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भिंड में तीन केंद्रों पर हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन

कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों को लेकर भिंड में मध्य प्रदेश शासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले में तीन केंद्र बनाकर स्वास्थ्य कर्मियों को डेमो के जरिए वैक्सीनेशन प्रोसेस से गुजारा गया.

Corona vaccination dry run at three centers in Bhind
भिंड में तीन केंद्रों पर हुआ कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन
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Published : Jan 8, 2021, 6:39 PM IST

भिंड। कोरोना वैश्विक महामारी के लिए जल्द ही वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन उससे पहले टीकाकरण का ट्रायल पूरे मध्य प्रदेश में किया जा रहा है. भोपाल छोड़कर सभी जिलों में ड्राई रन के जरिए तैयारियों को परखा जा रहा है. भिंड में भी मध्य प्रदेश शासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले में तीन केंद्र बनाकर स्वास्थ्य कर्मियों को डेमो के जरिए वैक्सीनेशन प्रोसेस से गुजारा गया.

कैसे की गई टीकाकरण का रिहर्सल

जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा भिंड जिले में तीन सेंटर बनाए गए, जिनमें गोरमी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फूप उपस्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में ड्राई रन किया गया. जिला अस्पताल में प्रभारी कलेक्टर अनिल कुमार चांदिल और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा की मौजूदगी में पहले से वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके स्वास्थ्य कर्मियों को एसएमएस के जरिए वैक्सीनेशन केंद्र की जानकारी दी गई, करीब 40 स्वास्थ्यकर्मी इस ड्राई रन का हिस्सा बनने जिला अस्पताल पहुंचे.

नोडल अधिकारी ने सबसे पहले लगवाया टीका

वैक्सीनेशन की इस रिहर्सल में सबसे पहले जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी और जिले के नोडल अधिकारी डॉक्टर देवेश शर्मा ने टीका लगवाया, जिसके लिए पहले डॉक्टर देवेश शर्मा से एक फॉर्म भरवा कर वैक्सीन दिए जाने की जानकारी लिखी गई. इसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाई गई. साथ ही वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मी द्वारा उन्हें वैक्सीन का दूसरा डोस 30 दिन बाद लगवाए जाने की समझाइश और किसी तरह की समस्या होने पर चिकित्सालय में संपर्क करने की जानकारी दी गई.

टीकाकरण के बाद ऑब्जर्वेशन भी जरूरी

टीकाकरण होने के बाद रिसीवर यानी टीका लगवाने वाले शख्स को अगले 30 मिनट तक ऑब्जरवेशन में भी रखा जाता है, जिससे कि रिसीवर को किसी भी तरह परेशानी होने यह रिएक्शन की संभावना के चलते उसे तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सके. इस ट्रायल में भी इसी तरह की सिचुएशन बनाकर दर्शाई गई. जहां डॉक्टर देवेश शर्मा ने ऑब्जरवेशन रूम में घबराहट होने की बात कही, जिसके बाद उन्हें तुरंत ओआरएस का घोल दिया गया और आकस्मिक चिकित्सा इकाई में भर्ती कर जांच की गई.

वैक्सीनेशन के लिए तैयार

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि शासन के निर्देश पर आज लगभग सभी जिलों में इस तरह से ड्राई रन कराया गया है, जिसे भिंड में सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है. आने वाले समय में वैक्सीन सबसे पहले फेस में स्वास्थ्य कर्मियों को ही दिया जाना है. साथ ही उन्होंने बताया कि भिंड जिले में वैक्सीन स्टोरेज के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है.

भिंड। कोरोना वैश्विक महामारी के लिए जल्द ही वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, लेकिन उससे पहले टीकाकरण का ट्रायल पूरे मध्य प्रदेश में किया जा रहा है. भोपाल छोड़कर सभी जिलों में ड्राई रन के जरिए तैयारियों को परखा जा रहा है. भिंड में भी मध्य प्रदेश शासन और स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर जिले में तीन केंद्र बनाकर स्वास्थ्य कर्मियों को डेमो के जरिए वैक्सीनेशन प्रोसेस से गुजारा गया.

कैसे की गई टीकाकरण का रिहर्सल

जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा भिंड जिले में तीन सेंटर बनाए गए, जिनमें गोरमी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, फूप उपस्वास्थ्य केंद्र और जिला अस्पताल में ड्राई रन किया गया. जिला अस्पताल में प्रभारी कलेक्टर अनिल कुमार चांदिल और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा की मौजूदगी में पहले से वैक्सीन के लिए रजिस्ट्रेशन करवा चुके स्वास्थ्य कर्मियों को एसएमएस के जरिए वैक्सीनेशन केंद्र की जानकारी दी गई, करीब 40 स्वास्थ्यकर्मी इस ड्राई रन का हिस्सा बनने जिला अस्पताल पहुंचे.

नोडल अधिकारी ने सबसे पहले लगवाया टीका

वैक्सीनेशन की इस रिहर्सल में सबसे पहले जिला अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी और जिले के नोडल अधिकारी डॉक्टर देवेश शर्मा ने टीका लगवाया, जिसके लिए पहले डॉक्टर देवेश शर्मा से एक फॉर्म भरवा कर वैक्सीन दिए जाने की जानकारी लिखी गई. इसके बाद उन्हें वैक्सीन लगाई गई. साथ ही वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्य कर्मी द्वारा उन्हें वैक्सीन का दूसरा डोस 30 दिन बाद लगवाए जाने की समझाइश और किसी तरह की समस्या होने पर चिकित्सालय में संपर्क करने की जानकारी दी गई.

टीकाकरण के बाद ऑब्जर्वेशन भी जरूरी

टीकाकरण होने के बाद रिसीवर यानी टीका लगवाने वाले शख्स को अगले 30 मिनट तक ऑब्जरवेशन में भी रखा जाता है, जिससे कि रिसीवर को किसी भी तरह परेशानी होने यह रिएक्शन की संभावना के चलते उसे तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा सके. इस ट्रायल में भी इसी तरह की सिचुएशन बनाकर दर्शाई गई. जहां डॉक्टर देवेश शर्मा ने ऑब्जरवेशन रूम में घबराहट होने की बात कही, जिसके बाद उन्हें तुरंत ओआरएस का घोल दिया गया और आकस्मिक चिकित्सा इकाई में भर्ती कर जांच की गई.

वैक्सीनेशन के लिए तैयार

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजीत मिश्रा ने बताया कि शासन के निर्देश पर आज लगभग सभी जिलों में इस तरह से ड्राई रन कराया गया है, जिसे भिंड में सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया है. आने वाले समय में वैक्सीन सबसे पहले फेस में स्वास्थ्य कर्मियों को ही दिया जाना है. साथ ही उन्होंने बताया कि भिंड जिले में वैक्सीन स्टोरेज के लिए भी पर्याप्त व्यवस्था कर ली गई है.

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