भिंड। पूरे प्रदेश में बीती 28 अगस्त से ही पटवारी कामकाज बंद कर हड़ताल पर बैठे हुए हैं. वहीं सरकार भी अब तक विरोध के बावजूद चुप्पी साधे हुए है. जिसको लेकर अब पटवारियों में रोष और बढ़ता जा रहा है. 25 वर्षों से ग्रेड-पे इनक्रीमेंट की मांग कर रहे पटवारियों ने ने शुक्रवार को अनोखे अंदाज में सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराया. हड़ताल पर बैठे ज़िला इकाई के पटवारी शहर के गौरी किनारे बने गणेश मंदिर पर इकट्ठा होकर धरने पर बैठे और वहीं पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपने सिर का मुंडन करा लिया.
ग्रेड पे के लिए बालों की बलि : अपने सिर के बालों को सरकार की सद्बुद्धि के लिए आहूत करने वालों में शामिल पटवारी संघ के प्रांतीय उपाध्यक्ष मनीष शर्मा का कहना है कि लंबे समय से पटवारियों की एकमात्र मांग है कि उन्हें 2800 रुपए ग्रेड पे किया जाए. क्योंकि वर्तमान में उन्हें 2100 सौ रुपये मिल रहे हैं, जो बीते 25 वर्षों से बढ़ाई नहीं गई. इतने वर्षों से उनकी यही मांग लगातार चली आ रही है. सरकार सुनवाई नहीं कर रही है. मनीष शर्मा का कहना है कि पटवारीयों को ट्रैवलिंग एलाउंस के नाम पर हर महीने सिर्फ 258 रुपए मिलता है, जबकि ख़ुद सरकार जानती है की आज प्रदेश में पेट्रोल का रेट 110 रुपये प्रति लीटर से अधिक है. कई पटवारियों को अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है लेकिन इसके बदले सरकार उन्हें कोई अतरिक्त अलाउंस नहीं देती.
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हाउस रेंट के नाम पर 300 रुपये : पटवारियो का कहना है कि हाउस रेंट के नाम पर 300 रुपये महीना दिया जाता है, जबकि आज के समय में इतने रुपए में क्या होता है. पटवारियों का कहना है कि सरकार के एक कार्य को पटवारियों द्वारा करने पर केंद्र सरकार ने कई जिलों के कलेक्टरों को पुरस्कृत भी किया था, उस योजना के तहत पटवारियों को भी 12 हजार रुपये मिलना थे लेकिन वह आज तक नहीं मिले. शासन की रीड की हड्डी कहे जाने वाले राजस्व विभाग के पटवारी को सरकार उसका हक देने को भी तैयार नहीं दिख रही. जबकि कई दूसरे विभागों की मांगों को सुनकर पूरा भी कर चुकी है.