भिंड (Bhind)। गोहद की जन समस्याओं को लेकर बीजेपी सरकार को कटघरे में खड़ा करने के लिए आयोजित की गयी कांग्रेस (congress) की जिला स्तरीय बैठक ही सवालों के घेरे में घिरती नजर आई. मीटिंग के दौरान ही न सिर्फ कांग्रेस की गुटबाजी खुल कर सामने आई है. बल्कि कांग्रेसी कार्यकर्ता गोहद विधायक की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए आपस में भिड़ गए.
मीटिंग में विधायक का विरोध
भिंड जिले की गोहद विधानसभा में उपचुनाव के 7 महीने बाद कांग्रेस ने जन समस्याओं को लेकर बैठक आयोजित की थी. जिसमें कांग्रेस की जिला स्तर से लेकर विधानसभा स्तर के कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था. लगातार चली इस मीटिंग में पांच घंटे तक हंगामा चलता रहा. हंगामे के दौरान कुछ कार्यकर्ता विधायक मेवाराम जाटव पर अनसुनी करने का आरोप लगाते रहे तो दूसरे कार्यकर्ता विधायक के पक्ष में उन्हीं कार्यकर्ताओं से विवाद करने पर भी आमादा हो गए. यह नजारा मीटिंग के दौरान दो महिला कांग्रेस नेत्रियों के बीच देखने को मिला.
कांग्रेस नेत्रियों के बीच हुई छीना झपटी
मीटिंग के दौरान महिला नेत्री पिंकी जाटव ने गोहद में पानी संकट को लेकर मुद्दा उठाया तो दूसरी कांग्रेस नेत्री मालती जाटव ने विधायक का पक्ष लेते हुए पिंकी जाटव को खूब खरी-खोटी सुनाई. यह कहासुनी जल्द छीना झपटी में बदल गई. दोनो ही नेत्रियां एक दूसरे से माइक की छीना झपटी करती नजर आई. इतना ही नहीं और भी कई कांग्रेसी कार्यकर्ता विधायक मेवाराम जाटव पर आरोप-प्रत्यारोप करते दिखाई दिए. तो कई कार्यकर्ता एक दूसरे की बात से असहमत होते दिखाई दे रहे थे. पूरे पांच घंटे की चली मीटिंग के दौरान लगातार हंगामा होता रहा. कार्यकर्ताओं का आरोप था कि चुनाव से पहले मेवाराम जाटव ने आश्वासन दिया था कि कोई भी संकट आएगा तो आपके बीच मिलूंगा लेकिन विधायक कही नजर नहीं आते ना तो जन समस्याओं पर ना ही कार्यकर्ताओं के साथ.
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गोहद विधायक ने रोया बेबसी का रोना
यह पूरा हंगामा कांग्रेस के पदाधिकारियों के सामने हुआ. भिंड जिला अध्यक्ष जय श्रीराम बघेल, युवा कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय सचिव अनिरुद्ध प्रताप सिंह और विधायक मेवाराम जाटव पूरे समय बैठक में मौजूद थे. वही गोहद विधायक मेवाराम जाटव ने अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहा की प्रदेश में भाजपा की सरकार है और अधिकारी उनकी सुनते नहीं है. ऐसे में खुद विधायक मेवाराम जाटव ने अपनी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए.बता दें कि उपचुनाव के दौरान भी कांग्रेस प्रत्याशी रहते मेवाराम जाटव ने बस स्टैंड पर आयोजित अपनी प्रचार सभा के दौरान जनता से वोट देने की अपील की थी और कहा था कि आप लोग इस बार या तो मुझे वोट दे आना नहीं तो मेरी चिता पर दो कंडे डालने चले आना’. उनका यह बयान उस दौरान खूब सुर्ख़ियों में रहा था. हंगामे के बाद गोहद विधायक ने जन समस्याओं को लेकर अपने कार्यकर्ताओं के साथ पहुंचकर एसडीएम को एक ज्ञापन दिया.