भिंड। शादी विवाह हो या घरों में खाना बनाते समय कई बार गैस सिलेंडर में आग लगने और सिलेंडर ब्लास्ट से जनहानि जैसी घटनाएं अक्सर सामने आती रही हैं. बीते कुछ महीनों के अंतराल में भिंड जिले में भी दो बड़ी घटनाएं सामने आई हैं. जिसमें एक परिवार ने 5 महिला सदस्य, तो दूसरे ने दो बच्चे और शादीशुदा बेटी को ऐसे ही ब्लास्ट में खो दिया. कुछ ऐसे ही हालात शनिवार को भिंड के देहात थाना इलाके में भी बनते बनते रह गए. क्योंकि मौके पर पहुंचे पुलिस आरक्षक सुभाष सिंह तोमर ने समझदारी दिखाते हुए इस आग और जलते हुए सिलेंडर पर काबू पा लिया.
भागता हुआ थाने पहुंचा था मकान मालिक: देहात थाना के प्रभारी उपनिरीक्षक रामशरण शर्मा ने बताया कि "शनिवार को सुबह हुकुम सिंह नाम का एक फरियादी थाना आया. जिसने बताया कि वह पुलिस थाना के सामने वाली गाली में करीब 300 मीटर की दूरी पर रहता है और घर में खाना बनाते समय अचानक सिलेंडर में आग लग गई है. ऐसे में सिलेंडर में ब्लास्ट से एक बड़ा हादसा हो सकता था. इस सूचना पर थाना में संतरी पहरे पर मौजूद आरक्षक सुभाष यादव और दो अन्य आरक्षकों को तुरंत मौके पर भेजा गया. आरक्षक सुभाष ने सूझबूझ दिखाते हुए सिलेंडर की आग को बुझा दिया और एक बड़ा हादसा होने से टल गया."
हाथ से बंद किया जलते सिलेंडर का नोजल: इस घटना के हीरो आरक्षक सुभाष सिंह तोमर ने बताया कि "इस तरह आग लगने पर कभी भी घबराना नहीं चाहिए. वे जब मौके पर पहुंचे तो सभी लोग दहशत में किसी ने सिलेंडर पर कपड़ा लपेट कर आग बुझाने का प्रयास किया था. जिसकी वजह से आग और भड़क गई थी. ऐसे में उन्होंने थोड़ा सब्र रखते हुए पानी की मदद से सिलेंडर को ठंडा किया और आग और सिलेंडर की नॉब के बीच में ब्लॉकेज कर आग को बुझा दिया.
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ऐसी परिस्थिति में घबराये नहीं, आग को बुझाने का प्रयास करें: सुभाष ने बताया कि "घटना स्थल पर करीब सौ डेढ़ सौ लोग थे. लेकिन किसी ने भी आगे आकर आग बुझाने का प्रयास नहीं किया. इसके लिए उन्होंने भी पहले से कोई विशेष प्रशिक्षण नहीं लिया था. बस यूट्यूब के जरिए वीडियो देख-देख कर थोड़ा जानकारी और अभ्यास था. ऐसी परिस्थिति में किस तरह आग को शांत किया जाये और ब्लास्ट होने से पहले सिलेंडर से गैस का प्रवाह रोका जाए."
उन्होंने बताया कि "जब भी गैस के सिलेंडर में आग लगे तो घबराएं नहीं. बल्कि सिलेंडर को किसी तरह खुली जगह में लेकर आए. इसके बाद उसे पानी से ठंडा करने के साथ-साथ उसकी नोजल को बंद करने का प्रयास करें. यह संभव ना हो तो मोटा कॉटन का चादर या टाट का गीला बोरा लें और तेजी से सिलेंडर के चारों तरफ लपेटें जिससे सिलेंडर की नॉब तक ऑक्सीजन ना पहुंच सके. आग से संपर्क खत्म होते ही दो सेकेंड में सिलेंडर से आग पूरी तरह खत्म हो जाएगी. इसके बाद कैप को बंद कर सिलेंडर को सुरक्षित करें."