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ETV भारत EXCLUSIVE : 45 डिग्री तापमान और बिजली संकट के बीच कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन कर रहा है स्वास्थ्य विभाग

मध्यप्रदेश में इन दिनों चल रही अघोषित बिजली कटौती से हर कोई परेशान है. बिजली की समस्या भले ही विकराल रूप धारण करती जा रही हो, बिजली कटौती से जिले की आम जनता हाहाकार मचा रही है, लेकिन भिंड ज़िला स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित रखने के भरपूर इंतज़ाम कर रखे हैं, टीकाकरण भले ही अभी न हो रहा हो लेकिन इस संजीवनी को संभालकर रखना अब भी ज़रूरी है. एक निश्चित तापमान पर रखी जाने वाली कोरोना वैक्सीन को सुरक्षित रखने के लिए भिंड ज़िले में क्या व्यवस्थाएं की गई हैं. जानिए इस विस्तृत रिपोर्ट में. (Between 45 degree corona vaccine maintenance) (Corona vaccine between 2 to 8 degrees) ( E Vaccine centre Bhind)

Between 45 degree corona vaccine maintenance
कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन
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Published : May 20, 2022, 6:24 PM IST

Updated : May 20, 2022, 7:56 PM IST

भिंड। कोरोना महामारी के दौरान भिंड उन ज़िलों में शामिल रहा है, जहां केस कम रहे. यहां वैक्सीनेशन को लेकर भी काफी तेजी से काम किया गया, लेकिन कोरोना के लिए तैयार की गई भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशिल्ड के रखरखाव के लिए WHO ने 2 से 8 डिग्री तापमान मेंटेन रखने का सुझाव दिया था. क्योंकि इससे अधिक या कम तापमान पर ये वैक्सीन निष्क्रिय हो सकती है. ऐसे में जब तापमान 45 डिग्री के आसपास चल रहा है और बिजली की अघोषित कटौती के चलते बत्ती घंटों गुल रहती है तो वैक्सीन के रखरखाव की व्यवस्था किस तरह की जा रही है. यह जानने के लिए ETV भारत ने जिला अस्पताल के ई वैक्सीन सेंटर जाकर पूरी पड़ताल की.

कोरोना वैक्सीन 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे होता है मेंटेन

भिंड में बनाये गए हैं 19 कोल्ड चैन पॉइंट : भिंड जिला अस्पताल परिसर में ही ज़िले का ई-वैक्सीन स्टोर बनाया गया है. जहां कोरोना टीकाकरण के लिए मंगाई गई वैक्सीन रखी जाती हैं और यहीं से ज़िले में बनाये गए 19 कोल्ड चैन स्टोर तक इन्हें सप्लाई किया जाता है. जब हम बिजली व्यवस्था का जायजा लेने इस स्टोर पर पहुंचे तो तो मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी और प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके व्यास मौजूद मिले. वैक्सीन स्टोरेज एरिया का मुआयना कराते हुए डॉ. व्यास ने वैक्सीन के रखरखाव के बारे में भी जानकारी दी. ट्रांसपोर्टेशन से रखरखाव तक मेंटेन किया जाता है. प्रभारी CMHO डॉ. एसके व्यास ने बताया कि who की गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीन का टेम्परेचर फर्स्ट पॉइंट से मेन्टेन किया जाता है. उन्होंने बताया कि दवा बनाने वाली कंपनी द्वारा प्लेन से वैक्सीन का लॉट ग्वालियर एयरपोर्ट तक लाया जाता है, जहां से एक एसी कोल्ड व्हीकल के ज़रिये दवा को जेडी स्टोर तक लाया जाता है. जहां कूल स्टोरेज में इन वैक्सीन को रखा जाता है.

Between 45 degree corona vaccine maintenance
कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन

यहीं से कोल्ड चैन शुरू होती हैं : भिंड ज़िले को अलॉट की गई वैक्सीन का लॉट एक विशेष वाहन से लाया जाता है, जो पहले से ही काम तापमान मेंटेन करने के लिए बनाया गया है. फिर भी ट्रांसपोर्टेशन के लिए बड़े आइस बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें वैक्सीन सुरक्षित भिंड तक लायी जा सके. यहां वैक्सीन पहुंचते ही उसे एक निश्चित तापमान पर सेट रेफ्रिजरेटर में रखा जाता है. वैक्सीन स्टोर में ऐसे 8 फ्रीजर इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इसके साथ ही डीप फ्रीज़र भी उपलब्ध है. डॉ. व्यास ने बताया कि तापमान की मॉनिटरिंग के लिए भी खास तरह के अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, जिसमें सेट किये गए टेम्परेचर में बढ़ोतरी होते ही अलर्ट मिल जाता है. बिजली के अचानक जाने की स्थिति में ये फ्रीजर कम से कम 6 घंटे तक तापमान को 2 डिग्री तक बनाये रखते हैं. इससे अधिक होने पर फ्रीज़र एरिया के साथ ही एक इमरजेंसी इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटर भी रखा हुआ है, जिससे पावर बैकअप देकर फ्रीजर फिर से शुरू किए जा सकें. वहीं, जिला अस्पताल परिसर में बिजली की समस्या न हो, इसके लिए भी एक पावर सब स्टेशन बिजली विभाग की मदद से संचालित है. प्रभारी सीएमएचओ का कहना है कि भिंड ज़िले के अस्पताल परिसर में बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है.

Between 45 degree corona vaccine maintenance
कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन

स्वास्थ्य केन्द्रों में भी बनाये गए कोल्ड चैन पॉइंट्स : ग्रामीण इलाकों और अन्य शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. डॉ. व्यास ने बताया कि स्टोर के साथ ही ज़िले 19 कोल्ड चैन पॉइंट्स बनाकर व्यवस्था बरकार रखी गयी है. सभी कोल्ड चैन पॉइंट्स पर वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड बॉक्स उपलब्ध कराए गए हैं. जहां वैक्सीन को सुरक्षित रख जा सके. हैंडलर्स को स्पष्ट निर्देश हैं कि यदि 6 घंटे से ज़्यादा बिजली गुल होती है तो वैक्सीन को कोल्ड बॉक्स में शिफ्ट जिला ई-वैक्सीन स्टोर पर शिफ्ट कर दें, जिससे वैक्सीन खराब न होने पाए.

दुकानों में उपयोग हो रहा रेगुलर रेफ्रिजरेटर : सिर्फ कोरोना ही नही अन्य सभी तरह को वैक्सीन को एक निश्चित तापमान पर रखना अनिवार्य होता है, नहीं तो वैक्सीन खराब हो सकती हैं. ज़िले स्वास्थ्य विभाग तो अपनी तैयारी के साथ सभी इंतज़ाम किये हैं, लेकिन बिजली की अघोषित कटौती के दौर में प्राइवेट मेडिकल स्टोर संचालक किसी वैक्सीन का तापमान किस तरह मेंटेन करते हैं, यह भी एक बड़ा सवाल है. एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि अमूमन भारत मे बनाने वाली ज़्यादातर वैक्सीन इक्का- दुक्का को छोड़कर सामान्य ठंडक में सर्वाइव कर सकती हैं. उसे सीधा सूरज की रोशनी से बचाकर रखना ज़रूरी होता है. पहले रैबिज के टीके कम तापमान पर रखने होते थे लेकिन अब इनकी बिक्री न के बराबर है, क्योंकि सरकारी अस्पताल में यह वैक्सीन मुफ्त में लगवाई जा सकती है. ऐसे में बाकी वैक्सीन को रखने के लिए सामान्य घरेलू उपयोग वाले फ्रीज़र भी पर्याप्त होते हैं.

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कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन

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सीएमएचओ बोले- सावधानी बेहद जरूरी: जिला टीकाकरण अधिकारी और प्रभारी सीएमएचओ डॉ.एसके व्यास का कहना है कि ज़िले में संचालित ज़्यादातर प्राइवेट मेडिकल स्टोर रैबीज वैक्सीन का ही स्टॉक करते हैं, क्योंकि अन्य वैक्सीन यहाँ उपलब्ध नहीं हो पाती हैं. ऐसे में किसी भी वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन में उसका टेम्परेचर ज़रूर मेंटेन रखना चाहिए, क्योंकि ऐसा न करने से दवा का प्रभाव कम या खत्म हो सकता है. इसलिए सावधानी बेहद ज़रूरी होती है. (Between 45 degree corona vaccine maintenance) (Corona vaccine between 2 to 8 degrees) ( E Vaccine centre Bhind)

भिंड। कोरोना महामारी के दौरान भिंड उन ज़िलों में शामिल रहा है, जहां केस कम रहे. यहां वैक्सीनेशन को लेकर भी काफी तेजी से काम किया गया, लेकिन कोरोना के लिए तैयार की गई भारत बायोटेक की कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट की कोविशिल्ड के रखरखाव के लिए WHO ने 2 से 8 डिग्री तापमान मेंटेन रखने का सुझाव दिया था. क्योंकि इससे अधिक या कम तापमान पर ये वैक्सीन निष्क्रिय हो सकती है. ऐसे में जब तापमान 45 डिग्री के आसपास चल रहा है और बिजली की अघोषित कटौती के चलते बत्ती घंटों गुल रहती है तो वैक्सीन के रखरखाव की व्यवस्था किस तरह की जा रही है. यह जानने के लिए ETV भारत ने जिला अस्पताल के ई वैक्सीन सेंटर जाकर पूरी पड़ताल की.

कोरोना वैक्सीन 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे होता है मेंटेन

भिंड में बनाये गए हैं 19 कोल्ड चैन पॉइंट : भिंड जिला अस्पताल परिसर में ही ज़िले का ई-वैक्सीन स्टोर बनाया गया है. जहां कोरोना टीकाकरण के लिए मंगाई गई वैक्सीन रखी जाती हैं और यहीं से ज़िले में बनाये गए 19 कोल्ड चैन स्टोर तक इन्हें सप्लाई किया जाता है. जब हम बिजली व्यवस्था का जायजा लेने इस स्टोर पर पहुंचे तो तो मौके पर जिला टीकाकरण अधिकारी और प्रभारी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ एसके व्यास मौजूद मिले. वैक्सीन स्टोरेज एरिया का मुआयना कराते हुए डॉ. व्यास ने वैक्सीन के रखरखाव के बारे में भी जानकारी दी. ट्रांसपोर्टेशन से रखरखाव तक मेंटेन किया जाता है. प्रभारी CMHO डॉ. एसके व्यास ने बताया कि who की गाइडलाइन के मुताबिक वैक्सीन का टेम्परेचर फर्स्ट पॉइंट से मेन्टेन किया जाता है. उन्होंने बताया कि दवा बनाने वाली कंपनी द्वारा प्लेन से वैक्सीन का लॉट ग्वालियर एयरपोर्ट तक लाया जाता है, जहां से एक एसी कोल्ड व्हीकल के ज़रिये दवा को जेडी स्टोर तक लाया जाता है. जहां कूल स्टोरेज में इन वैक्सीन को रखा जाता है.

Between 45 degree corona vaccine maintenance
कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन

यहीं से कोल्ड चैन शुरू होती हैं : भिंड ज़िले को अलॉट की गई वैक्सीन का लॉट एक विशेष वाहन से लाया जाता है, जो पहले से ही काम तापमान मेंटेन करने के लिए बनाया गया है. फिर भी ट्रांसपोर्टेशन के लिए बड़े आइस बॉक्स का इस्तेमाल किया जाता है, जिनमें वैक्सीन सुरक्षित भिंड तक लायी जा सके. यहां वैक्सीन पहुंचते ही उसे एक निश्चित तापमान पर सेट रेफ्रिजरेटर में रखा जाता है. वैक्सीन स्टोर में ऐसे 8 फ्रीजर इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इसके साथ ही डीप फ्रीज़र भी उपलब्ध है. डॉ. व्यास ने बताया कि तापमान की मॉनिटरिंग के लिए भी खास तरह के अलार्म सिस्टम लगाए गए हैं, जिसमें सेट किये गए टेम्परेचर में बढ़ोतरी होते ही अलर्ट मिल जाता है. बिजली के अचानक जाने की स्थिति में ये फ्रीजर कम से कम 6 घंटे तक तापमान को 2 डिग्री तक बनाये रखते हैं. इससे अधिक होने पर फ्रीज़र एरिया के साथ ही एक इमरजेंसी इलेक्ट्रिसिटी जेनरेटर भी रखा हुआ है, जिससे पावर बैकअप देकर फ्रीजर फिर से शुरू किए जा सकें. वहीं, जिला अस्पताल परिसर में बिजली की समस्या न हो, इसके लिए भी एक पावर सब स्टेशन बिजली विभाग की मदद से संचालित है. प्रभारी सीएमएचओ का कहना है कि भिंड ज़िले के अस्पताल परिसर में बिजली की पर्याप्त व्यवस्था है.

Between 45 degree corona vaccine maintenance
कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन

स्वास्थ्य केन्द्रों में भी बनाये गए कोल्ड चैन पॉइंट्स : ग्रामीण इलाकों और अन्य शासकीय स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर भी पर्याप्त व्यवस्था की गई है. डॉ. व्यास ने बताया कि स्टोर के साथ ही ज़िले 19 कोल्ड चैन पॉइंट्स बनाकर व्यवस्था बरकार रखी गयी है. सभी कोल्ड चैन पॉइंट्स पर वैक्सीन रखने के लिए कोल्ड बॉक्स उपलब्ध कराए गए हैं. जहां वैक्सीन को सुरक्षित रख जा सके. हैंडलर्स को स्पष्ट निर्देश हैं कि यदि 6 घंटे से ज़्यादा बिजली गुल होती है तो वैक्सीन को कोल्ड बॉक्स में शिफ्ट जिला ई-वैक्सीन स्टोर पर शिफ्ट कर दें, जिससे वैक्सीन खराब न होने पाए.

दुकानों में उपयोग हो रहा रेगुलर रेफ्रिजरेटर : सिर्फ कोरोना ही नही अन्य सभी तरह को वैक्सीन को एक निश्चित तापमान पर रखना अनिवार्य होता है, नहीं तो वैक्सीन खराब हो सकती हैं. ज़िले स्वास्थ्य विभाग तो अपनी तैयारी के साथ सभी इंतज़ाम किये हैं, लेकिन बिजली की अघोषित कटौती के दौर में प्राइवेट मेडिकल स्टोर संचालक किसी वैक्सीन का तापमान किस तरह मेंटेन करते हैं, यह भी एक बड़ा सवाल है. एक मेडिकल स्टोर संचालक ने बताया कि अमूमन भारत मे बनाने वाली ज़्यादातर वैक्सीन इक्का- दुक्का को छोड़कर सामान्य ठंडक में सर्वाइव कर सकती हैं. उसे सीधा सूरज की रोशनी से बचाकर रखना ज़रूरी होता है. पहले रैबिज के टीके कम तापमान पर रखने होते थे लेकिन अब इनकी बिक्री न के बराबर है, क्योंकि सरकारी अस्पताल में यह वैक्सीन मुफ्त में लगवाई जा सकती है. ऐसे में बाकी वैक्सीन को रखने के लिए सामान्य घरेलू उपयोग वाले फ्रीज़र भी पर्याप्त होते हैं.

Between 45 degree corona vaccine maintenance
कोरोना वैक्सीन को 2 से 8 डिग्री के बीच ऐसे मेंटेन

सीएम शिवराज की क्लास! कलेक्टर से बोले- दोषियों पर लें एक्शन, अच्छा काम करने वालों को पुरस्कृत करें

सीएमएचओ बोले- सावधानी बेहद जरूरी: जिला टीकाकरण अधिकारी और प्रभारी सीएमएचओ डॉ.एसके व्यास का कहना है कि ज़िले में संचालित ज़्यादातर प्राइवेट मेडिकल स्टोर रैबीज वैक्सीन का ही स्टॉक करते हैं, क्योंकि अन्य वैक्सीन यहाँ उपलब्ध नहीं हो पाती हैं. ऐसे में किसी भी वैक्सीन के ट्रांसपोर्टेशन में उसका टेम्परेचर ज़रूर मेंटेन रखना चाहिए, क्योंकि ऐसा न करने से दवा का प्रभाव कम या खत्म हो सकता है. इसलिए सावधानी बेहद ज़रूरी होती है. (Between 45 degree corona vaccine maintenance) (Corona vaccine between 2 to 8 degrees) ( E Vaccine centre Bhind)

Last Updated : May 20, 2022, 7:56 PM IST
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