भिंड। दुनिया में चंद्र और सूर्य ग्रहण खगोलीय घटनाएं हैं. लेकिन ज्योतिष शास्त्र में भी इनका अपना महत्व माना जाता है. दीपावली के अगले दिन सूर्य ग्रहण भी लगा था. ऐसे में ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक एक ही पक्ष में दो ग्रहण होना शुभ नहीं होता.
क्या होता है चंद्रग्रहण : सूर्य के प्रकाश की वजह से अंतरिक्ष में सदैव पृथ्वी की छाया बनी रहती है, जिसे गहरी छाया को प्रच्छाया और हल्की छाया को उपछाया कहा जाता है. जब भी चंद्रमा अपने पथ पर चलते हुए पृथ्वी की प्रच्छाया वाले क्षेत्र से गुजरता है तब चंद्रग्रहण होता है.
'पूर्ण चंद्रग्रहण' की अवधि : देवज्ञ प्रबोध पञ्चाङ्ग और गणितकर्ता आचार्य डॉ. राम लखन महेरे के अनुसार जब चंद्रमा पूरी तरह प्रच्छाया में आ जाता है तो पूर्ण चंद्रग्रहण होता है और जब चंद्रमा का कुछ ही भाग प्रच्छाया में आता है तो आंशिक चंद्रग्रहण होता है. सूर्य चंद्रमा की गति और प्रच्छाया के व्यास को ध्यान में रखते हुए गणित द्वारा भी यह सिद्ध किया गया है कि 'पूर्ण चंद्रग्रहण' की अवधि कभी एक घंटा 45 मिनट से अधिक नहीं हो सकती है.
हमेशा पूर्णिमा तिथि पर ही होता है चंद्र ग्रहण : आचार्य डॉक्टर राम लखन महेरे बताते हैं कि चंद्र ग्रहण सदैव पूर्णिमा तिथि पर ही होता है. हर पूर्णिमा तिथि को पृथ्वी सूर्य चंद्र के बीच में आ जाती है. चंद्रमा की कक्षा तल सूर्य के क्रांति तल से 5 अंश का कोण बनाती है. इसलिए चंद्रमा पृथ्वी की छाया क्षेत्र से ऊपर या नीचे से होकर गुजर जाता है, जिसके कारण पूर्णिमा का चंद्रमा दिखता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार चंद्र - राहु केतु में अधिकतम अंतर 9.5 अंश और सूर्य- राहु केतु में अधिकतम अंतर 5.25 अंश होता है तभी ग्रहण होता है. ग्रहण में चंद्रमा पृथ्वी के छाया क्षेत्र से गुजरता है.
ग्वालियर -चंबल अंचल में चंद्र ग्रहण का समय :
- चंद्रमा का उपच्छाया या प्रवेश- 13:32
- आंशिक ग्रहण आरंभ- 14:39
- पूर्ण ग्रहण आरंभ- 15:46
- ग्रहण का केंद्र- 16:29
- पूर्ण ग्रहण समाप्त-17:11
- ग्वालियर में चंद्रोदय 17:28
- ग्वालियर का ग्रहण मध्य-17:31
- आंशिक ग्रहण समाप्त- 18:19
- चंद्रमा का उपच्छाया के बाहर - 19:26
ग्रहण का सूतक और पर्व काल : गुरुवार 8 नवंबर को इस वर्ष का आखिरी चंद्रग्रहण होगा ग्वालियर चंबल अंचल में आंशिक चंद्रग्रहण दिन के चौथे पहर यानी शाम के समय चंद्रोदय के साथ 17:28 पर देखना आरंभ होगा. इसलिए संध्याकाल से 3 प्रहर पूर्व सुबह 6:30 पर सूर्योदय से ही सूतक मान्य हो जाएगा ग्रहण का मध्य 17:31 है एवं ग्रहण शाम 18:19 पर समाप्त हो जाएगा.
ग्रहण के समय जरूर करें ये काम : शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के आरंभ के समय स्नान मध्य में होम तथा जप करें ग्रहण समाप्ति के समय दोबारा स्नान करें ग्रहण के बाद नूतन यज्ञोपवीत धारण करें दान पुण्य आदि भी किया जाता है.