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नैनोली में बह रही भ्रष्टाचार की गंगा, मनरेगा में लाखों के गबन का खुलासा - भिंड में भ्रष्टाचार

गोहद क्षेत्र इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है. भ्रष्टाचार करने के लिए सरपंच सचिव और जीआरएस ने मरम्मत कार्य के नाम पर आरईएस विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर से तकनीकी स्वीकृति करा लाखों का गबन कर दिया.

corruption in bhind
भिंड में भ्रष्टाचार
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Published : Jan 15, 2022, 11:57 AM IST

Updated : Jan 15, 2022, 12:17 PM IST

भिंड। गोहद क्षेत्र इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है, जिसमें न सिर्फ सरपंच सचिव बल्कि आरईएस विभाग के आला अधिकारी (corruption in bhind) भी शामिल हैं. ऐसा ही एक बड़ा मामला तहसील की ग्राम पंचायत नैनोली में देखने को मिला, जहां भ्रष्टाचार करने के लिए सरपंच सचिव और जीआरएस ने मरम्मत कार्य के नाम पर आरईएस विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर से तकनीकी स्वीकृति करा लाखों का गबन कर दिया. बड़ी बात यह है कि असिस्टेंट इंजीनियर ने भी अपनी कार्यक्षमता से बाहर जाकर मरम्मत के नाम पर एक या दो नहीं बल्कि तीन काम को स्वीकृति प्रदान कर लाखों के घोटाले को अंजाम दिया है.
जानिए पूरा मामला
कोरोना काल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए विशेष छूट दी थी. गोहद में मुजदूरों को फायदा हुआ हो या नहीं लेकिन नैनोली ग्राम पंचायत (corruption in gram panchayat in bhind) में भ्रष्टाचार जरूर हुआ.

बंडूपार मरम्मत के नाम पर गबन
मनरेगा के तहत नैनौली ग्राम पंचायत में सरपंच और सचिव ने अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे मरम्मत कार्य स्वीकृत कराए, जिनके जरिए सरकार को आसानी से चुना लगाया जा सके. नैनोली पंचायत में बंडूपार मरम्मत कार्य के नाम पर तीन प्रोजेक्ट स्वीकृत कराए गए, जिनकी प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृतियां भी अधिकारियों ने की. काम पूरा दिखाकर मूल्यांकन भी अधिकारियों ने किया. उसका पेमेंट भी कराया गया. नैनोली ग्राम पंचायत में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया की बंडूपार मरम्मत के नाम पर जेसीबी मशीनों के ज़रिए सरपंच ने पार पर हल्की मिट्टी डलवा कर लाखों का ग़बन कर दिया.

एई को है 50 हजार रुपये स्वीकृत करने का अधिकार
जब हमने मनरेगा के संबंध में जानकारी ली, तो पता चला कि मनरेगा कार्यों में कार्य स्वीकृत होने के बाद सबसे पहले उपयंत्री द्वारा बनाए गए एस्टिमेट पर तकनीकी स्वीकृति जारी होती है. यह काम असिस्टेंट इंजीनियर द्वारा किया जाता है. कार्य के मुताबिफ एई को सिर्फ 50 हजार रुपये तक ही मरम्मत कार्य स्वीकृत करने का अधिकार है. इसके ऊपर यदि कार्य बड़ा है तो मुख्य अभियंता एक लाख रुपये तक के ही मरम्मत कार्य स्वीकृत करने का अधिकार रखता है. इससे ऊपर फिर बात कमिश्नर और भोपाल तक जाती है.

AE ने स्वीकृत किए लाखों के मरम्मत कार्य
नैनोली के मामले में भी इसी जानकारी के उपलब्ध ऑनलाइन रिकॉर्ड ने खुलासा किया. ईटीवी भारत को अपने सूत्र से जानकारी मिली थी कि पंचायत में बंडूपार मरम्मत के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है. जब इसकी पड़ताल की तो पाया कि नैनोली में 1 मार्च 2021 को एक नहीं बल्कि दो बंडूपार मरम्मत कार्य की तकनीकी स्वीकृति जारी हुई है. इसकी लागत लगभग 14 लाख 60 हजार और दूसरा 14 लाख 76 हजार रुपये है.

जिला पंचायत सीईओ ने ईई को दिए जांच के आदेश
जब जिला पंचायत सीईओ जेके जैन से बात की गयी तो उन्होंने फोन पर आरईएस के मुख्य कार्यपालन यंत्री को तुरंत मामले की जांच करने के निर्देश दिए. नैनोली के प्रकरण में जुटाए साक्ष्यों के साथ जब ETV भारत ने ईई आलोक तिवारी से सम्पर्क किया तो उन्होंने सबूतों के आधार पर इन तीनों मरम्मत कार्यों के सम्बंध में गोहद कि उपयंत्री को सभी दस्तावेज और स्वीकृतियां जांच के लिए उपलब्ध कराने नोटिस जारी किया.

Rain in MP: इन जिलों में फिर होगी बारिश, मौसम वैज्ञानिकों ने जारी किया येलो अलर्ट, शीतलहर के साथ बढ़ेगी ठंड

हमने नोटिस भेज कर उपयंत्री गोहद से नैनोली पंचायत के तीनों कार्यों की जांच के संबंध में दस्तावेज मांगे. दोबारा सीईओ जिला पंचायत के द्वारा भी नोटिस जारी किया गया, लेकिन अब कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है.

आलोक तिवारी, मुख्य कार्यपालन यंत्री, आरईएस

दस्तावेज तो उन्हें हर हाल में उपलब्ध करने होंगे. इस तरह अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी करने को लेकर भी उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जेके जैन, सीईओ, जिला पंचायत

भिंड। गोहद क्षेत्र इन दिनों भ्रष्टाचार का गढ़ बना हुआ है, जिसमें न सिर्फ सरपंच सचिव बल्कि आरईएस विभाग के आला अधिकारी (corruption in bhind) भी शामिल हैं. ऐसा ही एक बड़ा मामला तहसील की ग्राम पंचायत नैनोली में देखने को मिला, जहां भ्रष्टाचार करने के लिए सरपंच सचिव और जीआरएस ने मरम्मत कार्य के नाम पर आरईएस विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर से तकनीकी स्वीकृति करा लाखों का गबन कर दिया. बड़ी बात यह है कि असिस्टेंट इंजीनियर ने भी अपनी कार्यक्षमता से बाहर जाकर मरम्मत के नाम पर एक या दो नहीं बल्कि तीन काम को स्वीकृति प्रदान कर लाखों के घोटाले को अंजाम दिया है.
जानिए पूरा मामला
कोरोना काल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों के लिए विशेष छूट दी थी. गोहद में मुजदूरों को फायदा हुआ हो या नहीं लेकिन नैनोली ग्राम पंचायत (corruption in gram panchayat in bhind) में भ्रष्टाचार जरूर हुआ.

बंडूपार मरम्मत के नाम पर गबन
मनरेगा के तहत नैनौली ग्राम पंचायत में सरपंच और सचिव ने अधिकारियों की मिलीभगत से ऐसे मरम्मत कार्य स्वीकृत कराए, जिनके जरिए सरकार को आसानी से चुना लगाया जा सके. नैनोली पंचायत में बंडूपार मरम्मत कार्य के नाम पर तीन प्रोजेक्ट स्वीकृत कराए गए, जिनकी प्रशासनिक और तकनीकी स्वीकृतियां भी अधिकारियों ने की. काम पूरा दिखाकर मूल्यांकन भी अधिकारियों ने किया. उसका पेमेंट भी कराया गया. नैनोली ग्राम पंचायत में रहने वाले ग्रामीणों ने बताया की बंडूपार मरम्मत के नाम पर जेसीबी मशीनों के ज़रिए सरपंच ने पार पर हल्की मिट्टी डलवा कर लाखों का ग़बन कर दिया.

एई को है 50 हजार रुपये स्वीकृत करने का अधिकार
जब हमने मनरेगा के संबंध में जानकारी ली, तो पता चला कि मनरेगा कार्यों में कार्य स्वीकृत होने के बाद सबसे पहले उपयंत्री द्वारा बनाए गए एस्टिमेट पर तकनीकी स्वीकृति जारी होती है. यह काम असिस्टेंट इंजीनियर द्वारा किया जाता है. कार्य के मुताबिफ एई को सिर्फ 50 हजार रुपये तक ही मरम्मत कार्य स्वीकृत करने का अधिकार है. इसके ऊपर यदि कार्य बड़ा है तो मुख्य अभियंता एक लाख रुपये तक के ही मरम्मत कार्य स्वीकृत करने का अधिकार रखता है. इससे ऊपर फिर बात कमिश्नर और भोपाल तक जाती है.

AE ने स्वीकृत किए लाखों के मरम्मत कार्य
नैनोली के मामले में भी इसी जानकारी के उपलब्ध ऑनलाइन रिकॉर्ड ने खुलासा किया. ईटीवी भारत को अपने सूत्र से जानकारी मिली थी कि पंचायत में बंडूपार मरम्मत के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा हुआ है. जब इसकी पड़ताल की तो पाया कि नैनोली में 1 मार्च 2021 को एक नहीं बल्कि दो बंडूपार मरम्मत कार्य की तकनीकी स्वीकृति जारी हुई है. इसकी लागत लगभग 14 लाख 60 हजार और दूसरा 14 लाख 76 हजार रुपये है.

जिला पंचायत सीईओ ने ईई को दिए जांच के आदेश
जब जिला पंचायत सीईओ जेके जैन से बात की गयी तो उन्होंने फोन पर आरईएस के मुख्य कार्यपालन यंत्री को तुरंत मामले की जांच करने के निर्देश दिए. नैनोली के प्रकरण में जुटाए साक्ष्यों के साथ जब ETV भारत ने ईई आलोक तिवारी से सम्पर्क किया तो उन्होंने सबूतों के आधार पर इन तीनों मरम्मत कार्यों के सम्बंध में गोहद कि उपयंत्री को सभी दस्तावेज और स्वीकृतियां जांच के लिए उपलब्ध कराने नोटिस जारी किया.

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हमने नोटिस भेज कर उपयंत्री गोहद से नैनोली पंचायत के तीनों कार्यों की जांच के संबंध में दस्तावेज मांगे. दोबारा सीईओ जिला पंचायत के द्वारा भी नोटिस जारी किया गया, लेकिन अब कोई दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया है.

आलोक तिवारी, मुख्य कार्यपालन यंत्री, आरईएस

दस्तावेज तो उन्हें हर हाल में उपलब्ध करने होंगे. इस तरह अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी करने को लेकर भी उन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.

जेके जैन, सीईओ, जिला पंचायत

Last Updated : Jan 15, 2022, 12:17 PM IST
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