भिंड। कोरोना की इस जंग में पुलिसकर्मी अपनी एक अहम भुमिका निभा रहे हैं. जगह-जगह इन कोरोना वॉरियर्स का स्वागत किया जा रहा है. वहीं दूसरी ओर श्योपुर के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित करने का मामला सामने आया है, चंबल रेंज के डीआईजी राजेश हिंगणकर ने श्योपुर में पदस्थ 2 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. यह दोनों पुलिसकर्मी श्योपुर में पदस्थ होने के बाद भी भिंड में कार्यरत थे, साथ ही थाना प्रभारियों से वसूली करते थे और जिले में हो रहे रेत के अवैध उत्खनन में भी शामिल थे.
दरअसल श्योपुर में पदस्थ दो पुलिसकर्मी प्रधान आरक्षक मुकेश राजावत और आरक्षक (वाहन चालक) शर्मा जिले के नए एसपी नगेन्द्र सिंह के ट्रांसफर के साथ ही भिंड में कार्यरत होकर काम कर रहे थे. जिसपर चम्बल रेंज के डीआईजी के आदेश के बाद इन दोनों ही पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है, आदेश में साफ-साफ लिखा है कि यह दोनों पुलिसकर्मी श्योपुर में पदस्थ होने के बाद भी भिंड जिले में कार्यरत हैं. साथ ही यह दोनों भिंड जिले में थाना प्रभारियों से वसूली करने के साथ-साथ रेत के अवैध उत्खनन के मामले में भी शामिल हैं.
दोनों पुलिसकर्मियों का व्यवहार और अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, उदासीनता और संदिग्ध आचरण का प्रतीक है. जिसके चलते इन दोनों पर निलंबन की कार्रवाई की गई है. वहीं मामले में गौर करने वाली बात यह है कि दोनों ही पुलिसकर्मी भिंड एसपी के साथ ही जिले में आये थे, क्योंकि भिंड से पहले आईपीएस ऑफिसर नागेंद्र सिंह श्योपुर जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर थे. उनके ट्रांसफर के साथ ही दोनों पुलिसकर्मी भी भिंड आ गए, जो कि संदेहास्पद स्थिति पैदा करता है, साथ ही मामले को लेकर भिंड एसपी की भूमिका पर भी बड़े सवाल खड़े कर रहा है. बता दें कि दोनों पुलिसकर्मियों को निलंबित करने के साथ ही डीआईजी हिंगणकर ने उन्हें डीआईजी ऑफिस, चम्बल रेंज मुरैना में अटैच किया है.