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पूर्व दस्यु सरदार मोहर सिंह गुर्जर का 92 साल की उम्र में निधन, कभी सिर पर था दो लाख का इनाम

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Published : May 5, 2020, 1:20 PM IST

Updated : May 6, 2020, 4:48 PM IST

चम्बल के आत्मसमर्पित दस्यु मोहर सिंह का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. मोहर सिंह ने मंगलवार को मेहगांव स्थित अपने पैतृक आवास पर अंतिम सांस ली.

Bandit chieftain Dasyu Mohar Singh died
डाकुओं के सरदार दस्यु मोहर सिंह का 92 की उम्र में निधन

भिंड। साठ के दशक में चम्बल पर राज करने वाले दस्यु मोहर सिंह का मंगलवार को भिण्ड में निधन हो गया. आत्मसमर्पित दस्यु ने अपने मेहगांव स्थित घर में अंतिम सांस ली, उन्हें लंबे समय से मधुमेह की बीमारी थी. बाघी रहे मोहर सिंह अपने समय में गरीबों की मदद करने और गरीब बेटियों की शादी करने के लिए बहुत विख्यात थे. वे मेहगांव नगर पालिका में पंचायत परिषद के अध्यक्ष भी रहे. आज उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है.

चम्बल क्षेत्र डाकुओं और बागियों के लिए बदनाम रहा है, लेकिन आज एक पूर्व दस्यु की मौत पर चम्बल में शोक की लहर है. 60 के दशक के पूर्व दस्यु मोहर सिंह की बंदूक ने 3 राज्यों की पुलिस के कान बहरे कर दिये थे. 150 बागियों की गैंग बनाकर मोहर सिंह ने तमाम हत्या, पकड़ और वसूली की वारदातों को अंजाम दिया. 1958 में पहला अपराध करने से 1970 में बंदूक में आत्मसमर्पण के लिए कंधे से बंदूक उतारते समय मोहर सिंह के सिर पर 2 लाख का इनाम था और गैंग पर 12 लाख का इनाम था. पुलिस फाइल में 315 मामले मोहर सिंह के खिलाफ दर्ज थे और 85 कत्ल का जिम्मेदार भी दर्शाया गया था. मोहर सिंह बागी रहते और आत्मसर्मपण के बाद भी गरीबों की मदद करने और गरीब बेटियों की शादी करवाने ले लिए भी विख्यात थे.

आत्मसमर्पण के बाद मोहर सिंह ने सजा काटकर राजनीति में कदम रखा और मेहगांव नगरपालिका में पंचायत परिषद के अध्यक्ष चुने गए. अपने 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने जनता में किसी को परेशान नहीं होने दिया जिसकी वजह से लोगों के दिलों में उनकी बहुत इज्जत थी. 92 साल के मोहर सिंह लंबे समय से शुगर की बीमारी से लड़ रहे थे, लेकिन आज अपने घर में उन्होंने बीमारी के आगे हार कर अंतिम सांस ली.

भिंड। साठ के दशक में चम्बल पर राज करने वाले दस्यु मोहर सिंह का मंगलवार को भिण्ड में निधन हो गया. आत्मसमर्पित दस्यु ने अपने मेहगांव स्थित घर में अंतिम सांस ली, उन्हें लंबे समय से मधुमेह की बीमारी थी. बाघी रहे मोहर सिंह अपने समय में गरीबों की मदद करने और गरीब बेटियों की शादी करने के लिए बहुत विख्यात थे. वे मेहगांव नगर पालिका में पंचायत परिषद के अध्यक्ष भी रहे. आज उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई है.

चम्बल क्षेत्र डाकुओं और बागियों के लिए बदनाम रहा है, लेकिन आज एक पूर्व दस्यु की मौत पर चम्बल में शोक की लहर है. 60 के दशक के पूर्व दस्यु मोहर सिंह की बंदूक ने 3 राज्यों की पुलिस के कान बहरे कर दिये थे. 150 बागियों की गैंग बनाकर मोहर सिंह ने तमाम हत्या, पकड़ और वसूली की वारदातों को अंजाम दिया. 1958 में पहला अपराध करने से 1970 में बंदूक में आत्मसमर्पण के लिए कंधे से बंदूक उतारते समय मोहर सिंह के सिर पर 2 लाख का इनाम था और गैंग पर 12 लाख का इनाम था. पुलिस फाइल में 315 मामले मोहर सिंह के खिलाफ दर्ज थे और 85 कत्ल का जिम्मेदार भी दर्शाया गया था. मोहर सिंह बागी रहते और आत्मसर्मपण के बाद भी गरीबों की मदद करने और गरीब बेटियों की शादी करवाने ले लिए भी विख्यात थे.

आत्मसमर्पण के बाद मोहर सिंह ने सजा काटकर राजनीति में कदम रखा और मेहगांव नगरपालिका में पंचायत परिषद के अध्यक्ष चुने गए. अपने 5 साल के कार्यकाल में उन्होंने जनता में किसी को परेशान नहीं होने दिया जिसकी वजह से लोगों के दिलों में उनकी बहुत इज्जत थी. 92 साल के मोहर सिंह लंबे समय से शुगर की बीमारी से लड़ रहे थे, लेकिन आज अपने घर में उन्होंने बीमारी के आगे हार कर अंतिम सांस ली.

Last Updated : May 6, 2020, 4:48 PM IST
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