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चुनाव से पहले एमपी में सड़कों की टेंडर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव: आमंत्रण अवधि में हुई कटौती, साल की इस तारीख तक मिलेगा लाभ

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 8, 2023, 5:23 PM IST

मध्यप्रदेश में दिग्विजय सरकार को गिराकर सत्ता में बीजेपी को स्थापित कराने में सहयोगी रहीं एमपी की खराब सड़कें चुनाव के समय सरकार के लिए मुसीबत बन सकती है, ऐसे में इस मुद्दे को चुनाव के समय बेअसर करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने सड़कों या अन्य विकासकार्यों के लिए बुलाये जाने वाले टेंडर निविदा की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए आमंत्रण अवधि को घटाने का फैसला लिया है.

big change in mp road tenders process
एमपी रोड टेंडर प्रक्रिया में बदलाव

भिंड। जिस मध्यप्रदेश की सड़कों को अमरीका से सुंदर सड़कें कहा गया, उन की हालत आज किसी से छिपी नहीं है. वहीं विकास के लिए कई नए और पुराने प्रोजेक्ट चुनाव के समय विपक्ष को मुद्दा ना दें, इसे लेकर सरकार ने अचार सहिंता लगने से पहले बड़ा निर्णय लिया है. मप्र की सरकार ने टेंडर निविदा अवधि में कटौती कर कम कर दिया है, जहां किसी टेंडर के लिए बुलायी गई निविदा में अब तक डेढ़ महीना यानी 45 दिन का समय लगता था, वहां अब सिर्फ ढाई हफ्ते यानी महज 17 दिन के निविदा आमंत्रण होंगे.

चुनाव में मुसीबत बन सकता है सड़कों का मुद्दा: माना जा रहा है कि सरकार ने अचानक यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत लिया है, जिससे विपक्ष सड़कों का मुद्दा ना बना सके और सत्ता इस एक और उपलब्धि के रूप में दिखा सके. मध्यप्रदेश में सड़कों की बात इस लिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि मप्र में 2003 से पहले तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार में प्रदेश की खराब सड़कों को लेकर बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था और सरकार में बदलाव में सड़कों ने भी अपनी भूमिका निभाई थी. लेकिन अब इतने वर्षों बाद एमपी में सड़कों के हाल को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार चिंतित है, चुनाव में नुकसान की आशंका को कम करना चाहती है. साथ ही साथ पार्टी विपक्ष को भी यह मुद्दा नहीं देना चाहती हैं.

इस तारीख तक लागू रहेगा आदेश: मध्यप्रदेश सरकार ने टेंडर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए टेंडर के लिए बुलायी गई निविदा में आमंत्रण अवधि को 17 दिन किया है, जिसमें पहली निविदा के लिये 10 दिन और दूसरे के लिए 7 दिन की समय सीमा तय की है. इससे टेंडर आवंटन के लिए भी ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा और विकास कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सकेगा. चूंकि पहले प्रथम निविदा किमसेवमा 30 दिन और द्वितीय निविदा 15 दिन की अवधि के लिए होती थी, लेकिन यह नया नियम 10 लाख रुपय से अधिक राशि की निविदाओं पर लागू होगा जो मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना, विशेष निधि, कायाकल्प योजना एवं अन्य राज्यप्रवर्तित योजनाओं में स्वीकृत सड़क और अधोसंरचना विकास के तहत आमंत्रित की जाएगी. साथ ही यह बदलाव आगामी 15 अक्टूबर 2023 तक बुलाए गए निविदा आमंत्रण के लिए ही मान्य होगा.

Must Read:

चुनाव से पहले खराब सड़कों पर फोकस: गौरतलब है कि सरकार चाहती है कि मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा और आचार संहिता लागू होने से पहले ही राज्य में खराब सड़कों पर जल्द से जल्द काम शुरू हो जाए. साथ ही इन सड़कों के निर्माण के लिए भी सरकार विशेष पैकेज दे रही है, जिसमें कायाकल्प अभियान के तहत दो चरणों में 1550 करोड़ की राशि इन विकास कार्यों के लिए जारी की है. ऐसे में निविदा आमंत्रण की समय अवधि कम हो जाने पर इन विकास कार्यों को गति मिलेगी.

भिंड। जिस मध्यप्रदेश की सड़कों को अमरीका से सुंदर सड़कें कहा गया, उन की हालत आज किसी से छिपी नहीं है. वहीं विकास के लिए कई नए और पुराने प्रोजेक्ट चुनाव के समय विपक्ष को मुद्दा ना दें, इसे लेकर सरकार ने अचार सहिंता लगने से पहले बड़ा निर्णय लिया है. मप्र की सरकार ने टेंडर निविदा अवधि में कटौती कर कम कर दिया है, जहां किसी टेंडर के लिए बुलायी गई निविदा में अब तक डेढ़ महीना यानी 45 दिन का समय लगता था, वहां अब सिर्फ ढाई हफ्ते यानी महज 17 दिन के निविदा आमंत्रण होंगे.

चुनाव में मुसीबत बन सकता है सड़कों का मुद्दा: माना जा रहा है कि सरकार ने अचानक यह फैसला आगामी विधानसभा चुनाव के दृष्टिगत लिया है, जिससे विपक्ष सड़कों का मुद्दा ना बना सके और सत्ता इस एक और उपलब्धि के रूप में दिखा सके. मध्यप्रदेश में सड़कों की बात इस लिए भी अहम हो जाती है, क्योंकि मप्र में 2003 से पहले तत्कालीन दिग्विजय सिंह सरकार में प्रदेश की खराब सड़कों को लेकर बीजेपी ने इसे चुनावी मुद्दा बनाया था और सरकार में बदलाव में सड़कों ने भी अपनी भूमिका निभाई थी. लेकिन अब इतने वर्षों बाद एमपी में सड़कों के हाल को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार चिंतित है, चुनाव में नुकसान की आशंका को कम करना चाहती है. साथ ही साथ पार्टी विपक्ष को भी यह मुद्दा नहीं देना चाहती हैं.

इस तारीख तक लागू रहेगा आदेश: मध्यप्रदेश सरकार ने टेंडर प्रक्रिया में बड़ा बदलाव करते हुए टेंडर के लिए बुलायी गई निविदा में आमंत्रण अवधि को 17 दिन किया है, जिसमें पहली निविदा के लिये 10 दिन और दूसरे के लिए 7 दिन की समय सीमा तय की है. इससे टेंडर आवंटन के लिए भी ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा और विकास कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सकेगा. चूंकि पहले प्रथम निविदा किमसेवमा 30 दिन और द्वितीय निविदा 15 दिन की अवधि के लिए होती थी, लेकिन यह नया नियम 10 लाख रुपय से अधिक राशि की निविदाओं पर लागू होगा जो मुख्यमंत्री अधोसंरचना विकास योजना, विशेष निधि, कायाकल्प योजना एवं अन्य राज्यप्रवर्तित योजनाओं में स्वीकृत सड़क और अधोसंरचना विकास के तहत आमंत्रित की जाएगी. साथ ही यह बदलाव आगामी 15 अक्टूबर 2023 तक बुलाए गए निविदा आमंत्रण के लिए ही मान्य होगा.

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चुनाव से पहले खराब सड़कों पर फोकस: गौरतलब है कि सरकार चाहती है कि मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों की घोषणा और आचार संहिता लागू होने से पहले ही राज्य में खराब सड़कों पर जल्द से जल्द काम शुरू हो जाए. साथ ही इन सड़कों के निर्माण के लिए भी सरकार विशेष पैकेज दे रही है, जिसमें कायाकल्प अभियान के तहत दो चरणों में 1550 करोड़ की राशि इन विकास कार्यों के लिए जारी की है. ऐसे में निविदा आमंत्रण की समय अवधि कम हो जाने पर इन विकास कार्यों को गति मिलेगी.

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