलांग लगा दी. क्योंकि इतना समय नहीं था कि वह कोई स्ट्रेटजी बनाते ऊपर वाले ने पहले ही तय कर रखा है कि कहां किसको कब पहुंचाना है.

अच्छे उदाहरणों से मिलती है प्रेरणा

महेश मिश्रा से बात करते हुए ईटीवी भारत ने जब उनसे पूछा कि उन्हें आखिर यह प्रेरणा कहां से मिली कि उन्हें इस तरह युवक की जान बचाने के लिए पानी में उतर जाना चाहिए. इस पर वे कहते हैं कि किसी की जान बचाने के लिए उम्र बीच में नहीं आती. आज के दौर में वह सब लोग प्रेरणादाई हैं. जो 70 और 75 साल की उम्र में भी अपनों की जान बचाने के लिए पानी में कूद जाते हैं. हम तो फिर भी अभी 55 साल की उम्र के हैं.

ये भी पढ़ें- तेज रफ्तार कार गौरी सरोवर में डूबी, बुजुर्ग वकील ने बचाई युवक की जान

हादसों का जिम्मेदार कौन

एडवोकेट महेश मिश्रा से बात करने के दौरान उनसे पूछा कि इस तरह के हादसे अक्सर होते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में वह इन हादसों का जिम्मेदार किसे मानते हैं. इस सवाल पर मिश्रा ने कहा कि वाहन चालक है और प्रशासन दोनों की ही गलती मानते हैं. क्योंकि गौरी सरोवर रोड पर स्पीड लिमिट कम होना चाहिए, लेकिन लोग तेजी से वाहन निकालते हैं. वहीं प्रशासन को लेकर उन्होंने कहा कि सिर्फ फुटपाथ पर 6 इंच की बाउंड्री लगाकर रेलिंग लगा दी गई है, जो कि चार पहिया वाहनों के लिए सीढ़ियों के जैसी हैं. इसकी जगह अगर 3-3 फीट की दीवार बनवाई जाती तो शायद इस तरह के हादसे नहीं होते.

सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का कर रह प्रयास

महेश मिश्रा ने बताया कि वे और उनके साथी इस बारे में विचार कर रहे हैं कि जिस तरह कोस्ट गार्ड सर्विस में सेफ्टी इक्यूपमेंट उपलब्ध रहते हैं, उसी तरह के उपकरण वह गौरी सरोवर में उपलब्ध करवाने की कोशिश करेंगे, जिससे कि कभी भी आगे कोई हादसा हो तो इन लोगों की जान बचाई जा सके.

ये भी पढ़ें- वकील बना फरिश्ता, नदी में छलांग लगाकर बचाई युवक की जान

राष्ट्रपति सम्मान की उठ रही मांग

सोशल मीडिया पर वकील महेश कुमार मिश्रा का वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें लोगों की काफी सराहना मिल रही है. कई लोगों ने तो उन्हें राष्ट्रपति सम्मान दिलाने की मांग भी की. इस पर वकील महेश कुमार मिश्रा ने कहा कि वह तो अपना काम कर रहे हैं. आगे सभी लोगों का प्यार है अगर भविष्य में ऐसा कुछ होता है तो उन्हें इस बात की खुशी होगी.

पहले भी दिखा चुके हैं साहस

साल 2017 में भी गौरी सरोवर पर इसी तरह एक तेज रफ्तार अनियंत्रित कार पानी में जा गिरी थी, जिसमें महेश मिश्रा द्वारा ही तीन लोगों की जान बचाई गई थी. हालांकि एक व्यक्ति को वह नहीं बचा सके और उसकी मौत हो गई थी, जिसका उन्हें आज भी अफसोस है.

भिंड। कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा होता है, यह कहावत इसलिए भी चरितार्थ है क्योंकि जब कोई मुसीबत में होता है तो भगवान किसी ना किसी रूप में फरिश्तों को भेजते हैं. कुछ ऐसा ही 15 नवंबर के दिन भिंड जिले में भी देखने को मिला, जहां गोवर्धन पूजा के लिए जा रहे जिला न्यायालय में कार्यरत बुजुर्ग वकील महेश कुमार मिश्रा की नजर अचानक तेज ब्रेक लगने से तालाब गिरी कार पर पड़ी. उसी समय महेश कुमार मिश्रा बिना कुछ सोचे समझे उस तालाब में कूद गए और कार चला रहे युवक की जान बचा ली.

फरिश्ता बने वकील से Etv Bharat ने की खास बातचीत

स्ट्रैटेजी बनाने का नहीं था समय

ईटीवी भारत से बात करते वकील महेश कुमार मिश्रा ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ, उस समय उन्होंने बिना कुछ सोचे समझे पानी में छलांग लगा दी. क्योंकि इतना समय नहीं था कि वह कोई स्ट्रेटजी बनाते ऊपर वाले ने पहले ही तय कर रखा है कि कहां किसको कब पहुंचाना है.

अच्छे उदाहरणों से मिलती है प्रेरणा

महेश मिश्रा से बात करते हुए ईटीवी भारत ने जब उनसे पूछा कि उन्हें आखिर यह प्रेरणा कहां से मिली कि उन्हें इस तरह युवक की जान बचाने के लिए पानी में उतर जाना चाहिए. इस पर वे कहते हैं कि किसी की जान बचाने के लिए उम्र बीच में नहीं आती. आज के दौर में वह सब लोग प्रेरणादाई हैं. जो 70 और 75 साल की उम्र में भी अपनों की जान बचाने के लिए पानी में कूद जाते हैं. हम तो फिर भी अभी 55 साल की उम्र के हैं.

ये भी पढ़ें- तेज रफ्तार कार गौरी सरोवर में डूबी, बुजुर्ग वकील ने बचाई युवक की जान

हादसों का जिम्मेदार कौन

एडवोकेट महेश मिश्रा से बात करने के दौरान उनसे पूछा कि इस तरह के हादसे अक्सर होते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में वह इन हादसों का जिम्मेदार किसे मानते हैं. इस सवाल पर मिश्रा ने कहा कि वाहन चालक है और प्रशासन दोनों की ही गलती मानते हैं. क्योंकि गौरी सरोवर रोड पर स्पीड लिमिट कम होना चाहिए, लेकिन लोग तेजी से वाहन निकालते हैं. वहीं प्रशासन को लेकर उन्होंने कहा कि सिर्फ फुटपाथ पर 6 इंच की बाउंड्री लगाकर रेलिंग लगा दी गई है, जो कि चार पहिया वाहनों के लिए सीढ़ियों के जैसी हैं. इसकी जगह अगर 3-3 फीट की दीवार बनवाई जाती तो शायद इस तरह के हादसे नहीं होते.

सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराने का कर रह प्रयास

महेश मिश्रा ने बताया कि वे और उनके साथी इस बारे में विचार कर रहे हैं कि जिस तरह कोस्ट गार्ड सर्विस में सेफ्टी इक्यूपमेंट उपलब्ध रहते हैं, उसी तरह के उपकरण वह गौरी सरोवर में उपलब्ध करवाने की कोशिश करेंगे, जिससे कि कभी भी आगे कोई हादसा हो तो इन लोगों की जान बचाई जा सके.

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राष्ट्रपति सम्मान की उठ रही मांग

सोशल मीडिया पर वकील महेश कुमार मिश्रा का वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें लोगों की काफी सराहना मिल रही है. कई लोगों ने तो उन्हें राष्ट्रपति सम्मान दिलाने की मांग भी की. इस पर वकील महेश कुमार मिश्रा ने कहा कि वह तो अपना काम कर रहे हैं. आगे सभी लोगों का प्यार है अगर भविष्य में ऐसा कुछ होता है तो उन्हें इस बात की खुशी होगी.

पहले भी दिखा चुके हैं साहस

साल 2017 में भी गौरी सरोवर पर इसी तरह एक तेज रफ्तार अनियंत्रित कार पानी में जा गिरी थी, जिसमें महेश मिश्रा द्वारा ही तीन लोगों की जान बचाई गई थी. हालांकि एक व्यक्ति को वह नहीं बचा सके और उसकी मौत हो गई थी, जिसका उन्हें आज भी अफसोस है.

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