भिंड। अपराध की दुनिया में कदम रखने वालों को सबक देने और गन वायलेंस में कमी लाने के लिए भिंड पुलिस द्वारा बनाये जा रहे डकैत संग्रहालय के निर्माण से पहले ही बसपा विधायक ने पुलिस आरोप लगाए. बसपा विधायक ने कहा कि म्यूजियम के उद्देश्य का रुख ही मोड़ दिया गया. एक सार्वजनिक सभा में विधायक ने पुलिस पर भिंड जिले को बदनाम करने का आरोप लगाया है.
कहते हैं कि किसी भी क्षेत्र के विकास में जनप्रतिनिधियों का बड़ा हाथ होता है, लेकिन अगर जनप्रतिनिधि ही विकास की राह में रोड़े अटकाने लगें तो क्या कहेंगे .. जी हां हम बात कर रहे हैं चम्बल की वह चम्बल जिसका इतिहास आज भी डकैतों की बर्बरता से भरा पड़ा है. हत्याएं , अपहरण डकैती लूट जैसी घटनाएं उस दौर में आम और उन डकैतों से निपटने के लिए कई बहादुर पुलिसकर्मी शहीद तक हो गए. अब भले ही डकैत नही हैं, लेकिन भिंड, मुरैना की पहचान आज भी अपराधों से जुड़ी हुई है. गुंडागर्दी इस कदर हावी है कि यहां मामूली विवाद में भी गोली चलना आम बात हो गयी है.
अपराधियों को सबक देने पुलिस बना रही ' डकैत संग्रहालय
इस गन वोइलेंस में कमी लाने के लिए भिंड पुलिस कप्तान मनोज सिंह ने भिंड जिले में देश का पहला ऐसा संग्रहालय बनाने की पहल की है, जिसमें डकैतों से जुड़ी कहानियां और उनका अंजाम देखने को मिलेगा. वो कहानी प्रदर्शित होंगी. जिनमे डकैत अपराध की दुनिया छोड़ मुख्यधारा से जुड़े और सबसे महत्वपूर्ण उन शहीद पुलिसकर्मियों का सम्मान दिखाया जाएगा, जिन्होंने डकैतों से लड़ते हुए प्राण दे दे दिए. इस संग्रहालय का उद्देश्य है कि अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले लोग अपने भविष्य की कहानी इस संग्रहालय में देखें तो जागरूक हों की अपराध के क्या परिणाम होते हैं.
बसपा विधायक ने बदला पुलिस की पहल का ‘एंगल’
अभी इस संग्रहालय के लिए स्थान का चयन हुआ है और इससे जुड़ी चीज़े पुलिस द्वारा इकट्ठा की जा रही थी. उससे पहले ही भिंड से बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान पुलिस की मंशा पर ही सवाल उठा दिए. न सिर्फ भिंड पुलिस पर संग्रहालय को लेकर गंभीर आरोप लगाए बल्कि इस म्यूज़ियम के अलग ही मायने पेश कर जनता के बीच भिंड की छवि खराब करने की कोशिश की. बसपा विधायक ने प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के कार्यक्रम के दौरान मंच से इस संग्रहालय को भिंड का नाम बदनाम करने की साजिश बताया.
उन्होंने कहा कि पुलिस भिंड के युवाओं को क्या संदेश देना चाहती है वे युवाओं को डकैतों की वीरगाथाएं बताना चाहते हैं की किस बेरहमी से डकैत हत्याएं करते थे, उन बन्दूकों की प्रदर्शनी लगाना चाहते हैं, जिनसे न जाने कितने मासूम और निर्दोषों की जान ली गयी.विधायक संजीव सिंह का कहना था कि वे इस क्षेत्र में शहीद स्मारक और सैनिक स्कूल बनवाने के प्रयास कर रहे हैं, लेकिन पुलिस डकैतों का संग्रहालय बनवा रही है.
राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे नेताजी
जब क्षेत्र के युवाओं को सही दिशा दिखाने के प्रयास पर जनप्रतिनिधि इस तरह की बयानबाजी करते नज़र आये तो हालात में सुधार हो इसकी कितनी उम्मीद की जा सकती है. यह कोई भी समझ सकता है क्योंकि एक ओर जहां पुलिस अपराध की दुनिया में कदम रखने वालों को सबक देना चाहती है. वही स्थानीय विधायक इस तरह की सार्वजनिक बयानबाज़ी कर शौर्य स्मारक के सपने दिखाकर अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश कर रहे हैं. जिसका एक बड़ा कारण है कि सदर विधायक ने अब तक विकास कार्यों के नाम पर विधानसभा में ऐसे कोई भी काम पूरे नही कराएं है जो धरातल पर दिखाई दें. जिसकी वजह से जनता में विधायक के प्रति अविश्वास भी दिखाई देने लगा है.
छटपटाहट आने लगी नज़र सत्ता पलट के दौरान भी राजधानी भोपाल में सीएम से कई बार मुलाकात करते देखे गए थे. कयास थे कि संजीव सिंह कुशवाह बीजेपी का दामन थामने की जुगत में है, लेकिन उनकी एंट्री होती उससे पहले ही बीजेपी से समाजवादी पार्टी में गए भिंड के पूर्व विधायक और कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह कुशवाह की वापसी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बीजेपी में कर दी. ये बात भी किसी से छुपी नहीं है कि दोनों ही नेताओं का 36 का आंकड़ा है. जिसकी वजह से भिंड विधायक को आगामी विधानसभा चुनाव में आना पत्ता कटता नज़र आ रहा है. जिसकी छटपटाहट अब इस तरह की बयानबाज़ी में साफ देखी जा सकती है.