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Bhind HRA Scam: भिंड शिक्षा विभाग में 1 करोड़ 12 लाख का गबन, घरवालों के खाते में ट्रांसफर करते गए HRA का पैसा, 6 पर FIR - भिंड में गबन मामले में 6 पर एफआईआर

भिंड जिले के शिक्षा विभाग में करोड़ों के गबन का मामला सामने आया है. यहां हाउस रेंटल अलाउंस (HRA) के नाम पर एक लेखपाल ने 1 करोड़ 12 लाख रुपये से ज्यादा की राशि अपने परिवार के सदस्यों के खाते में ट्रांसफर कर ली. ऑडिट के दौरान हुए खुलासे के बाद मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने भिंड कोतवाली पुलिस में आरोपी लेखपाल समेत जांच में दोषी पाए जाने पर कुल 6 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई है.

FIR on House Rental Scammers
भिंड शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 27, 2023, 7:54 AM IST

Updated : Aug 27, 2023, 8:13 AM IST

भिंड। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं, जिनमें विभागों के कर्मचारियों द्वारा सरकार को चूना लगा दिया गया. ताजा मामला भिंड में सामने आया है, जहाँ जिला तथा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लेखपाल अंजन किशोर वाजपेयी समेत कुल 6 शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. मामले का खुलासा कोषालय के एक ऑडिट के चलते हुआ. जिसमें पाया गया कि भिंड डीईओ कार्यालय से अलग अलग फर्जी दस्तावेज और बिलों के माध्यम से हाउस रेंटल अलाउंस (HRA) का भुगतान ऐसे खातों में किया गया था जो शासकीय कर्मचारी नहीं थे. इस मामले में जांच बैठाई गई तो पता चला कि ये भुगतान कई शासकीय कर्मचारियों के साथ ही डीईओ ऑफिस में पदस्थ लेखपाल किशोर रंजन वाजपेयी के कई परिजनों और रिश्तेदारों के खातों में भेजा गया था. लेखपाल पर शक इसलिए भी हुआ क्योंकि करीब 1 करोड़ 12 लाख 37 हजार 836 रुपये उनके परिवार के खातों में जमा हुए थे.

Education Department forgery MP
लेखपाल सहित कर्मचारियों ने किया गबन
Education Department forgery MP
भिंड शिक्षा विभाग में 1 करोड़ 12 लाख का गबन

जिम्मेदारों के कोड और पासवर्ड से किया गबन: मामले का खुलासा होने पर एक विशेष दल का गठन किया गया. जिसमें जांच अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी हरि भवन सिंह तोमर को बनाया गया था. डीईओ ने सभी दस्तावेज की जांच में पाया कि अलग अलग समय में बिल अप्रूवर और बिल क्रिएटर अधिकारियों के यूनिक कोड और पासवर्ड का इस्तेमाल इन HRA भुगतान के लिए किया गया था. ऐसे में उन अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आयी जिनकी मदद से या कहें उनकी लापरवाही थी कि शासकीय जिम्मेदारी का निर्वहन उन्होंने ठीक से ना करते हुए एक लेखापाल को अपने कोड और पासवर्ड दे दिये. जिसने करोड़ों का घोटाला कर दिया.

बिल क्रिएटर और अप्रूवर अधिकारियों पर FIR: इस मामले में भोपाल से कोष एवं लेखा आयुक्त द्वारा गठित जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर उन अभी अधिकारियों जिन्हें बिल क्रियेटर और बिल अप्रूवर की जिम्मेदारी मिली थी के खिलाफ भी कार्रवाई और भ्रष्टाचार में उनके शामिल होने को लेकर 2018 से लेकर घोटाला सामने आने तक रहे जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. डीईओ तोमर ने 6 आरोपी शासकीय कर्मचारियों पर FIR दर्ज करा दी है. ये FIR धारा 409, 420,467,468,471,120-B और आईटी एक्ट -2000 की धारा 66-D, करप्शन एक्ट की धारा- 13(2), 13(1)-D और 7 के तहत दर्ज की गई है.

इन कर्मचारियों पर दर्ज हुए मामले: भिंड जिला शिक्षा अधिकारी हरि भवन सिंह तोमर के प्रतिवेदन पर पुलिस ने तत्कालीन भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (अप्रूवर) पीएस चौहान वर्तमान में सीएम राइज स्कूल भिंड के प्राचार्य, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (अप्रूवर) एसके गौतम जो वर्तमान में अकोड़ा शासकीय उच्चमाध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य हैं, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (अप्रूवर) एमके तायल जो वर्तमान में शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल क्यारीपुरा के प्राचार्य हैं, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सहायक ग्रेड-2 (क्रिएटर) अंजन किशोर वाजपेयी, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सहायक ग्रेड-3 (क्रियेटर) अविनाश सिंह भदौरिया और ओम प्रकाश शाक्यवार सहायक ग्रेड-3 विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी भिण्ड क्रियेटर के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है.

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कलेक्टर बोले-दोषियों पर होगी कार्रवाई: सूत्रों के मुताबिक, बताया यह भी का रहा है कि गबन की गई राशि की वसूली कोषालय ने आरोपी से कर ली है लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर आरोपियों पर मामला दर्ज कराया गया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि ''ट्रेजरी ऑडिट के दौरान यह मामला सामने आया था. उस दौरान पिछले कलेक्टर सतीश कुमार एस ने मामले को लेकर अंजन किशोर वाजपेयी को पूर्व में सस्पेंड कर दिया था. अब जांच में जिनकी भी इस गबन में सहभागिता सामने आयेगी उनके खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी. यदि भिंड ट्रेजरी कार्यालय में भी इन भुगतानों के पूर्व जांच परख में कोई लापरवाही बरती गई है, ये बात सिद्ध होने पर उनको भी कार्रवाई में शामिल किया जाएगा.'' इधर ETV भारत संवाददाता ने आरोपी पक्ष का वर्जन जानने के लिए व्हाट्सप मैसेज किया था, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

भिंड। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं, जिनमें विभागों के कर्मचारियों द्वारा सरकार को चूना लगा दिया गया. ताजा मामला भिंड में सामने आया है, जहाँ जिला तथा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ लेखपाल अंजन किशोर वाजपेयी समेत कुल 6 शासकीय कर्मचारियों अधिकारियों ने भ्रष्टाचार को अंजाम दिया है. मामले का खुलासा कोषालय के एक ऑडिट के चलते हुआ. जिसमें पाया गया कि भिंड डीईओ कार्यालय से अलग अलग फर्जी दस्तावेज और बिलों के माध्यम से हाउस रेंटल अलाउंस (HRA) का भुगतान ऐसे खातों में किया गया था जो शासकीय कर्मचारी नहीं थे. इस मामले में जांच बैठाई गई तो पता चला कि ये भुगतान कई शासकीय कर्मचारियों के साथ ही डीईओ ऑफिस में पदस्थ लेखपाल किशोर रंजन वाजपेयी के कई परिजनों और रिश्तेदारों के खातों में भेजा गया था. लेखपाल पर शक इसलिए भी हुआ क्योंकि करीब 1 करोड़ 12 लाख 37 हजार 836 रुपये उनके परिवार के खातों में जमा हुए थे.

Education Department forgery MP
लेखपाल सहित कर्मचारियों ने किया गबन
Education Department forgery MP
भिंड शिक्षा विभाग में 1 करोड़ 12 लाख का गबन

जिम्मेदारों के कोड और पासवर्ड से किया गबन: मामले का खुलासा होने पर एक विशेष दल का गठन किया गया. जिसमें जांच अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी हरि भवन सिंह तोमर को बनाया गया था. डीईओ ने सभी दस्तावेज की जांच में पाया कि अलग अलग समय में बिल अप्रूवर और बिल क्रिएटर अधिकारियों के यूनिक कोड और पासवर्ड का इस्तेमाल इन HRA भुगतान के लिए किया गया था. ऐसे में उन अधिकारियों की बड़ी लापरवाही सामने आयी जिनकी मदद से या कहें उनकी लापरवाही थी कि शासकीय जिम्मेदारी का निर्वहन उन्होंने ठीक से ना करते हुए एक लेखापाल को अपने कोड और पासवर्ड दे दिये. जिसने करोड़ों का घोटाला कर दिया.

बिल क्रिएटर और अप्रूवर अधिकारियों पर FIR: इस मामले में भोपाल से कोष एवं लेखा आयुक्त द्वारा गठित जाँच दल के प्रतिवेदन के आधार पर उन अभी अधिकारियों जिन्हें बिल क्रियेटर और बिल अप्रूवर की जिम्मेदारी मिली थी के खिलाफ भी कार्रवाई और भ्रष्टाचार में उनके शामिल होने को लेकर 2018 से लेकर घोटाला सामने आने तक रहे जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की गई है. डीईओ तोमर ने 6 आरोपी शासकीय कर्मचारियों पर FIR दर्ज करा दी है. ये FIR धारा 409, 420,467,468,471,120-B और आईटी एक्ट -2000 की धारा 66-D, करप्शन एक्ट की धारा- 13(2), 13(1)-D और 7 के तहत दर्ज की गई है.

इन कर्मचारियों पर दर्ज हुए मामले: भिंड जिला शिक्षा अधिकारी हरि भवन सिंह तोमर के प्रतिवेदन पर पुलिस ने तत्कालीन भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (अप्रूवर) पीएस चौहान वर्तमान में सीएम राइज स्कूल भिंड के प्राचार्य, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (अप्रूवर) एसके गौतम जो वर्तमान में अकोड़ा शासकीय उच्चमाध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य हैं, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (अप्रूवर) एमके तायल जो वर्तमान में शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल क्यारीपुरा के प्राचार्य हैं, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सहायक ग्रेड-2 (क्रिएटर) अंजन किशोर वाजपेयी, भिंड विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सहायक ग्रेड-3 (क्रियेटर) अविनाश सिंह भदौरिया और ओम प्रकाश शाक्यवार सहायक ग्रेड-3 विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी भिण्ड क्रियेटर के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई है.

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कलेक्टर बोले-दोषियों पर होगी कार्रवाई: सूत्रों के मुताबिक, बताया यह भी का रहा है कि गबन की गई राशि की वसूली कोषालय ने आरोपी से कर ली है लेकिन भ्रष्टाचार को लेकर आरोपियों पर मामला दर्ज कराया गया है. वहीं इस पूरे मामले को लेकर भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि ''ट्रेजरी ऑडिट के दौरान यह मामला सामने आया था. उस दौरान पिछले कलेक्टर सतीश कुमार एस ने मामले को लेकर अंजन किशोर वाजपेयी को पूर्व में सस्पेंड कर दिया था. अब जांच में जिनकी भी इस गबन में सहभागिता सामने आयेगी उनके खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी. यदि भिंड ट्रेजरी कार्यालय में भी इन भुगतानों के पूर्व जांच परख में कोई लापरवाही बरती गई है, ये बात सिद्ध होने पर उनको भी कार्रवाई में शामिल किया जाएगा.'' इधर ETV भारत संवाददाता ने आरोपी पक्ष का वर्जन जानने के लिए व्हाट्सप मैसेज किया था, लेकिन उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

Last Updated : Aug 27, 2023, 8:13 AM IST
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