बैतूल। देशभर में फैले कोरोना संक्रमण के कारण लॉकडाउन किया गया है. जिस वजह से लोग अपने-अपने घरों में कैद हैं. लॉकडाउन के कारण जहां मानव जीवन सिमट कर रह गया है, वहीं इस दौरान प्रकृति ने खुद को खूब संवारा है. प्रकृति के संतुलित होते आवामों के बीच पशु-पक्षियों का शोरगुल भी बढ़ गया है. खुले आसमान में साफ हवा में पक्षी बेखौफ होकर उड़ रहे हैं, लेकिन गर्मी से उन्हें राहत नहीं मिली है. तपता सूरज दिनों-दिन तापमान को बढ़ाता जा रहा है. इस बीच इन पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए बैतूल में समाज युवा आगे आए हैं, जो पक्षियों को पीने के लिए पानी और चुगने के लिए दाने का शहरभर में इंतजाम कर रहे हैं.
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बैतूल का ग्रीन टाइगर समूह समाजसेवी युवाओं की टोली है. जो शहरभर में पेड़ लगाने और उन्हें संभालने-संजोने के लिए जानी जाती है. लॉकडाउन के दौरान गर्मी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए इस ग्रुप ने अब एक नई पहल की है. युवाओं ने कबाड़ में मिलने वाले प्लास्टिक और टीन के डिब्बों को तराश कर उन्हें पक्षियों के जल पात्र और दानों के दोने बना दिए. साथ ही इन डिब्बों को शहर के अलग-अलग हिस्सों में पेड़ पर लटका दिया गया है. ताकि इस चिलचिलाती गर्मी में पक्षी भूखे-प्यासे न रहें.
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युवाओं ने डिब्बों में पानी भरा है और कुछ में दाने डाले हैं. युवाओं ने डिब्बों की बनावट ऐसी रखी है कि पक्षी उन पर बैठकर आसानी से पानी पी सकें. साथ ही एक साथ दो-तीन पक्षी एक ही समय पर खा-पी सकें. युवकों ने अब तक डेढ़ सौ पेड़ों पर पक्षियों के लिए ये व्यवस्था कर दी है. बता दें, इन पक्षियों को रोज दाना डालने और उन डिब्बों में पानी भरने के लिए वे रोज शहरभर में निकलते हैं.
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ग्रीन टाइगर्स चाहते हैं कि पक्षियों के लिए की गई उनकी यह पहल एक प्रेरणा बन जाए. वहीं शहर में गर्मियों में परिंदों की प्यास बुझाने के इस तरीके को हर कोई सराह रहा है. बता दें कि युवाओं का यह दल बैतूल में अब तक चार हजार पेड़ लगा चुका है, जिसकी देखरेख वे सब मिलकर खुद ही कर रहे हैं.