भिंड। वायरल वीडियो मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कांग्रेस के अन्य 11 नेताओं पर हुई एफआईआर के खिलाफ कांग्रेस का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को जिला कांग्रेस के नताओं ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर एफआईआर को फर्जी मुद्दा बताते हुए खारिज करने की मांग की.
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फर्जी वायरल वीडियो कांड के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर हुई एफआईआर के खिलाफ कांग्रेस प्रदेश भर में प्रदर्शन कर रही है. इस कड़ी में शहर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपकर एफआईआर रद्द करवाने की मांग की है. इस दौरान कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी भी की. कांग्रेस नेता देवाशीष जरारिया ने बीजेपी पर दबाव की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि वायरल वीडियो के खिलाफ सीधा एफआईआर करना गलत है. ना तो उस वीडियो की जांच कराई गई और ना ही उसके स्त्रोत का पता लगाया गया. बीजेपी ने सिर्फ टारगेट करने के लिए कांग्रेस नेताओं पर मामले दर्ज कराए. इस वीडियो के ऊपर ना तो कोई तथ्य है, ना ही इसकी जांच हुई है. ऐसे में इस फर्जी तरीके से कराई गई एफआईआर को राज्यपाल रद्द कराए.
पहले भी बीजेपी और उनका आईटी सेल लगातार कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और राहुल गांधी को टारगेट करता रहा है. तब तो इस तरह की कभी कार्रवाई नहीं हुई. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि उनके पास भी इसी तरह का एक वीडियो राहुल गांधी का है, जिसे सीएम शिवराज ने बिना जांच के ट्वीट कर शेयर किया था. अब वीडियो के खिलाफ कांग्रेस भी सीएम शिवराज पर एफआईआर दर्ज कराएगी.
प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां
बता दें कि आजकल राजनीतिक प्रदर्शनों में सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आ रही है. ठीक उसी तरह कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन में भी सोशल डिस्टेंसिंग नजर नहीं आई. ज्ञापन लेते समय कलेक्टर को सोशल डिस्टेंस बनाने के लिए कहना पड़ा.