ETV Bharat / state

हरितालिका पर नदियों के घाटों पर पहुंची महिलाएं, नपा की उदासीनता से महिलाओं में दिखी नाराजगी - नगरपालिका की लापरवाही

हरितालिका तीज के त्योहार के मौके पर प्रशासन की ओर से कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई थी. जिसके चलते नदी के घाटों पर ना तो कोई सुरक्षा व्यवस्था थी और ना ही कोई सफाई जिसके चलते घाट पहुंची महिलाओं को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

Women reached the ghats, did not see security
घाटों पर पहुंची महिलाएं, नहीं दिखी सुरक्षा व्यवस्था
author img

By

Published : Aug 22, 2020, 7:57 AM IST

बैतूल। शुक्रवार को हरितालिका तीज का त्योहार मनाया गया, हरितालिका तीज हिन्दु महिलाओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. क्षेत्र की लगभग सभी महिलाएं तीजा का व्रत करती हैं, इस दिन का अपना ही अलग महत्व होता है. इस दिन महिलाएं रात्रि जागरण करके मां पार्वती और भगवान शंकर की आराधना करती हैं.

हरितालिका तीज में नदी के घाटों का भी काफी महत्व है, महिलाएं गौर लेने और विसर्जन के लिए नदियों के घाटों पर जाती हैं. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने सार्वजनिक तौर पर त्योहार मनान में रोक लगाई है, लेकिन तीज को लेकर प्रशासन ने ना तो कोई निर्देश जारी किए हैं और ना ही नियमों का प्रचार प्रसार किया गया था. जिसके कारण कोरोना पर आस्था भारी पड़ गई और सुबह बड़ी संख्या में महिलाएं गौर लेने नदियों के घाट पर पहुंच गई और आमला नगर के पास से बहने वाली चन्द्रभागा नदी पर बड़ी संख्या में महिलाएं देखने को मिली.

महिलाओं के पंहुचने का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा, बता दें पहले तो शासन ने कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया और न ही कोई रोका टोकी की. लेकिन जब महिलाएं नदियों के घाटों पर पहुंची तो महिलाओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नदियों के घाट पर न तो साफ सफ़ाई की गई है और ना ही रेत की व्यवस्था की गई थी और न ही नगरपालिका का कोई नुमाईदा उपस्थित है. वहीं अगर कोई हादसा हो जाए तो गोताखोर भी मौजूद नहीं हैं.

श्रद्धा भाले और मोहनी सोनपूरे ने बताया कि नगरपालिका की ओर से नदी के घाटों पर महिलाओं के लिए व्यवस्था करनी चाहिए थी. महिलाओं ने कहा कि वह सब कोरोना को ध्यान में रखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नदी के घाटों पर पहुंची थी. वहीं पिछले 24 घंटे से तेज बारिश का सिलसिला जारी है जिससे सभी नदी नाले उफान पर आ चुके हैं और चन्द्रभागा नदी भी अपने पूरे शबाब पर है. ऐसे में हरितालिका पर्व को लेकर प्रशासन की अनदेखी कोई बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती थी.

घरों में ही निकाले गौर..

कोरोना का असर त्योहार पर भी देखने को मिला, दरअसल नगरपालिका ने हरितालिका तीज को लेकर कोई प्रचार प्रसार नहीं किया था. लेकिन बावाजूद इसके तेज बारिश, घाटों पर अव्यवस्था और कोरोना संक्रमण को देखते हुए घाटों में जाने के बजाय घर पर ही गौर निकाल लिए.

पूर्व पार्षद सुरेखा वराठे, ललीता रहड़वे, लक्ष्मी पंवार, ममता चौंहान, सुनिता पंवार, अनिता माकोड़े, पिंकी उइके, आदि ने बताया कि नगर पालिका ने नदियों, घाटों पर कोई व्यवस्था नहीं की थी. वहीं कुछ वार्डों की सड़कों को भी खोद कर रख दिया है जिससे दलदल हो गया और महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़. वही इस बारे में मुख्य नगरपालिका अधिकारी आमला बंशीलाल पंवार ने कहा है कि शासन के स्पष्ट आदेश थे कि कोई भी त्योहार सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाए इसलिये नदियों के घाटों पर व्यवस्था नहीं की गई थी.

बैतूल। शुक्रवार को हरितालिका तीज का त्योहार मनाया गया, हरितालिका तीज हिन्दु महिलाओं का सबसे महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. क्षेत्र की लगभग सभी महिलाएं तीजा का व्रत करती हैं, इस दिन का अपना ही अलग महत्व होता है. इस दिन महिलाएं रात्रि जागरण करके मां पार्वती और भगवान शंकर की आराधना करती हैं.

हरितालिका तीज में नदी के घाटों का भी काफी महत्व है, महिलाएं गौर लेने और विसर्जन के लिए नदियों के घाटों पर जाती हैं. वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन ने सार्वजनिक तौर पर त्योहार मनान में रोक लगाई है, लेकिन तीज को लेकर प्रशासन ने ना तो कोई निर्देश जारी किए हैं और ना ही नियमों का प्रचार प्रसार किया गया था. जिसके कारण कोरोना पर आस्था भारी पड़ गई और सुबह बड़ी संख्या में महिलाएं गौर लेने नदियों के घाट पर पहुंच गई और आमला नगर के पास से बहने वाली चन्द्रभागा नदी पर बड़ी संख्या में महिलाएं देखने को मिली.

महिलाओं के पंहुचने का सिलसिला दोपहर तक जारी रहा, बता दें पहले तो शासन ने कोई प्रचार-प्रसार नहीं किया और न ही कोई रोका टोकी की. लेकिन जब महिलाएं नदियों के घाटों पर पहुंची तो महिलाओं ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि नदियों के घाट पर न तो साफ सफ़ाई की गई है और ना ही रेत की व्यवस्था की गई थी और न ही नगरपालिका का कोई नुमाईदा उपस्थित है. वहीं अगर कोई हादसा हो जाए तो गोताखोर भी मौजूद नहीं हैं.

श्रद्धा भाले और मोहनी सोनपूरे ने बताया कि नगरपालिका की ओर से नदी के घाटों पर महिलाओं के लिए व्यवस्था करनी चाहिए थी. महिलाओं ने कहा कि वह सब कोरोना को ध्यान में रखते हुए और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए नदी के घाटों पर पहुंची थी. वहीं पिछले 24 घंटे से तेज बारिश का सिलसिला जारी है जिससे सभी नदी नाले उफान पर आ चुके हैं और चन्द्रभागा नदी भी अपने पूरे शबाब पर है. ऐसे में हरितालिका पर्व को लेकर प्रशासन की अनदेखी कोई बड़ी दुर्घटना का कारण भी बन सकती थी.

घरों में ही निकाले गौर..

कोरोना का असर त्योहार पर भी देखने को मिला, दरअसल नगरपालिका ने हरितालिका तीज को लेकर कोई प्रचार प्रसार नहीं किया था. लेकिन बावाजूद इसके तेज बारिश, घाटों पर अव्यवस्था और कोरोना संक्रमण को देखते हुए घाटों में जाने के बजाय घर पर ही गौर निकाल लिए.

पूर्व पार्षद सुरेखा वराठे, ललीता रहड़वे, लक्ष्मी पंवार, ममता चौंहान, सुनिता पंवार, अनिता माकोड़े, पिंकी उइके, आदि ने बताया कि नगर पालिका ने नदियों, घाटों पर कोई व्यवस्था नहीं की थी. वहीं कुछ वार्डों की सड़कों को भी खोद कर रख दिया है जिससे दलदल हो गया और महिलाओं को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़. वही इस बारे में मुख्य नगरपालिका अधिकारी आमला बंशीलाल पंवार ने कहा है कि शासन के स्पष्ट आदेश थे कि कोई भी त्योहार सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जाए इसलिये नदियों के घाटों पर व्यवस्था नहीं की गई थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.