भिंड। लहार से विधायक और कांग्रेस सरकार में मंत्री रहे डॉ. गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर के व्यवहार से नाराज होकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. इस पत्र में उन्होंने उल्लेख किया गया कि कोविड-19 से पीड़ित सामाजिक कार्यकर्ताओं की मदद के लिए पूर्वमंत्री ने कई फोन किए. इसके बावजूद उन्होंने एक बार भी कॉल रिसीव नहीं की.
ग्वालियर कलेक्टर ने नहीं उठाया पूर्व मंत्री का फोन
कमलनाथ सरकार में अपना दबदबा रखने वाले लहार से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने ग्वालियर कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह के व्यवहार से नाराज होकर शिकायती पत्र लिखा है. उन्होंने सीएम को अवगत कराते हुए अपनी नाराजगी जाहिर की है. इस पत्र में उन्होंने लिखा कि 23 अप्रैल को कोरोना संक्रमित दो सामाजिक कार्यकर्ताओं के प्राण की रक्षा के लिए मदद की आवश्यकता थी, जिसके लिए उन्होंने सुबह 11 बजे से लेकर रात नौ बजे तक करीब 22 बार कलेक्टर के निजी मोबाइल नम्बर एवं कार्यालय में फोन किया लेकिन कलेक्टर ने उनकी कॉल को रिसीव नहीं किया. यही नहीं कॉल बैक भी नहीं की गई.
कलेक्टर के व्यवहार से नाराज हुए गोविंद सिंह
डॉक्टर गोविंद सिंह जिम्मेदार IAS अफसर और प्रशासन के जिम्मेदार पद पर बैठे हुए अधिकारी द्वारा इस तरह के व्यवहार को अनुचित बताया. उन्होंने पत्र के जरिए कहा कि प्रजातांत्रिक देश में निर्वाचित प्रतिनिधि के साथ इस तरह का व्यवहार होने से वेदना हुई है.
पत्र में की ऊर्जा मंत्री की तारीफ
इस पत्र के जरिए पूर्वमंत्री ने ऊर्जा मंत्री प्रद्यूमन सिंह की तारीफ भी की है. उन्होंने लिखा कि वे ऊर्जा मंत्री के शुक्रगुजार हैं. जिन्होंने एक बार ही कॉल करने पर रिटर्न कॉल किया और तत्काल कोरोना से पीड़ित को मदद मुहैया करायी.
सीएम शिवराज ने केंद्रीय मंत्रियों से की बात, मांगी मदद
पत्र के जरिए डॉक्टर गोविंद सिंह ने सीएम शिवराज सिंह से अपील भी की है कि प्रदेश की जिम्मेदारी के पद पर आसीन नौकरशाहों को सावधान करें. इस संकट के दौर में कम से कम आम जनता और जंप्रतिनिधियों से संवाद बना लिया करें.