भिंड। सरकारी और अर्ध सरकारी संस्थाओं में भ्रष्टाचार और चोरी जैसे कई मामले अब तक सामने आ चुके हैं, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई न होने या अनदेखी के चलते इस तरह के मामले अक्सर दबा दिए जाते हैं. भिंड नगर पालिका के कर्मचारी अब बिना डर सरकारी ईंधन की चोरी कर उसकी कालाबाजारी कर रहे हैं. नगर पालिका कर्मचारियों की ओर से सरकारी वाहनों से डीजल चोरी कर बेचने का मामला सामने आया, यहां आमजन ने इन कर्मचारियों को ऐसा करते रंगे हाथों पकड़ा और कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया है.
डीजल चोरी कर बेचते पकड़ा गया कचरा वाहन का ड्राइवरः सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल हुई हैं जहां दो अलग स्थानों पर 2 सरकारी वाहनों का ईंधन चोरी कर कालाबाजारी की कोशिश की गई है. पहला मामला भिंड नगर पालिका के कचरा वाहन से डीजल चुराने और बोतल में भरकर उसे बेचने का है. जहां कचरा वाहन से ड्राइवर की ओर से शहर के मेला ग्राउंड के पास डीजल निकाल कर उसे एक दुकान पर बेचते समय किसी स्थानीय ने उसे पकड़ा और कैमरे पर जब सवाल किया तो ड्राइवर डीजल को पानी बताने लगा, लेकिन जब वीडियो बना रहे व्यक्ति ने उस बोतल को उठाया तो ड्राइवर उसे वापस लेकर बहस करते भागता कैमरे में कैद हुआ है.
जेसीबी से डीजल चोरी करने का वीडिया वायरलः नगर पालिका के सरकारी ईंधन की चोरी की दूसरी तस्वीर भी मेला ग्राउंड के पास से मिली, जहां भिंड नगर पालिका की सफाई में उपयोग होने वाली जेसीबी मशीन से एक नपा कर्मचारी डीजल की चोरी करते हुए कैमरे में कैद हो गया है. उसका वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
कांग्रेस ने कलेक्टर से की कार्रवाई की मांगः इन दोनों मामलों के सामने आने के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष मान सिंह कुशवाहा ने नगर पालिका में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ कलेक्टर के पास पहुंच कर इन वीडियो के साथ एक शिकायती आवेदन दिया है और उनसे मामले में कार्रवाई करने की मांग की है. साथ ही कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर चोर कर्मचारियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो कांग्रेस जनता के पैसे की चोरी रोकने के लिए सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर होगी. उन्होंने इस चोरी के पीछे नगर पालिका सीएमओ की शय और संलिप्तता का भी आरोप लगते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की है.
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ट्रांसपोर्ट नगर पर चलता है चोरी का खेलः गौरतलब है कि शहर के मेला ग्राउंड स्थित मैदान में नगर पालिका के सभी वाहनों को रखा जाता है. इसी जगह पर भारी वाहनों की आवाजाही और मरम्मत का काम भी होता है. ऐसे में सरकारी वाहनों से चोरी होने वाला ईंधन आसानी से इन बड़े वाहन चालकों को बेचा जाता है और कानों-कान किसी को खबर तक नहीं लगती.