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डॉक्टर मरीजों से इलाज के लेते हैं पैसे, अव्यवस्था के खिलाफ धरने पर बैठे युवक - Youth sitting on dharna due to chaos

अस्पताल में अव्यवस्था के चलते कुछ युवक धरने पर बैठ गये. युवकों का कहना है कि डॉक्टर पैसे लेकर मरीजों का इलाज करते हैं. गंदगी के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. अस्पताल प्रशासन ने अभी तक मामले पर ध्यान नहीं दिया है.

Strike against the arbitrariness of doctors
डॉक्टरों की मनमानी के खिलाफ धरना
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Published : Dec 7, 2019, 10:51 AM IST

Updated : Dec 7, 2019, 11:27 AM IST

भिंड। गोहद थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों का सही इलाज नहीं हो रहा है. डॉक्टर ड्यूटी टाइम में भी अपना प्राइवेट क्लीनिक चलाते हैं और मरीजों से अस्पताल में भी फीस लेकर प्राइवेट तौर पर इलाज करते हैं. साथ ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है और जांच भी सही तरीके से नहीं की जा रही है.

डॉक्टरों की मनमानी के खिलाफ धरना

अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल भी सही ढंग से नहीं की जा रही है. श्रमदान करने आए युवकों ने जब मरीजों की समस्या देखी तो उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ. जिसके बाद वे धरने पर बैठ गए. युवकों की मांग है कि मरीजों को समय पर इलाज दिया जाए. अस्पताल परिसर में सफाई के साथ सही तरीके से दवाईयां बांटी जांए. जो डॉक्टर अप-डाउन करते हैं वे गोहद में ही रुककर मरीजों का इलाज करें.

अस्पताल में दो महिला डॉक्टर हैं लेकिन शाम 4 बजे के बाद वे ग्वालियर चली जातीं हैं, जिससे रात के समय आने वाले मरीजों के पास कोई लेडीज डॉक्टर नहीं रहती. इसी के चलते महिलाओं को ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है. अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

भिंड। गोहद थाना क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों का सही इलाज नहीं हो रहा है. डॉक्टर ड्यूटी टाइम में भी अपना प्राइवेट क्लीनिक चलाते हैं और मरीजों से अस्पताल में भी फीस लेकर प्राइवेट तौर पर इलाज करते हैं. साथ ही अस्पताल में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है और जांच भी सही तरीके से नहीं की जा रही है.

डॉक्टरों की मनमानी के खिलाफ धरना

अस्पताल में भर्ती मरीजों की देखभाल भी सही ढंग से नहीं की जा रही है. श्रमदान करने आए युवकों ने जब मरीजों की समस्या देखी तो उन्होंने डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन संपर्क नहीं हुआ. जिसके बाद वे धरने पर बैठ गए. युवकों की मांग है कि मरीजों को समय पर इलाज दिया जाए. अस्पताल परिसर में सफाई के साथ सही तरीके से दवाईयां बांटी जांए. जो डॉक्टर अप-डाउन करते हैं वे गोहद में ही रुककर मरीजों का इलाज करें.

अस्पताल में दो महिला डॉक्टर हैं लेकिन शाम 4 बजे के बाद वे ग्वालियर चली जातीं हैं, जिससे रात के समय आने वाले मरीजों के पास कोई लेडीज डॉक्टर नहीं रहती. इसी के चलते महिलाओं को ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है. अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है.

Intro:शासकीय अस्पताल में फैली अव्यवस्था मरीजों का नहीं हो रहा इलाज युवक बैठे धरने पर
Body:शासकीय अस्पताल में फैली अव्यवस्था मरीजों का नहीं हो रहा इलाज युवक बैठे धरने पर

गोहद -थाना क्षेत्र के अंतर्गत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोहद में आए दिन हो रही डॉक्टरों की मनमानी से मरीजों को सही इलाज नहीं मिल पा रहा है डॉक्टर ड्यूटी टाइम में भी अपने रूम या क्लीनिक पर फीस लेकर मरीजों का प्राइवेट इलाज करते हैं सफाई व्यवस्था चौपट हो रही है जांचें सही तरीके से नहीं की जा रही है मरीज अस्पताल में भर्ती हैं उनकी सही तरीके से देखभाल नहीं की जा रही है श्रमदान करने आए युवकों ने जब मरीजों की समस्या देखी तो उन्होंने डॉक्टरों से से संपर्क करने की जब संपर्क नहीं हुआ तो धरने पर बैठ गए युवकों ने मांग की है मरीजों को समय पर सही इलाज दिया जाए अस्पताल परिसर में साफ सफाई का ध्यान रखा जाए सही तरीके से दवाएं वितरित की जाए डॉक्टर अस्पताल में बैठकर मरीजों को उचित इलाज दे जो डॉक्टर ग्वालियर से अप डाउन करते हैं वह सब गोहद में रुक कर ही मरीजों को इलाज दें अस्पताल में दो महिला डॉक्टर हैं लेकिन शाम 4:00 बजे के बाद ग्वालियर के लिए रवाना हो जाती हैं जिससे रात के समय आने वाले मरीजों के पास कोई भी लेडीज डॉक्टर नहीं रहता है मजबूरी वस पुरुष डॉक्टर या नर्सों द्वारा किसी भी विषम परिस्थिति में महिलाओं को ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है अधिकारी भी इस और कोई ध्यान नहीं देते हैं

बाइट -1.मरीज के परिजन 2.कार्यकर्ता जल संरक्षण समितिConclusion:युवक धरने पर बैठ गये दो घंटे बाद डाक्टर आलोक शर्मा की समझाने धरना किया समाप्त
Last Updated : Dec 7, 2019, 11:27 AM IST
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