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भारत तिब्बत सहयोग मंच का सीएम पर आरोप, अपने कार्यक्रमों के लिए हटाई धारा 144

भोपाल में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद भारत तिब्बत सहयोग मंच ने सवाल उठाए है. युवा विभाग के प्रांताध्यक्ष अर्पित मुद्गल ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सीएम ने खुद के कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए धारा 144 को हटा दिया है.

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Published : Dec 26, 2019, 12:52 AM IST

CM Kamal Nath removed section 144 for his programs: Arpit Mudgal
भारत तिब्बत सहयोग मंच ने सीएम पर की टिप्पणी

भिंड। भोपाल में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद भारत तिब्बत सहयोग मंच ने इस पर सवाल उठाए हैं. युवा विभाग के प्रांताध्यक्ष अर्पित मुद्गल ने कहा कि लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है कि आमजनों के मद्दों को उठाने वालों की आवाज को दबाने के लिए धारा 144 लगा दी जाती है, वहीं खुद के कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सीएम ने धारा 144 को हटा दिया है. उन्होंने कहा ये संविधान की सार्वजनिक रुप से धज्जियां उड़ाना है.

भारत तिब्बत सहयोग मंच ने सीएम पर की टिप्पणी

मुद्गल ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति उसी संविधान की सार्वजनिक रुप से धज्जियां उड़ा रहा है, जिसकी शपथ लेकर वह सीएम की कुर्सी पर बैठा हो. उन्होंने कहा कि अपनी इस करतूत के बाद सीएम कमलनाथ मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं रह गए है. उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

अर्पित मुद्गल ने कहा कि सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में सीएए कानून को लागू नहीं करने की बात कहकर संविधान की सत्ता को चुनौती दिया है.

भिंड। भोपाल में कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद भारत तिब्बत सहयोग मंच ने इस पर सवाल उठाए हैं. युवा विभाग के प्रांताध्यक्ष अर्पित मुद्गल ने कहा कि लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है कि आमजनों के मद्दों को उठाने वालों की आवाज को दबाने के लिए धारा 144 लगा दी जाती है, वहीं खुद के कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए सीएम ने धारा 144 को हटा दिया है. उन्होंने कहा ये संविधान की सार्वजनिक रुप से धज्जियां उड़ाना है.

भारत तिब्बत सहयोग मंच ने सीएम पर की टिप्पणी

मुद्गल ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति उसी संविधान की सार्वजनिक रुप से धज्जियां उड़ा रहा है, जिसकी शपथ लेकर वह सीएम की कुर्सी पर बैठा हो. उन्होंने कहा कि अपनी इस करतूत के बाद सीएम कमलनाथ मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं रह गए है. उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए.

अर्पित मुद्गल ने कहा कि सीएम कमलनाथ ने प्रदेश में सीएए कानून को लागू नहीं करने की बात कहकर संविधान की सत्ता को चुनौती दिया है.

Intro:भिण्ड।। यह लोकतंत्र के लिए शर्म की बात है कि आमजनों के मुुुददों पर आवाज उठाने वालों की आवाज को दबाने के लिए धारा 144 लगा दी जाती है वहीँ खुद के कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री धारा 144 हटा देते है। ये संविधान की सार्वजनिक रूप से धज्जियां उड़ाना है। ये बात कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद भारत तिब्बत सहयोग मंच के युवा विभाग प्रांताध्यक्ष अर्पित मुद्गल ने कही है।
Body:मुद्गल ने कहा कि एक संवैधानिक पद पर बैठा हुआ व्यक्ति उसी संविधान की सार्वजनिक रूप से धज्जियां उड़ा रहा है, जिसकी शपथ लेकर वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठा हो। अपनी इस करतूत के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ और उनके मंत्री पद पर बने रहने के लायक नहीं रह गए हैं। उन्हें या तो तत्काल अपने-अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर देश और प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के शांति मार्च बनाम विरोध जुलूस में मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा की गई सीएए कानून को प्रदेश में लागू न किये जाने संबंधी घोषणा पर आक्रोश व्यक्त व्यक्त किया है।

अर्पित मुद्गल ने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा प्रदेश में इस कानून को लागू न करने की बात कहना संविधान की सत्ता को चुनौती देने जैसा है। या फिर मुख्यमंत्री कमलनाथ खुद को संविधान से भी ऊपर मानने लगे हैं। ये दोनों ही स्थितियां संविधान का अपमान है और मुख्यमंत्री कमलनाथ तथा शांति मार्च में शामिल उनके मंत्रियों को तत्काल अपने पदों से इस्तीफा दे देना चाहिए।Conclusion:उन्होंने अभी प्रदेश में लगाकर हटाई गई धारा 144 पर टिप्पणी करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश शांतिप्रदेश है यहाँ धारा 144 आखिर क्यों लगाई गई थी। जनता को आखिर सच्चाई बताई नहीं, लोगों को किया गुमराह ताकि जनता केब व एनआरसी जैसे मुद्दों पर समर्थन भी दिखा न सके।


बाइट- अर्पित मुदगल, प्रान्ताध्यक्ष, युवा विंग, भारत तिब्बत सहयोग मंच मध्यभारत
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