भिंड। जिस आपदा प्रबंधन टीम को आपातकालीन परिस्थितियों में व्यवस्था बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई, वो कमेटी जो इस टीम का हिस्सा है और टेलीसंचार माध्यम से जरूरी सूचना का आदान-प्रदान समय पर करने का जिम्मा जिनके सिर है, वे कर्मचारी अपने काम के प्रति कितना सजग हैं, इसकी पोल एक फोन कॉल ने खोल कर दी. इन कर्मचारियों की लापरवाही को लेकर भिंड कलेक्टर ने 7 कर्मचारियों का वेतन काटे जाने का निर्देश दिया है.
जानकारी के अनुसार जिले में वर्षाकाल के मॉनसून सत्र में आपातकालीन परिस्थियों की संभावना को देखते हुए जिले में मॉनसून सत्र 2023 में जिला आपदा नियंत्रण कक्ष 15 जून 2023 से 24 घंटे संचालित है. इस नियंत्रण कक्ष में कर्मचारियों को 2 पालियों में तैनात किया गया है, जिससे वे किसी भी आपात स्थिति के समय सही जानकारी और डेटा एकत्र कर सकें, लेकिन जिन कर्मचारियों को आपदा प्रबंध में कार्य और जिम्मेदारी सौंपी गई है वे अपना काम ठीक से नहीं कर रहे हैं.
इन कर्मचारियों का काटा गया वेतनः भिंड कलेक्ट्रेट परिसर में स्थापित किए गए कंट्रोल रूम में प्रथम पाली में लगाए गए कर्मचारियों में जल संसाधन भिंड के नलकूप चालक महेश कुमार गर्ग, प्राथमिक विद्यालय नदरौली के प्राथमिक शिक्षक राजेश भारती, शासकीय प्राथमिक विद्यालय धर्मदास का पुरा के स्वदेश प्रधान, शासकीय प्राथमिक विद्यालय मोहन सिंह का पुरा के दिलीप श्रीवास्तव, कॉल सेन्टर के कर्मचारी अमित कुमार, रोहित सिंह और किरन के द्वारा कार्य में लापरवाही बरती गई, जिस पर कलेक्टर डॉ. सतीष कुमार एस ने ‘कार्य नहीं तो वेतन नहीं’ के नियम के आधार पर इन लोगों के जून के वेतन से 7-7 दिन का पैसा काटने का निर्देश दिया है.
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नहीं उठा मंत्रालय का फोनः जानकारी के अनुसार कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार का कहना है कि गृह मंत्रालय भोपाल के एसीएस कार्यालय गृह विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट में ये जानकारी कर अवगत कराया गया है कि 29 जून 2023 को सुबह 9 बजकर 49 पर भिंड जिले के आपदा नियंत्रण एवं प्रबंधन कक्ष में कॉल अटेंड नहीं किया गया और ना ही इन्सीडेट रिपोर्ट की जानकारी दी गई.