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मूलभूत सुविधाओं के तरस रहे ग्रामीण, सरपंच और सचिव पर लगाए भ्रष्टाचार करने का आरोप - ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं

बरथरा गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है.जिसका खामियाजा गांव के ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है.

मूलभूत सुविधाओं के तरस रहे ग्रामीण
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Published : Jun 30, 2019, 11:53 PM IST

भिंड। जिले के बरथरा गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है. भ्रष्टाचार गांव के विकास में रोड़ा बना हुआ है. जिसका खामियाजा गांव के ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. गांव में आज ना तो अच्छी सड़कें हैं और न ही बिजली जैसी व्यवस्थाएं. गांव की इस हालत के लिए ग्रामीणों ने गांव के सरपंच और सचिव को जिम्मेदार ठहराया है तो वहीं मामले को लेकर अधिकारी भी रटे रटाया जवाब देते नजर आ रहे हैं.

मूलभूत सुविधाओं के तरस रहे ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली विभाग ने कनेक्शन देकर मीटर तो लगा दिए लेकिन घरों तक बिजली पहुंचाना भूल गए. जिस कारण वे 200 रुपए प्रतिमाह देकर प्राइवेट बिजली खरीदने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग बिना बिजली दिए हजारों के बिल थमाए जा रहा है. जिसकी शिकायक कई बार करने के बाद भी अधिकारी इन सब बातों को नकार रहे हैं.

ग्रामीणों ने गांव की महिला सरपंच और सचिव विकास कार्यों में मिली भगत कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. गांव वालों का कहना है कि सरपंच उनकी समस्याएं जानने के लिए आते तक नहीं है. वही हाल ही में 2 महीने पहले बनवाई गई सीसी रोड घटिया निर्माण सामग्री के चलते उखड़ना शुरू हो गई है. वहीं इस मामले में ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से भी शिकायत की है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

भिंड। जिले के बरथरा गांव मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रहा है. भ्रष्टाचार गांव के विकास में रोड़ा बना हुआ है. जिसका खामियाजा गांव के ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है. गांव में आज ना तो अच्छी सड़कें हैं और न ही बिजली जैसी व्यवस्थाएं. गांव की इस हालत के लिए ग्रामीणों ने गांव के सरपंच और सचिव को जिम्मेदार ठहराया है तो वहीं मामले को लेकर अधिकारी भी रटे रटाया जवाब देते नजर आ रहे हैं.

मूलभूत सुविधाओं के तरस रहे ग्रामीण

ग्रामीणों का कहना है कि गांव में बिजली विभाग ने कनेक्शन देकर मीटर तो लगा दिए लेकिन घरों तक बिजली पहुंचाना भूल गए. जिस कारण वे 200 रुपए प्रतिमाह देकर प्राइवेट बिजली खरीदने को मजबूर हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग बिना बिजली दिए हजारों के बिल थमाए जा रहा है. जिसकी शिकायक कई बार करने के बाद भी अधिकारी इन सब बातों को नकार रहे हैं.

ग्रामीणों ने गांव की महिला सरपंच और सचिव विकास कार्यों में मिली भगत कर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. गांव वालों का कहना है कि सरपंच उनकी समस्याएं जानने के लिए आते तक नहीं है. वही हाल ही में 2 महीने पहले बनवाई गई सीसी रोड घटिया निर्माण सामग्री के चलते उखड़ना शुरू हो गई है. वहीं इस मामले में ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से भी शिकायत की है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है.

Intro:भिंड जिले का बरथरा गांव आज मूलभूत सुविधाओं का अभाव झेल रहा है तो भ्रष्टाचार गांव के विकास में रोड़ा बना हुआ है। जिसका खामियाजा इस गांव के ग्रामीण भुगत रहे हैं । गांव में आज ना तो अच्छी सड़कें हैं न बिजली जैसी व्यवस्थाएं गांव की इस हालत के लिए ग्रामीणों ने भी गांव के सरपंच और सचिव को जिम्मेदार ठहराया है। तो वहीं मामले को लेकर अधिकारी भी रटे रटाए जवाब देते नजर आ रहे हैं


Body:भ्रष्टाचार मुक्त प्रदेश का दावा करने वाली मध्य प्रदेश सरकार के कार्यकाल में गोहद जनपद भ्रष्टाचार और अनदेखी से जूझ रही है जिसका उदाहरण हमने बरथरा गांव में देखा। यह गांव इन दिनों बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं के परेशान है यहां ग्रामीण 200 रुपए प्रतिमाह देकर प्राइवेट बिजली खरीदने को मजबूर हैं जिसका कारण है कि इस गांव में बिजली विभाग ने कनेक्शन देकर मीटर तो लगा दिए लेकिन घरों तक बिजली पहुंचाना भूल गए ग्रामीणों का कहना है कि बिजली विभाग बिना बिजली दिए हजारों के बिल थमाए जा रहा है और कई बार शिकायत के बाद भी सुनवाई नहीं है वहीं बिजली विभाग के अधिकारी इन सब बातों को नकार रहे हैं

बाइट- ग्रामीण
बाइट- एके शर्मा, एसई, बिजली विभाग

बात सिर्फ बिजली की समस्या की ही नहीं है इस गांव के ग्रामीणों ने गांव की महिला सरपंच और सचिव पर भी गांव में हो रहे विकास कार्यों में मिलीभगत कर भारी गोलमाल करने के आरोप लगाए हैं गांव वालों का कहना है के इस गांव का सरपंच उनकी समस्याएं जानने के लिए आता तक नहीं है वही हाल ही में 2 महीने पहले बनवाई गई सीसी रोड घटिया निर्माण सामग्री के चलते उखड़ना शुरू हो गई है। सरपंच गांव के विकास के लिए आया पैसा सचिव के साथ मिलकर निकाल लेता है लेकिन उस पैसे का उपयोग गांव में नहीं किया जाता और योजनाएं सिर्फ कागजों में ही चलती रहती हैं।

बाइट- ग्रामीण

सरपंच सचिव की अनदेखी और भ्रष्टाचार को लेकर अब बरथरा गांव में ग्रामीणों में गुस्सा साफ दिखने लगा है गांव के लोग खुलेआम सरपंच को चोर कहते हैं जब गांव की समस्याओं और सरपंच सचिव के भ्रष्टाचार को लेकर जिला पंचायत सीईओ से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की जल्द ही जांच करवाई जाएगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।
बाइट - आरपी भारती, सीईओ जिला पंचायत


Conclusion:सरकार गांव के विकास के लिए करोड़ों खर्च करती है और इस व्यय की जिम्मेदारी गांव के मुखिया यानी सरपंच और सरकारी कर्मचारी यानी सचिव को दी जाती है जिससे निष्पक्ष और अच्छा काम गांव के विकास के लिए हो सके लेकिन जब यह जिम्मेदार ही गांव के विकास में रोड़ा अटकाने लगे तो ग्रामीणों की समस्या कैसे दूर होंगी । वही जिम्मेदार अधिकारी भी गांव की समस्या के बारे में जान चुके हैं और उचित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया है लेकिन यह कार्रवाई कब तक होगी यह देखने वाली बात होगी।

भिंड से ईटीवी भारत के लिए पीयूष श्रीवास्तव की रिपोर्ट
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