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हेड कांस्टेबल की हत्या का मामला, दोषी को आजीवन कारावास की सजा

विशेष न्यायालय ने प्रधान आरक्षक उमेश बाबू की हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास और 5 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है.

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Published : Nov 25, 2019, 11:06 PM IST

हेड कांस्टेबल की हत्या के दोषी को आजीवन कारावास

भिंड। प्रधान आरक्षक उमेश बाबू की हत्या के मामले में विशेष न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. हत्या की पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई थी.

दोषी को आजीवन कारावास की सजा

CCTV फुटेज से हुआ था खुलासा
घटना ऊमरी थाना परिसर में 9 सितंबर 2018 को घटित हुई थी, जिसका सनसनीखेज CCTV फुटेज भी सामने आया था. हेड कांस्टेबल की हत्या मामले में आरोपी विष्णु को कोर्ट ने दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की के साथ ही 5 हजार रुपये की सजा सुनाई है. घटना के एक अन्य आरोपी मान सिंह के खिलाफ सबूत नहीं होने से उसे दोष मुक्त किया गया.

क्या था पूरा मामला
लारौली पुलिस विष्णु राजावत को बाजार में उत्पात मचाने के अपराध में पकड़कर थाने लाई थी, तभी विष्णु का दोस्त मान सिंह थाने आया, दोनों के बीच बातचीत हुई और इसके कुछ देर बाद विष्णु ने कम्प्यूटर कक्ष के सामने बने बरामदे में काम कर रहे उमेश बाबू और पहरेदार आरक्षक गजराज सिंह को धारदार हथियार से हमला कर दिया.जिसमें उमेश बाबू की इलाज के दौरान मौत हो गई थी .

भिंड। प्रधान आरक्षक उमेश बाबू की हत्या के मामले में विशेष न्यायालय ने दोषी को आजीवन कारावास और 5 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है. हत्या की पूरी वारदात CCTV में कैद हो गई थी.

दोषी को आजीवन कारावास की सजा

CCTV फुटेज से हुआ था खुलासा
घटना ऊमरी थाना परिसर में 9 सितंबर 2018 को घटित हुई थी, जिसका सनसनीखेज CCTV फुटेज भी सामने आया था. हेड कांस्टेबल की हत्या मामले में आरोपी विष्णु को कोर्ट ने दोषी पाया और उसे आजीवन कारावास की के साथ ही 5 हजार रुपये की सजा सुनाई है. घटना के एक अन्य आरोपी मान सिंह के खिलाफ सबूत नहीं होने से उसे दोष मुक्त किया गया.

क्या था पूरा मामला
लारौली पुलिस विष्णु राजावत को बाजार में उत्पात मचाने के अपराध में पकड़कर थाने लाई थी, तभी विष्णु का दोस्त मान सिंह थाने आया, दोनों के बीच बातचीत हुई और इसके कुछ देर बाद विष्णु ने कम्प्यूटर कक्ष के सामने बने बरामदे में काम कर रहे उमेश बाबू और पहरेदार आरक्षक गजराज सिंह को धारदार हथियार से हमला कर दिया.जिसमें उमेश बाबू की इलाज के दौरान मौत हो गई थी .

Intro:न्यायालय विशेष न्यायाधीश (एससी- एसटी एक्ट) सुनील कुमार श्रीवास्तव द्वारा प्रधान आरक्षक उमेश बाबू की हत्या के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। घटना ऊमरी थाना परिसर में 9 सितंबर 2018 को घटित हुई थी। जिसका सनसनीखेज सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया था।Body:दरअसल सवा साल पहले हुई भिण्ड के ऊमरी थाने में हैडकांस्टेबल की हत्या मामले में आरोपी विष्णु को दोषी पाते हुये विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए के अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। साथ हीआरोपी मान सिंह के विरूद्ध अपराध प्रमाणित न होने से उसे दोष मुक्त किया गया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रवीण दीक्षित द्वारा पैरवी की गई। राज्य शासन द्वारा इसे जघन्य एवं सनसनी खेज मामलों में शामिल किया गया।
Conclusion:क्या था पूरा मामला।
दरसअल 9 सितंबर 2018 को लारौली पुलिस, रौन निवासी विष्णु राजावत को बाजार में उत्पात मचाने पर पकड़कर लाई थी। घटना शाम करीब साढ़े सात बजे की थी। थाना के एचसीएम रूम में आरक्षक मयंक दुबे काम रहे थे और वायरलैस सेट पर आरक्षक रामसहाय बैठे हुए थे। प्रधान आरक्षक उमेश बाबू द्वारा पकड़कर लाए गए विष्णु के खिलाफ शांति भंग करने को लेकर लिखा पढ़ी की जा रही थी। तभी उसका दोस्त मान सिंह आया। दोनों के बीच बातचीत हुई और इसके कुछ देर बाद विष्णु द्वारा कम्प्यूटर कक्ष के सामने बने बरामदा में काम कर रहे उमेश बाबू और पहरे पर तैनात संतरी आरक्षक गजराज सिंह को जान से मारने की नियत से धारदार से हमला कर दिया गया था जिससे दोनों ही मौके पर गिर पड़े। इसी दौरान आरक्षक मयंक और रामसहाय भागकर बाहर आए और चिल्लाते हुए रायफल लेकर आरोपी के पीछे भागे लेकिन आरोपी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। उमेश बाबू व गजराज को तुरंत अस्पताल लाया गया। हालांकि उमेश बाबू की इलाज के दौरान मौत हो गई थी। वारदात की पूरी घटना थाने में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हुई थी।

नोट - खबर में वाइट उपलब्ध नहीं हो पाई है खबर को वीडियो न्यूज़ के तौर पर ले, साथ ही घटना का सीसीटीवी फुटेज भी दिया है उसे ट्रीट किया जा सकता है.
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