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भिंड को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान, गौरी सरोवर पर जल्द बनेगा दूसरा वाटर स्पोर्ट्स सेंटर - गौरी सरोवर पर बनेगा दूसरा वाटर स्पोर्ट्स सेंटर

आज भारत में स्पोर्ट्स का मतलब, सिर्फ क्रिकेट, हॉकी या बैडमिंटन तक सीमित नहीं रहा है. इन दिनों कयाकिंग, रोइंग केनोइंग जैसे पानी पर होने वाले खेलों में भी नये खिलाड़ी उभरकर सामने आ रहे हैं.यही वजह है कि मध्यप्रदेश से निकल रहे वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) अब राजधानी के बाद प्रदेश का दूसरा रोइंग सेंटर भिंड जिले में स्थापित करने जा रहा है. गौरी सरोवर पर बने स्पोर्ट्स सेंटर इंडियन कयाकिंग एंड केनोइंग एसोसिएशन (IKCA) के स्थानीय संरक्षक राधे गोपाल यादव कहना है कि भिंड के गौरी ताल पर प्रस्तावित वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में फिलहाल कुछ अड़चनें हैं. जिन्हें जल्द दूर करने का प्रयास भिंड कलेक्टर कर रहे हैं. (Bhind will get international recognition)

bhind will get international recognition
भिंड को मिलेगी अंतर्राष्ट्रीय पहचान
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Published : Dec 15, 2022, 11:01 AM IST

भिंड कलेक्टर कर रहे हैं अड़चने दूर करने का प्रयास

भिंड। हिंदुस्तान में खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास होते रहे हैं और हो रहे हैं. जिला स्तर से लेकर ओलंपिक गेम्स तक भारतीय खिलाड़ी अपना दम दिखा रहे हैं. धीरे-धीरे वॉटर स्पोर्ट्स की ओर भी खिलाड़ियों का रुझान देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि मध्यप्रदेश से निकल रहे वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) अब राजधानी के बाद प्रदेश का दूसरा रोइंग सेंटर भिंड जिले में स्थापित करने जा रहा है. इसके लिए राशि स्वीकृत होने के दो साल गुजरने के बाद भी इस वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर के लिए जमीन फाइनल करने का काम अभी भी नहीं हो पाया है. ETV Bharat ने इस पर खास रिपोर्ट तैयार की है. (2nd water sports center soon built gauri sarovar)

bhind will get international recognition
गौरी सरोवर पर जल्द बनेगा दूसरा वाटर स्पोर्ट्स सेंटर

भिंड को मिलेगी पहचानः आज भारत में स्पोर्ट्स का मतलब, सिर्फ क्रिकेट, हॉकी या बैडमिंटन तक सीमित नहीं रहा है. इन दिनों कयाकिंग, रोइंग केनोइंग जैसे पानी पर होने वाले खेलों में भी नये खिलाड़ी उभरकर सामने आ रहे हैं. इनमें मध्यप्रदेश के खिलाड़ी भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है और देश के साथ विदेशों में भी हो रही प्रतिस्पर्धाओं में भारत के लिए ब्रांज, सिल्वर और गोल्ड मेडल जीतकर ला रहे हैं. ऐसे में इन खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग देना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. जिसे निभाते हुए स्पोर्ट्स ऑर्थोरिटी ऑफ इंडिया ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे मध्यप्रदेश के भिंड जिले को एक नई पहचान मिलेगी. भिंड के एतिहासिक गौरी सरोवर (Gouri Lake) पर प्रदेश का दूसरा रोइंग सेंटर बनाया जाएगा. (Bhind will get international recognition)

bhind will get international recognition
राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बाद बदली तस्वीर

राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बाद बदली तस्वीरः वैसे तो भिंड के गौरी सरोवर का अपना इतिहास है. इस क्षेत्र के नामकरण के साथ ही इस तालाब से लोगों की आस्था जुड़ी है. गौरी सरोवर के चारों तरफ किनारे पर 100 से अधिक एतिहासिक शिव मंदिर बने हुए हैं. लेकिन साल 2017 में इसी गौरी लेक पर केनोइंग, कयाकिंग और ड्रैगनबोट जैसी विधाओं की राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का आयोजन हुआ था. जिसमें पूरे देश से आई टीमों और खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. इसके बाद गौरी सरोवर पर आईके द्वारा केनोइंग एंड कयाकिंग ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया. जिसमें ना सिर्फ भिंड जिले के बल्कि अन्य क्षेत्रों से भी कई खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए यहां आए और यहां से ट्रेनिंग लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में पार्टिसिपेट कर चुके हैं. (changed picture after national competition)

19वीं अखिल भारतीय पुलिस वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में बीएसएफ टीम का दबदबा

विदेश में परचम लहरा रहे भिंड के युवा खिलाड़ीः इसी केंद्र से प्रशिक्षण लेने वाली दिव्यांग खिलाड़ी प्राची यादव ने पैरालंपिक गेम्स में भारत के लिए कांस्य पदक हंसिल किया था. वहीं भिंड की बेटी पूजा ओझा ने भी यहीं प्रशिक्षण लिया और अब तक 5 बार गोल्ड राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में, 2 बार सिल्वर मेडल अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में हासिल किए हैं. हाल ही में इसी साल पूजा ने कनाडा के हेलीफिक्स में आयोजित हुई पैरा केनोइंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अव्वल आकर भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है. यही वजह है कि अब खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक हो गया है. (young players of bhind who are flying flag abroad)

bhind will get international recognition
विदेश में परचम लहरा रहे भिंड के युवा खिलाड़ी

भिंड कलेक्टर कर रहे हैं अड़चने दूर करने का प्रयासः गौरी सरोवर पर बने स्पोर्ट्स सेंटर इंडियन कयाकिंग एंड केनोइंग एसोसिएशन ( IKCA ) के स्थानीय संरक्षक राधे गोपाल यादव कहना है कि भिंड के गौरी ताल पर प्रस्तावित वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में फिलहाल कुछ अड़चनें हैं. जिन्हें जल्द दूर करने का प्रयास भिंड कलेक्टर कर रहे हैं. ट्रेडिंग सेंटर स्थापित होने से न सिर्फ यहां के खिलाड़ियों को फायदा हो बल्कि आने वाले समय में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स की वजह से भिंड जिले की पहचान भी स्थाई तौर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज हो जाएगी. साथ ही छोटा सा जिला भिंड रोइंग सेंटर के साथ देश में सबसे ज्यादा पदक निकालने वाला जिला भी बनेगा. (Bhind collector is trying to remove hurdles)

स्वीकृत हो चुकी 5 करोड़ की राशिः भारत सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से मध्यप्रदेश के भिंड जिले में गौरीताल पर वाटर स्पोर्ट्स सेंटर निर्माण स्वीकृति के बाद 23 अक्टूबर 2020 को इस प्रोजेक्ट के लिए 4 करोड़ 96 लाख रुपय की राशि स्वीकृत कर दी गई थी. कुछ समय बाद एक जगह चिन्हित कर इसका सर्वे कराया गया. लेकिन प्रशासनिक फैसलों में हो रही देरी एक अच्छी पहल में रोड़ा बनी हुई है. भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि, गौरी सरोवर पर स्वीकृत रोइंग सेंटर के लिए तीन बार लैंड प्रपोजल भेजा जा चुका है. पहले दो बार जिन जगहों को चिन्हित किया गया वे तकनीकी खामियों की वजह से रिजेक्ट हो गयीं. वहीं तीसरी बार जिस जगह को चुन कर प्रपोजल भेजा गया वह कानूनी व्यवधान की वजह से फाइनल नहीं हो पा रही है. हालांकि कलेक्टर सतीश कुमार का यह भी कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी फिक्स है, प्रयास कर रहे हैं कि लैंड प्रपोजल का हल भी आईएसआईएस महीने में निकल जाए. जिसके लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया गया है. इस महीने इसे हल करने की स्थिति में हम लोग आ जाएंगे. (sanctioned amount of 5 crores)

प्रशासन को भारी न पड़ जाए लेटलतीफीः वाटर स्पोर्ट्स सेंटर का काम दो साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी शुरू नहीं हो पा रहा है. कहीं ना कहीं प्रशासन के प्रयास इस क्षेत्र के विकास के लिए पूरे नहीं हो रहे हैं. भिंड कलेक्टर ने जल्द से जल्द इस काम को अंजाम तक पहुंचाने का दावा तो किया है लेकिन अगर जल्द कोई उचित कदम ना उठाए गए तो ये लेटलतीफी इस जिले को होने वाले फायदे को नुकसान में न बदल दे. डर इस बात का है कि अधिक देरी होने पर ये प्रोजेक्ट कहीं भिंड के हाथ से फिसल ना जाये. बहरहाल भिंड में बन रहा प्रदेश का दूसरा वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर इस क्षेत्र और यहां के खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य का सपना है, लेकिन ये सपना कब तक हकीकत का रूप लेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. (2nd water sports center soon built gauri sarovar)

भिंड कलेक्टर कर रहे हैं अड़चने दूर करने का प्रयास

भिंड। हिंदुस्तान में खेलों को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास होते रहे हैं और हो रहे हैं. जिला स्तर से लेकर ओलंपिक गेम्स तक भारतीय खिलाड़ी अपना दम दिखा रहे हैं. धीरे-धीरे वॉटर स्पोर्ट्स की ओर भी खिलाड़ियों का रुझान देखने को मिल रहा है. यही वजह है कि मध्यप्रदेश से निकल रहे वॉटर स्पोर्ट्स के खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण देने के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) अब राजधानी के बाद प्रदेश का दूसरा रोइंग सेंटर भिंड जिले में स्थापित करने जा रहा है. इसके लिए राशि स्वीकृत होने के दो साल गुजरने के बाद भी इस वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर के लिए जमीन फाइनल करने का काम अभी भी नहीं हो पाया है. ETV Bharat ने इस पर खास रिपोर्ट तैयार की है. (2nd water sports center soon built gauri sarovar)

bhind will get international recognition
गौरी सरोवर पर जल्द बनेगा दूसरा वाटर स्पोर्ट्स सेंटर

भिंड को मिलेगी पहचानः आज भारत में स्पोर्ट्स का मतलब, सिर्फ क्रिकेट, हॉकी या बैडमिंटन तक सीमित नहीं रहा है. इन दिनों कयाकिंग, रोइंग केनोइंग जैसे पानी पर होने वाले खेलों में भी नये खिलाड़ी उभरकर सामने आ रहे हैं. इनमें मध्यप्रदेश के खिलाड़ी भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे है और देश के साथ विदेशों में भी हो रही प्रतिस्पर्धाओं में भारत के लिए ब्रांज, सिल्वर और गोल्ड मेडल जीतकर ला रहे हैं. ऐसे में इन खिलाड़ियों को बेहतर ट्रेनिंग देना भी एक बड़ी जिम्मेदारी होती है. जिसे निभाते हुए स्पोर्ट्स ऑर्थोरिटी ऑफ इंडिया ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे मध्यप्रदेश के भिंड जिले को एक नई पहचान मिलेगी. भिंड के एतिहासिक गौरी सरोवर (Gouri Lake) पर प्रदेश का दूसरा रोइंग सेंटर बनाया जाएगा. (Bhind will get international recognition)

bhind will get international recognition
राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बाद बदली तस्वीर

राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा के बाद बदली तस्वीरः वैसे तो भिंड के गौरी सरोवर का अपना इतिहास है. इस क्षेत्र के नामकरण के साथ ही इस तालाब से लोगों की आस्था जुड़ी है. गौरी सरोवर के चारों तरफ किनारे पर 100 से अधिक एतिहासिक शिव मंदिर बने हुए हैं. लेकिन साल 2017 में इसी गौरी लेक पर केनोइंग, कयाकिंग और ड्रैगनबोट जैसी विधाओं की राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा का आयोजन हुआ था. जिसमें पूरे देश से आई टीमों और खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. इसके बाद गौरी सरोवर पर आईके द्वारा केनोइंग एंड कयाकिंग ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया. जिसमें ना सिर्फ भिंड जिले के बल्कि अन्य क्षेत्रों से भी कई खिलाड़ी प्रशिक्षण के लिए यहां आए और यहां से ट्रेनिंग लेकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धाओं में पार्टिसिपेट कर चुके हैं. (changed picture after national competition)

19वीं अखिल भारतीय पुलिस वाटर स्पोर्ट्स प्रतियोगिता में बीएसएफ टीम का दबदबा

विदेश में परचम लहरा रहे भिंड के युवा खिलाड़ीः इसी केंद्र से प्रशिक्षण लेने वाली दिव्यांग खिलाड़ी प्राची यादव ने पैरालंपिक गेम्स में भारत के लिए कांस्य पदक हंसिल किया था. वहीं भिंड की बेटी पूजा ओझा ने भी यहीं प्रशिक्षण लिया और अब तक 5 बार गोल्ड राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में, 2 बार सिल्वर मेडल अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा में हासिल किए हैं. हाल ही में इसी साल पूजा ने कनाडा के हेलीफिक्स में आयोजित हुई पैरा केनोइंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में अव्वल आकर भारत के लिए पहला गोल्ड मेडल जीतकर देश का नाम रौशन किया है. यही वजह है कि अब खिलाड़ियों की ट्रेनिंग पर विशेष ध्यान देना अति आवश्यक हो गया है. (young players of bhind who are flying flag abroad)

bhind will get international recognition
विदेश में परचम लहरा रहे भिंड के युवा खिलाड़ी

भिंड कलेक्टर कर रहे हैं अड़चने दूर करने का प्रयासः गौरी सरोवर पर बने स्पोर्ट्स सेंटर इंडियन कयाकिंग एंड केनोइंग एसोसिएशन ( IKCA ) के स्थानीय संरक्षक राधे गोपाल यादव कहना है कि भिंड के गौरी ताल पर प्रस्तावित वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर में फिलहाल कुछ अड़चनें हैं. जिन्हें जल्द दूर करने का प्रयास भिंड कलेक्टर कर रहे हैं. ट्रेडिंग सेंटर स्थापित होने से न सिर्फ यहां के खिलाड़ियों को फायदा हो बल्कि आने वाले समय में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय इवेंट्स की वजह से भिंड जिले की पहचान भी स्थाई तौर पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दर्ज हो जाएगी. साथ ही छोटा सा जिला भिंड रोइंग सेंटर के साथ देश में सबसे ज्यादा पदक निकालने वाला जिला भी बनेगा. (Bhind collector is trying to remove hurdles)

स्वीकृत हो चुकी 5 करोड़ की राशिः भारत सरकार के खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ओर से मध्यप्रदेश के भिंड जिले में गौरीताल पर वाटर स्पोर्ट्स सेंटर निर्माण स्वीकृति के बाद 23 अक्टूबर 2020 को इस प्रोजेक्ट के लिए 4 करोड़ 96 लाख रुपय की राशि स्वीकृत कर दी गई थी. कुछ समय बाद एक जगह चिन्हित कर इसका सर्वे कराया गया. लेकिन प्रशासनिक फैसलों में हो रही देरी एक अच्छी पहल में रोड़ा बनी हुई है. भिंड कलेक्टर सतीश कुमार एस ने बताया कि, गौरी सरोवर पर स्वीकृत रोइंग सेंटर के लिए तीन बार लैंड प्रपोजल भेजा जा चुका है. पहले दो बार जिन जगहों को चिन्हित किया गया वे तकनीकी खामियों की वजह से रिजेक्ट हो गयीं. वहीं तीसरी बार जिस जगह को चुन कर प्रपोजल भेजा गया वह कानूनी व्यवधान की वजह से फाइनल नहीं हो पा रही है. हालांकि कलेक्टर सतीश कुमार का यह भी कहना है कि इस प्रोजेक्ट के लिए एजेंसी फिक्स है, प्रयास कर रहे हैं कि लैंड प्रपोजल का हल भी आईएसआईएस महीने में निकल जाए. जिसके लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार किया गया है. इस महीने इसे हल करने की स्थिति में हम लोग आ जाएंगे. (sanctioned amount of 5 crores)

प्रशासन को भारी न पड़ जाए लेटलतीफीः वाटर स्पोर्ट्स सेंटर का काम दो साल से ज्यादा समय गुजरने के बाद भी शुरू नहीं हो पा रहा है. कहीं ना कहीं प्रशासन के प्रयास इस क्षेत्र के विकास के लिए पूरे नहीं हो रहे हैं. भिंड कलेक्टर ने जल्द से जल्द इस काम को अंजाम तक पहुंचाने का दावा तो किया है लेकिन अगर जल्द कोई उचित कदम ना उठाए गए तो ये लेटलतीफी इस जिले को होने वाले फायदे को नुकसान में न बदल दे. डर इस बात का है कि अधिक देरी होने पर ये प्रोजेक्ट कहीं भिंड के हाथ से फिसल ना जाये. बहरहाल भिंड में बन रहा प्रदेश का दूसरा वाटर स्पोर्ट्स ट्रेनिंग सेंटर इस क्षेत्र और यहां के खिलाड़ियों के बेहतर भविष्य का सपना है, लेकिन ये सपना कब तक हकीकत का रूप लेगा ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा. (2nd water sports center soon built gauri sarovar)

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